School Reopen: 21 सितंबर से खुलेंगे स्कूल जानिये क्या हैंं नियम

 School Reopen: 21 सितंबर से खुलेंगे स्कूल, जानिये क्या हैंं नियम

school reopen guidelines

    मध्यप्रदेश शासन, स्कूल शिक्षा विभाग वल्लभ भवन, मंत्रालय, भोपाल ने दिनांक 11/09//2020 को अपने आदेश क्रमांक/ एफ 44-4/2020/20-2 द्वारा स्कूल रि-ओपनिंग के लिए स्टैण्डर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) जारी कर दिये हैं।

    स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के पत्र दिनांक 8.9.2020 के अनुसार गृह मंत्रालय भारत सरकार के अ्द्धशासकीय पत्र दिनांक 29.8.2020 में कक्षा 9वीं से 12वीं तक के लिए स्कूलों को दिनांक 21 .9.2020 आंशिक रूप से खोले जाने का उल्लेख किया गया था। इसके लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा दिनांक 8.9.2020 को स्टैण्डर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) जारी किया गया है। स्कूल शिक्षा विभाग के उप सचिव प्रमोद सिंह ने आदेश जारी कर सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों उक्त निर्देशों का पालन करने को कहा है।

 

9 वीं से 12 वीं कक्षा के विद्यार्थियों को स्वैच्छिक आधार पर
उनके शिक्षकों से मार्गदर्शन प्राप्त करने के लिए स्कूलों को आंशिक रूप से फिर से खोलने के लिए
कोविड-19 के संदर्भ में स्टैण्डर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी)

1. पृष्ठभूमि

भारत सरकार द्वारा गतिविधियों की चरण-वार अनलॉकिंग की जा रही है। इसी सन्दर्भ में स्वैच्छिक आधार पर कक्षा 9वीं से 12वीं के विद्यार्थियों के लिए अपने शिक्षकों से मार्गदर्शन प्राप्त करने हेतु, स्कूलों में गतिविधियों को आंशिक रूप से पुनः प्रारंभ करने की अनुमति 21 सितंबर 2020 से दी जाएगी।

2. सन्दर्भ-क्षेत्र (स्कोप)

इस स्टैण्डर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) में विद्यालयों द्वारा 9 वीं से 12 वीं कक्षा के विद्यार्थियों को स्कूल आने की अनुमति देने के समय कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए अपनाए जाने वाले विभिन्न सामान्य और विशिष्ट एहतियाती उपायों की रूपरेखा दी गयी हैं।

3. सामान्य बचाव के उपाय (जेनेरिक प्रिवेंटिव मेज़र्स)

सामान्य बचाव के उपायों में ऐसे सरल सार्वजनिक स्वास्थ्य उपाय शामिल हैं, जिनका कोविड-19 के जोखिम को कम करने के लिए पालन किया जाना है। इन उपायों का पालन सभी शिक्षकों, कर्मचारियों और विद्यार्थियों द्वारा विद्यालय में और सभी स्थानों पर हर समय किया जाना चाहिए। इसमें शामिल है:

i. जहाँ तक संभव हो कम से कम 6 फीट की शारीरिक दूरी (फिजिकल डिस्टंसिंग) का पालन

किया जाना चाहिए।

ii. फेस कवर / मास्क का उपयोग अनिवार्यतः किया जाये।

iii. हाथ गंदे दिखाई न भी दें तब भी साबुन से बार-बार हाथों को कम से कम 40 से 60 सेकंड के लिए धोना।

iv. इस हेतु यदि संभव हो तो अल्कोहल-आधारित हैंड सैनिटाइज़र का उपयोग (कम से कम 20 सेकंड के लिए) किया जा सकता है।

v. श्वसन शिष्टाचार का सख्ती से पालन किया जाए। इसमें खाँसते, छींकते समय टिश्यू/रूमाल/कोहनी से नाक और मुंह को कवर करना और उपयोग के बाद टिश्यू का सही ढंग से निस्तारण (डिस्पोज़ल) शामिल है।

vi. सभी के द्वारा अपने स्वास्थ्य की स्व-निगरानी करना और किसी भी बीमारी के होने पर जल्द से जल्द रिपोर्ट करना।

vi. थूकना सख्त वर्जित होगा।

vii. जहाँ भी संभव हो, आरोग्य सेतु ऐप को इनस्टॉल करने और उपयोग करने की सलाह दी जा सकती है।

