NCERT Solutions for Class 10 Social Science Geography Chapter 3: Water Resources (जल संसाधन)
NCERT Solutions for Class 10 Social Science Geography Chapter 3: Water Resources
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NCERT Solutions for Class 10 Social Science Geography Chapter 3: जल संसाधन
प्रश्न अभ्यास
पाठ्यपुस्तक से संक्षेप में लिखें
2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए।
- बढ़ती जनसंख्या-जल अधिक जनसंख्या के घरेलू उपयोग में ही नहीं बल्कि अधिक अनाज उगाने के लिए भी चाहिए। अत: अनाज का उत्पादन बढ़ाने के लिए जल संसाधनों का अतिशोषण करके सिंचित क्षेत्र को बढ़ा दिया जाता है।
- जल का असमान वितरण-भारत में बहुत से क्षेत्र ऐसे हैं जहाँ सूखा पड़ता है। वर्षा बहुत कम होती है। ऐसेक्षेत्रों में भी जल दुर्लभता या जल की कमी देखी जा सकती है।
- निजी कुएँ या नलकूप-बहुत से किसान अपने खेतों में निजी कुएँ व नलकूपों से सिंचाई करके उत्पादन बढ़ा रहे हैं किंतु इसके कारण लगातार भू-जल का स्तर नीचे गिर रहा है और लोगों के लिए जल की उपलब्धता में कमी हो सकती है।
- औद्योगीकरण-स्वतंत्रता के बाद हुए औद्योगीकरण के कारण भारत में अलवणीय जल संसाधनों पर दबाव बढ़ गया है। उद्योगों को ऊर्जा की आवश्यकता होती है जिसकी पूर्ति जल विद्युत से की जाती है। इस कारण भी जल की कमी का सामना करना पड़ता है।
टाँका में जल अगली वर्षा ऋतु तक संग्रहीत किया जा सकता है। यह इसे जल की कमी वाली ग्रीष्म ऋतु तक पीने का जल उपलब्ध करवाने वाला स्रोत बनाता है। वर्षा जल को प्राकृतिक जल का शुद्धतम रूप माना जाता है। कुछ घरों में टाँकों के साथ-साथ भूमिगत कमरे भी बनाए जाते हैं क्योंकि जल का यह स्रोत इन कमरों को भी ठंडा रखता था जिससे ग्रीष्म ऋतु में गर्मी से राहत मिलती है।
इस प्रकार, हम देखते हैं कि देश के विभिन्न क्षेत्रों में आधुनिक काल में भी परंपरागत वर्षा जल संग्रहण की पद्धतियों को अपनाकर जल संरक्षण एवं भंडारण किया जा रहा है।
अध्याय-समीक्षा :
- विश्व में जल के आयतन का 96.5 प्रतिशत भाग महासागरों में तथा केवल 2.5 प्रतिशत भाग अलवणीय जल है।
- भारत की अधिकतर नदियाँ विशेषकर सरिताएँ प्रदूषण के कारण जहरीली धाराओं में परिवर्तित हो चुकी है।
- नदी बेसिन - मुख्य नदी तथा उसकी सहायक नदियों द्वारा कुल सिंचित क्षेत्र।
- नर्मदा बचाओ आंदोलन - नर्मदा नदी पर सरदार सरोवर बाँध बनाने के विरोध में चलाया गया आंदोलन।
- पॉलर पानी - राजस्थान के कुछ भागो में वर्षा जल का सबसे शुद्ध रूप।
- भूमिगत जल - मृदा के नीचे बिछे हुए शैल आस्तरण छिद्रों और परतों में एकत्र होने वाला जल।
- वर्षा जल संग्रहण - वर्षा जल को गड्ढों में एकत्र करना।
- जल विद्युत - ऊँचे स्थानों से जल धारा को नीचे गिराकर उत्पन्न की गई विद्युत।
- जल प्रपात - नदी घाटी के मध्य में ऊँचाई से गिरने वाला झरना।
- बाँध - बहते जल को रोकने, दिशा देने या बहाव कम करने के लिए खड़ी की गई बाधा है जो आमतौर पर जलाशय, झील अथवा जलभरण बनाती है।
- बहुउद्देशीय परियोजनाएँ - नदियों पर बाँध बनाकर एक बार में अनेक उद्देश्यों को प्राप्त करने का प्रयत्न किया जाता है।
- बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ - वे कंपनियाँ जिनके उद्योग संस्थान एक से अधिक देशों में कार्य करते हैं तथा अनेक देशों में पूंजी निवेश करते हैं तथा अधिक लाभ अर्जित करते हैं।
- बाँस ड्रिप सिंचाई प्रणाली - नदियों व झरनों के जल को बाँस के बने पाइप द्वारा एकत्रित करके सिंचाई करना बाँस ड्रिप सिंचाई कहलाता है।
1.अलवणीय जल :- सतही अपवाह और भौमजल स्त्रोतों से प्राप्त होता है |
