What is mobile radiation
Check Radiation level (SAR) of your Smartphone
कहीं जान का दुश्मन न बन जाए मोबाइल, ऐसे करें चेक अपने फोन का रेडिएशन स्तर
आज के इस युग में हम सबके पास अपना निजी मोबाइल फोन
है। वह दिन गए जब पूरे परिवार में एक ही लैंडलाइन फोन रहता था। धीरे-धीरे मोबाइल
फोन हमारे जीवन का एक अहम हिस्सा बन गया है। हम लगातार अपने दोस्तों या
रिश्तेदारों से बातचीत करते रहते हैं, फिर चाहे हमारा वह
दोस्त दुनिया के किसी भी कोने में बैठा हो, लेकिन क्या आपको लगता है कि यह स्वास्थ्य के लिए
ठीक है?
मोबाइल रेडिएशन न केवल पशु-पक्षियों बल्कि इंसानी जान का भी दुश्मन
बन गया है। हाल ही में तिरुवनंतपुरम के
वैज्ञानिकों की इस पर आई ताजा शोध ने हम सबकी चिंता और बढ़ा दी है। हालांकि यह शोध
कॉकरोचों पर की गई है।
जिस स्मार्ट गैजेट से हम एक मिनट के लिए भी दूर नहीं रह सकते, असल
में वो एक साइलेंट किलर बनता जा रहा है। मोबाइल रेडिएशन से मानसिक अवसाद सहित कई
घातक बीमारियों होने की आशंका रहती है। अध्ययन से
यह भी पता चला है कि मोबाइल फोन के रेडिएशन कई तरह से हमारे शरीर को नुकसान पहुंचा
सकते हैं। मोबाइल फोन के रेडिएशन हमारे शरीर को प्रभावित करता और सीधे डीएनए पर भी असर
करता है।
हलाकि भारत सरकार ने मोबाइल फोन के रेडिएशन के लिए एक मानक भी तय कर रखा जिससे ज्यादा रेडिएशन
देने वाले मोबाइल फोन की बिक्री पर रोक लगा रखी है।
इंडियाज नेशनल स्पेसिफिक एब्जॉर्बशन रेट लिमिट (INSARL) मोबाइल के रेडिएशन का मानक अधिकतम 1.6 वॉट प्रति
किलोग्राम निर्धारित किया है। जबकि चीन समेत कई अंतर्राष्ट्रीय कंपनियां इसकी
परवाह किए बिना धड़ाधड़ अपने स्मार्टफोन भारतीय बाजार में उतार रही हैं।
ऐसे करें मोबाइल रेडिएशन की जांच
अगर आप अपने मोबाइल फोन पर रेडिएशन को चैक करना चाहते हैं तो इसके
लिए आप अपने मोबाइल से *#07# डायल कीजिये। इस नंबर को डायल करते
ही आपके मोबाइल स्क्रीन पर रेडिएशन संबंधी जानकारी नजर आ जाएगी। रेडिएशन के स्तर
को इसमें दो तरह से दिखाया जाता है। एक ‘हैड’ और दूसरा ‘बॉडी’। हैड यानी फोन
पर बात करते हुए मोबाइल रेडिएशन का स्तर क्या है और बॉडी यानी फोन का इस्तेमाल
करते हुए या जेब में रखे हुए रेडिएशन का स्तर क्या है। ध्यान रखें कि रेडिएशन की
सीमा 1.6 वॉट प्रति किलोग्राम से ज्यादा न हों।
साइलेंट किलर है मोबाइल का रेडिएशन
मिनिस्ट्री ऑफ कम्यूनिकेशन के ‘स्पेसिफिक ऑब्जर्शन
रेट’ (सार) के नुसार किसी भी स्मार्टफोन, टैबलेट
या अन्य स्मार्ट डिवाइस का रेडिएशन 1.6 वॉट प्रति किलोग्राम
से अधिक नहीं होना चाहिए। शरीर से डिवाइस की 1.5 सेंटीमीटर
की दूरी पर भी यह नियम लागू होता है। यदि फोन पर बात करते हुए या जेब में रखे हुए
आपका डिवाइस रेडिएशन की इस सीमा को पार करता है, तो यह आपके
स्वास्थ और आयु दोनों के लिए खतरनाक है। सेल्युलर टेलीकम्यूनिकेशन एंड इंटरनेट
एसोसिएशन के अनुसार सभी मोबाइल हैंडसेट पर रेडिएशन संबंधी जानकारी देनी जरूरी है।
मोबाइल रेडिएशन से बचने के तरीके
:-
1. जब आपको कोई कॉल नहीं करनी हो तो ऐसे में आप फोन
को ऐरोप्लेन मोड में रख सकते हैं। ऐसा
करने से मोबाइल रेडिएशन से बच सकते हैं
2. लंबी बातचीत के लिए हैंडसेट के
बजाय आप इयरफोन अथवा ब्लूटूथ डिवाइस का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह सुविधाजनक भी
होते हैं। इनका इस्तेमाल करने से रेडिएशन का खतरा कम हो जाता है।
3. जब नेटवर्क काफी कमजोर हो तो कभी
भी उस समय मोबाइल फोन से बात ना करें । इस दौरान आपके मोबाइल से काफी रेडिएशन
निकलती है।
4. फोन पर लंबी बातचीत करने से
बचें। अगर आपको किसी से लंबी बातचीत करनी भी हो तो लैंडलाइन का इस्तेमाल करें या
फिर आप उनसे मिल लें।
5. मोबाइल फोन को अपने जेब में
रखने से बचें, क्योंकि यह आपके लिए हानिकारक साबित हो सकता
है।
7. रात को सोते समय मोबाइल को अपने
पास ना रखें। अलार्म के लिए अलार्म घड़ी का इस्तेमाल करें।
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