4. सभी विद्यालयों (जिनमें कक्षा 9 से 12 हो) विशेष रूप से निम्नलिखित व्यवस्था सुनिश्चित करेंगेः

i. ऑनलाइन/ दूरस्थ शिक्षा की अनुमति जारी रहेगी और इसे प्रोत्साहित किया जाएगा।

ii. कक्षा 9 वीं से 12 वीं के विद्यार्थियों को स्वैच्छिक आधार पर उनके शिक्षकों से मार्गदर्शन प्राप्त करने के लिए अपने विद्यालय जाने की अनुमति होगी। ऐसा उनके माता-पिता/ अभिभावकों की लिखित सहमति के आधार पर हो सकेगा। इस तरह से विद्यार्थियों का विद्यालय आना तथा उनके और शिक्षक के बीच परस्पर संवाद (इंटरेक्शन) छोटे-छोटे समूहों में पर्याप्त समय के अंतराल से (स्टेगई ढंग से) आयोजित किया जाना चाहिए।

 

4.1 विद्यालय खोलने से पहले

क) स्कूल को फिर से खोलने की योजना बनाना

iकेवल कन्टेनमेंट ज़ोन के बाहर के विद्यालय खोलने की अनुमति होगी। इसके अलावा, कन्टेनमेंट ज़ोन में निवासरत विद्यार्थियों, शिक्षकों और कर्मचारियों को स्कूल में उपथित होने की अनुमति नहीं दी जाएगी। विद्यार्थियों, शिक्षकों और कर्मचारियों को सलाह भी दी जाएगी कि वे कन्टेनमेंट ज़ोन क्षेत्रों में न जायें ।

ii. गतिविधियों को फिर से शुरू करने से पहले सभी शिक्षण / डेमोंस्ट्रेशन संबंधी कार्यक्षेत्र, प्रयोगशालाओं और अन्य सामान्य उपयोग वाले क्षेत्रों को 1% सोडियम हाइपोक्लोराइट सोल्यूशन से साफ़ किया जाएगा। इस सफ़ाई के दौरान बार-बार छुई जाने सतहों की सफ़ाई पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

iii. जिन स्कूलों को क्वारंटाइन केंद्रों के रूप में इस्तेमाल किया गया हो, उन्हें आंशिक कामकाज शुरू होने से पहले, ठीक ढंग से सैनिटाइज़ और भली-भाँती साफ़़ किया जाएगा। इस हेतु स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा कार्यालयों सहित आम सार्वजनिक स्थानों के कीटाणुशोधन (डिसइंफेक्शन) के सम्बन्ध में जारी दिशानिर्देश (disinfection of common public places including offices) का पालन किया किया जाना चाहिये।                             

iv. विद्यालय हेतु शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों के कुल स्वीकृत पदों के 50% शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों को ऑनलाइन शिक्षण/ टेली -काउंसलिंग और संबंधित कार्यों के लिए विद्यालय बुलाया जा सकेगा।

v. कक्षा 9 वीं से 12 वीं तक के विद्यार्थियों के पास दूर शिक्षा/ वर्चुअल कक्षाओं में भाग लेने या माता-पिता । अभिभावक की अनुमति से स्वैच्छिक आधार पर भौतिक रूप से विद्यालय में उपस्थित होकर अपने शिक्षकों से मार्गदर्शन प्राप्त कर सकने के विकल्प होंगे।

vi. स्कूल प्रशासन द्वारा बायोमेट्रिक उपस्थिति के बजाय संपर्क रहित उपस्थिति के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जायेगी।

vii. शिक्षक और सभी विद्यार्थी एक दूसरे से हर समय 6 फीट की शारीरिक दूरी बनाए रखेंगे। इसके अनुसार गतिविधियों और बैठने की योजना तय की जायेगी।

viii. साबुन की व्यवस्था के साथ-साथ हाथ धोने की सुविधा सुनिश्चित की जायेगी।

ix. परिसर के अंदर और बाहर कतार प्रबंधन (क्यू मैनेजमेंट) सुनिश्चित करने के लिए, 6 फीट के अंतर पर विशिष्ट चिह्नों को फर्श पर बनाया जा सकता है। इसी प्रकार, स्टाफ रूम, कार्यालय क्षेत्र (रिसेप्शन क्षेत्र सहित), लाइब्रेरी, मेस, कैफेटेरिया और अन्य स्थानों पर भी शारीरिक दूरी बनाए रखी जाएगी।

