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best five in mpbse |
माध्यमिक शिक्षा मंडल भोपाल का बोर्ड परीक्षा परिणाम सुधारने के लिए नई पहल शुरू की गई है। 9 वीं और 10 वीं में अध्ययनरत छात्र यदि एक विषय कमजोर है तो उनको तनाव लेने की जरूरत नहीं है। इन कक्षाओं में पढऩे वाले छात्रों के लिए प्रदेश शासन द्वारा बेस्ट ऑफ फाइव पद्धति लागू की गई है। जिसके तहत विद्यार्थी एक विषय में फेल होने पर भी परीक्षा परिणाम में पास कहलाएंगे। यानि अगर विद्यार्थी 6 विषयों में से एक में फेल हो जाते हैं तो भी उन्हें उत्तीर्ण ही माना जाएगा। इस पद्धति के तहत उनको पूरक परीक्षा से गुजरना नहीं पड़ेगा। मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल भोपाल नस शैक्षणिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों की समस्याओं के प्रति संवेदनशीलता दिखाते हुए ये निर्णय इया है। यही कारण है कि बेस्ट फाइव पद्धति निकाल कर यह नियम बना दिया है। यह नया नियम इसी सत्र से लागू हो चुका है। विद्यार्थियों की पढ़ाई का बोझ लगातार कम किया जा रहा है। फेल होने वाले विद्यार्थियों के लिए रूक जाना नहीं, योजना लाने के बाद अब बेस्ट फाइव पद्धति की शुरूआत की गई है। यह पद्धति सबसे पहले 9 वीं और 10वीं कक्षा के लिए लागू की गई है।
इन कक्षाओं में सबसे अधिक ऐसे विद्यार्थियों को फायदा मिलेगा। जो किसी एक कठिन विषय को लेकर टेंशन में रहते है। कई बार ऐसा होता है कि वह सभी विषयों में बेहतर नंबर लाते है और एक विषय में फेल होने के कारण उनकी मेहनत पर पानी फिर जाता है। लेकिन अब नए नियमों से ऐसा नहीं होगा।
जानकारों के अनुसार, 9वीं एवं 10वीं कक्षा में पहुंचने पर विद्यार्थी पर पढऩे का बोझ अचानक बढ़ जाता है। जो विद्यार्थी कठिन विषयों में कमजोर होते हैं वे परीक्षा में पिछड़ जाते हैं। ऐसे विद्यार्थी गणित एवं अंग्रेजी जैसे विषयों की सही तरीके से तैयारी नहीं कर पाते। फेल होने पर वे बेहद मानसिक तनाव में आ जाते हैं। इसके चलते पूरक परीक्षा की तैयारी भी ठीक ढंग से नहीं कर पाते और फेल हो जाते हैं।
ऐसे छात्र-छात्राओं की समस्याओं को भली भांति समझने के बाद माध्यमिक शिक्षा मंडल भोपाल द्वारा 9वीं एवं 10 वीं के विद्यार्थियों को एक विषय में फेल होने के बाद भी उत्तीर्ण की सौगात दी है। स्कूल शिक्षा विभाग ने शैक्षणिक सत्र 2017-18 में 9 वीं एवं 10 वीं में एक विषय में फेल होने वाले विद्यार्थियों के लिए बेस्ट ऑफ फाइव पद्धति लागू कर दी गई है। जिन 6 विषयों में माध्यमिक शिक्षा मंडल भोपाल द्वारा परीक्षा ली जाती है। उनमें से विद्यार्थी केवल 5 में पास हो रहा है तो उसी के नंबर जोड़कर पास कर दिया जाएगा। जिसे बेस्ट फाइव पद्धति का नाम दिया गया है। लेकिन सैद्धांतिक व प्रायोगिक परीक्षा दोनो में उत्तीर्ण होना जरूरी होगा। इस आदेश से शैक्षणिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों का मनोबल बढ़ेगा। शासकीय स्कूलोंं में पढऩे वाले विद्यार्थियों को इस नई पद्धति से अधिक फायदा होगा। नए आदेश के बाद अब ऐसे विद्यार्थियों को राहत मिलेगी।
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