2. जल एक नवीकरणीय संसाधन :- अलवणीय जल हमें सतही अपवाह और भौमजल स्त्रोत से प्राप्त होता है जिनका लगातार नवीकरणीय और पुनचक्रण जलीय चक्र द्वारा होता है | समुद्रों से जल वाष्पीकृत होकर बरसते है जिसके कारण जल पूर्ति होती है तथा जल समाप्त नहीं होते है इसलिए जल नवीकरणीय संसाधन हैं |
3. 2.5 % जल अलवणीय जल है |
4. जल दुर्लभता :- पृथ्वी पर आवश्कता से कम जल की उपलब्धता को जल दुर्लभता कहते है |
5. जल दुर्लभता के कारण :-
(1) जल की अधिक उपयोग |
(2) जल को प्रदूषित करना या जल प्रदुषण |
(3) बढ़ती जनसंख्या के कारण जल की माँग बढ़ रही हो जिसके कारण जल की कमी हो रही है |
(4) अनाज उगाने के लिए जल का अतिशोषण |
(5) जल की ख़राब गुणवता के कारण जल होते हुए भी हम उसे प्रयोग नहीं कर सकते है |
(6) शहरों की बढ़ती जनसंख्या से कारण वहाँ शहरी जीवन शैली के लिए अधिक जल और ऊर्जा की आवशकता होती है जिसकी पूर्ति के लिए जल संसाधन के आवशकता होती है |
(7) फैकिट्रयों द्वारा निकालने वाले रसायन के कारण जल जहरीला होआ जा रहा है जिसे हम नहीं प्रयोग कर सकते है |
(8) जल की ख़राब गुणवत्ता के कारण जल होते हुए भी हम उसे प्रयोग नहीं कर सकते है |
(9) बहुराष्ट्रीय कंपनियों में ऊर्जा की पूर्ति के लिए जल विघुत का उपयोग किया जाता है जिसके कारण जल का अधिक उपयोग हो रहा है |
(10) शहीरकरण और औघोगीकरण के कारण जल की माँग बढ़ रही है |
6. बहुउद्देशीय नदी परियोजनाएँ :- वे नदी परियोजनाएँ जो बहुत सारे उद्देशीयों की पूर्ति के लिए बनाएँ जाते है वे बहुउद्देशीय परियोजनाएँ कहलाते है |
7. बाधँ :- बाधँ बहते हुए जल को रकोने , दिशा देना या बहाव कम करने के लिए खड़ी की गई बाधा है जो आमतौर पर जलाशय झील अथवा जलभरण बनती है |
8. बाँधो का वर्गीकरण :-
(i) संरचना के अनुसार
(ii) संरचना या ऊचाँई के अनुसार
9.(a) संरचना के अनुसार :- उनमें प्रयुक्त पदार्थी के आधार पर बाँधो को लकड़ी के बाँध , तट बाँध , पक्का बाँध के बाँट जा सकता है |
(b) संरचना या ऊचाँई के अनुसार :- उचांई के अनुसार बांधों को बड़े बांधों या नीचे बाँध , माध्यम बाँध और उच्च बाँधों में वर्गीकृत किया जा सकता है |
10. बाँधों को बहुउद्देशीय परियोजनाएँ कहा जाता है :- क्योकिं बाँधों के द्वारा बहुत सारे उद्देशीय की पूर्ति की जाती है जैसे :- विघुत उत्पादन , घेरलू और औघोगीकरण उपयोग , जल आपूर्ति , बाढ़ नियंत्रण , मनोरंजन , आतंरिक नौवालन और मछली पालन , सिचाई आदि | बहुउद्देशीय परियोजनाएँ
में भी बहुत सारे उद्देशीयो की पूर्ति होती है | इसलिए बाँध को बहुउद्देशीय परियोजना कहा जाता है |
11. बहुउद्देशीय परियोजनाएँ की हानियाँ :-
(1) जलाशलों के किनारे कचरे के जमा होने के कारण जलीय जीव - आवासों में भोजन के कमी हो जाती है |
(2) जलाशयों के किनारे कचरे तथा तल छटो का जमा होना |
(3) वहाँ के निवासियों को अपना आवास तथा अपनी जमीन छोड़कर जाना पड़ता है |
(4) नदी के किनारे तलछट जमा होने के कारण बाढ़ आने का खतरा बना रहता है |
(5) बाँध नदियों को टुकड़ों में बाँट देते है | जिससे भंडा देने की ऋतु में जलीय जीवों का नदियों में स्थातरण अवरूध हो जाता है
NCERT Solutions for Class 10 Social Science Geography in Hindi
Get here all NCERT Solutions for Class 10 Geography in Hindi Medium
Chapter 1: संसाधन और विकासChapter 2: वन और वन्यजीव संसाधन
Chapter 3: जल संसाधन
Chapter 4: कृषि
Chapter 5: खनिज और ऊर्जा संसाधन
Chapter 6: विनिर्माण उद्योग
Chapter 7: राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की जीवन रेखाएँ
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