х. शिक्षक विद्यार्थियों का परस्पर संवाद मौसम को ध्यान में रखते हुए बाहरी स्थानों का उपयोग करते हुए संचालित किया जा सकता है। ऐसा करते समय विद्यार्थियों की सुरक्षा और शारीरिक दूरी के प्रोटोकॉल का ध्यान रखा जायेगा।

xi. असेंबलियों, खेल और ऐसी गतिविधीयॉ समारोह जिनमें भीड़ इकट्ठा हो सकती हो, सख्ती से निषिद्ध रहेंगे।

xii. विद्यालय द्वारा रांज्य हेल्पलाइन नंबर और स्थानीय स्वास्थ्य प्राधिकरण आदि के नंबर को विद्यालय में प्रदर्शित किया जायेगा जिससे किसी भी आपात स्थिति के दौरान शिक्षकों/ विद्यार्थियों/ कर्मचारियों दवारा संपर्क किया जा सके।

xiii. एयर-कंडीशनिंग/ वेंटिलेशन के लिए, सी. पी.डब्ल्यू डी. के दिशानिर्देशों का पालन किया जाएगा, जो इस बात पर ज़ोर देता है कि सभी एयर-कंडीशनिंग उपकरणों की तापमान सेटिंग 24-30° C की सीमा में होनी चाहिए, सापेक्ष आर्द्रता 40-70% होनी चाहिए, ताज़ी हवा जितनी अधिक संभव हो उतनी ग्रहण हो सके और क्रॉस वेंटिलेशन पर्याप्त होना चाहिए।

xiv. शारीरिक दूरी और नियमित कीटाणुशोधन (डिसइंफेक्शन) के नियमित पालन होने पर विद्यार्थियों के लॉकर उपयोग में बने रहेंगे।

xv. जिमनेज़ियम के सम्बन्ध दिशानिर्देशों का पालन किया जाएगा

xvi. स्विमिंग पूल (जहां भी लागू हो) बंद रहेगा।

 

ख) गतिविधियों की योजना और निर्धारण

सभी कर्मचारी जो उच्च जोखिम पर हैं, यानी अधिक उम्र वाले कर्मचारी, गर्भवती कर्मचारी और कर्मचारी जिन्हें ख़राब स्वास्थ्य की स्थिति को ध्यान में रखते हुए अतिरिक्त सावधानी बरतने के लिए कहा गया हो, उन्हें विद्यार्थियों के साथ सीधे संपर्क में आने की आवश्यकता वाले किसी भी फ्रंट-लाइन काम में नहीं लगाया जाना चाहिए।

पहले दिन ऑनलाइन बातचीत या मार्गदर्शन सत्र के दौरान सभी कर्मचारियों और विद्यार्थियों द्वारा iGOT ऑनलाइन मॉड्यूल प्रशिक्षण पाठ्यक्रम 'कोविड पर बुनियादी जागरूकता' का प्रशिक्षण लिया जा सकता है

ग) आपूर्ति की उपलब्धता और प्रबंधन

i. व्यक्तिगत सुरक्षा वस्तुओं/ सामग्रियों जैसे फेस कवर/ मास्क , विजर्स, हैंड सैनिटाइज़र, आदि का उचित बैक-अप स्टॉक शिक्षकों और कर्मचारियों को प्रबंधन द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा।

ii. थर्मल गन, अल्कोहलः वाइप्स या 1% सोडियम हाइपोक्लोराइट के घोल और डिस्पोजेबल पेपर टॉवल, साबुन, कोविड पर आईईसी सामग्री की पर्याप्त आपूर्ति की जाये।

iii. रोगग्रस्त व्यक्ति के ऑक्सीजन संतृप्ति स्तर की जांच के लिए पल्स ऑक्सीमीटर की व्यवस्था की जानी चाहिए।

iv. पर्याप्त रूप से कवर किए गए/ कवर युक्त डस्टबिन और कचरा डिब्बे (ट्रैश कैन) की उपलब्धता सुनिश्चित की जाये।

v. उपयोग किये गए व्यक्तिगत सुरक्षा आइटम और सामान्य कचरे के उचित निपटान के लिए CPCB दिशानिर्देशों के अनुसार प्रावधान किया जाये

vi. हाउज़कीपिंग और सफ़ाई कर्मचारी को अपशिष्ट प्रबंधन और निपटान के मानदंडों के बारे में सूचित और प्रशिक्षित किया जाना चाहिए।

4.2 स्कूलों के खुलने के बाद

क) प्रवेश स्थान (एंट्री पॉइंट) पर:

i. प्रवेश पर अनिवार्य रूप से हाथ की स्वच्छता हेतु सैनिटाइजर डिस्पेंसर और थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था होनी चाहिए। प्रवेश और निकास के लिए एक से अधिक फाटकों का उपयोग किया जाना चाहिए।

ii. परिसर में केवल एसिम्प्टोमेटिक व्यक्तियों (शिक्षकों, कर्मचारियों और विद्यार्थियों) अर्थात जिनमें कोरोना के लक्षण न हों, को ही प्रवेश की अनुमति दी जानी चाहिए। यदि किसी शिक्षक/ कर्मचारी/ विद्यार्थी में कोरोना लक्षण के पाए जाते हैं, तो उसे निकटतम स्वास्थ्य केंद्र में भेजा जाना चाहिए।

li. विद्यालय में कोविड-19 के बारे में निवारक उपायों संबंधी पोस्टर्स/ स्टैंडीज़ प्रमुखता से प्रदर्शित किए जाएंगे।

iv. पार्किंग स्थल, गलियारों और लिफ्ट में भौतिक दूरी मानदंडों का पालन करते हुए उचित भीड़ प्रबंधन किया जाएगा।

v. आगंतुकों का प्रवेश सख्ती से विनियमित/ प्रतिबंधित किया जाना चाहिए।

ख) स्कूल परिसर के भीतर कमरों या खुली जगहों पर मार्गदर्शन गतिविधियों का संचालन

i. कुर्सियों, डेस्क, आदि के बीच 6 फीट की दूरी सुनिश्चित करते हुए बैठने की व्यवस्था सुनिश्चित की जायेगी।

ii. मार्गदर्शन गतिविधियों के दौरान स्टैगरिंग की जायेगी। इस हेतु कक्षा में पर्याप्त भौतिक दूरी बनाये रख पाने और कक्षा के कीटाणुशोधन (डिसइंफेक्शन) को ध्यान में रखते हुए विद्यार्थियों/ शिक्षकों हेतु अलग-अलग टाइम-स्लॉट तय किये जायेंगे।

iii. शिक्षक यह सुनिश्चित करेंगे कि मार्गदर्शन गतिविधियों के संचालन के दौरान वे स्वयं और छात्र मास्क पहने रहेंगे।

iv. विद्यार्थियों के बीच नोटबुक, पेन/ पेंसिल, इरेज़र, पानी की बोतल, आदि जैसी वस्तुओं को साझा करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए ।

ग) कार्यशालाओं/ प्रयोगशालाओं में कौशल आधारित प्रशिक्षण का संचालन

i. प्रयोगशालाओं में प्रयोगिक गतिविधियों के लिए प्रत्येक कालखंड में अधिकतम विद्यार्थी संख्या रिडिज़ाइंड स्थान और शिड्यूल के आधार पर नियत की जा सकती है।

ii. सुनिश्चित किया जाएगा कि उपकरणों को कीटाणुरहित किया गया है, विशेष रूप से सतहों को प्रत्येक उपयोग के पहले और बाद में अक्सर छुई जाने वाली कीटाणुरहित किया गया है।

iii. उपकरण/ वर्कस्टेशन पर काम करने के लिए प्रति व्यक्ति 4 वर्गमीटर का फर्श क्षेत्र सुनिश्चित करें।

iv. सुनिश्चित करें कि प्रत्येक व्यक्ति प्रशिक्षण उपकरण का उपयोग करने से पहले और बाद में अपने हाथों को साफ करे। इस के लिए वर्कस्टेशन/ सिमुलेशन लैब, आदि में हैण्ड सैनिटाइज़र प्रदान किया जाना चाहिए।

घ) सामान्य क्षेत्रों में गतिविधियाँ ‌‌- पुस्तकालय, मेस/ कैंटीन, कॉमन रूम, व्यायामशाला आदि।

i. उपरोक्त स्थानों पर भी 6 फीट की शारीरिक दूरी बनाए रखी जाये।

ii. आम क्षेत्रों का उपयोग करने वाले व्यक्ति हर समय मास्क फेस कवर का उपयोग करें।

iii. कैफेटेरिया/ मेस की सुविधा, यदि कोई परिसर के भीतर है, तो बंद रहेगी।

ड.) संस्था द्वारा परिवहन

यदि विद्यालय द्वारा परिवहन सुविधा का प्रबंधन किया जा रहा हैतो बसों अन्य परिवहन वाहनों में समुचित भौतिक दूरी सुनिश्चित की जाएगी और बसों/ अन्य परिवहन वाहनों का 1 सोडियम हाइपोक्लोराइट के उपयोग से सैनिटाइज़ेशन सुनिश्चित किया जाएगा।

5. स्वच्छता

i. फ़र्श की दैनिक सफाई की जाएगी।

ii. शौचालयों में साबुन और अन्य सामान्य क्षेत्रों में हैंड सैनिटाइज़र की पर्याप्त मात्रा में व्यवस्था सुनिश्चित की जानी चाहिए।

iii. कक्षाओं की शुरुआत से पहले और दिन के अंत में सभी क्लास रूम, प्रयोगशालाओं, लॉकर, पार्किंग क्षेत्र, अन्य सामान्य क्षेत्रों आदि की बार-बार छुई जाने वाली सतहों (दरवाज़े के नॉब, लिफ्ट-बटन, हैंड-रेल, कुर्सियाँ, बेंच, वॉशरूम फिक्सचर, आदि) की सफाई और उनका नियमित रूप से कीटाणुशोधन (डिसइंफेक्शन) 1% सोडियम हाइपोक्लोराइट के उपयोग से किया जाना अनिवार्य होगा।

iv. शिक्षण सामग्री, कंप्यूटर, लैपटॉप, प्रिंटर, 70% अल्कोहल वाइप्स द्वारा नियमित रूप से कीटाणुरहित किये जायेंगे।

v. सभी पीने और हाथ धोने के स्टेशनों, वॉशरूम और लैवेटरी (शौचालय) की गहरी सफाई सुनिश्चित की जाएगी।

vi. विद्यार्थियों और कर्मचारियों को सलाह दी जानी चाहिए कि वे कक्षाओं, कार्य स्टेशनों और अन्य सामान्य क्षेत्रों में रखे गए अलग-अलग कवर किए गए बिन में इस्तेमाल किए गए फेस कवर/ मास्क का डिस्पोजल (निपटान) करें। इन्हें 3 दिनों के लिए डिब्बे में ही संग्रहीत रखा जाये और तत्पश्चात इन्हें काट कर। कतरन करके सूखे सामान्य ठोस-अपशिष्ट के रूप में निपटाया जाए।

vii. स्वास्थ्य सुरक्षा कारणों से विद्यार्थियों को किसी भी सफाई गतिविधियों में शामिल नहीं किया जाए।

6. जोखिम संबंधी जागरूकता का संचार

i. स्कूल छोड़ते समय और अपने खाली समय में विद्यार्थी इकड्ठा न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए जागरूकता पैदा की जाए।

ii. कोविड संबंधी उचित व्यवहार के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए विद्यार्थियों, माता-पिता, शिक्षकों और कर्मचारियों को ऊपर दिए गए सामान्य उपायों पर सेंज़ीटाइज़ करें।

iii. यदि कोई छात्र, शिक्षक या कर्मचारी बीमार है, तो उन्हें स्कूल नहीं आना चाहिए और इस संबंध में आवश्यक प्रोटोकॉल का पालन करना चाहिए।

7. मनो-सामाजिक (साइको-सोशल) स्वास्थ्य

i. सुनिश्चित करें कि चिंता और अवसाद जैसे मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों वाले विद्यार्थियों और शिक्षकों के लिए नियमित परामर्श की व्यवस्था की जाये।

ii. विद्यार्थियों की भावनात्मक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए शिक्षक, स्कूल काउंसलर और स्कूल स्वास्थ्य कार्यकर्ता एकजुट होकर काम करें।

৪. छात्र/ शिक्षक कर्मचारी द्वारा लक्षणों (बुखार, खांसी, सांस लेने में कठिनाई) के मामले में एसओपी का पालन किया जाना

i. बीमार/ बीमारी के लक्षण वाले व्यक्ति को एक अलग कमरे या क्षेत्र में रखें, जहाँ वो दूसरों से अलग-थलग हो।

ii. इस संबंध में माता-पिता/ अभिभावकों को तत्काल सूचित करें।

iii. ऐसे रोगी मास्क/ फेस कवर पहन कर से अलग-थलग रहें।

iv. निकटतम चिकित्सा सुविधा (अस्पताल। क्लिनिक) को तुरंत सूचित करें या राज्य या जिला हेल्पलाइन पर कॉल करें।

v. नामित सार्वजनिक स्वास्थ्य प्राधिकरण (जिला आरआरटी/ चिकित्सक) द्वारा रिस्क असेसमेंट (जोखिम मूल्यांकन) किया जाएगा और तदनुसार केस के आगामी प्रबंधन, उसके संपर्कों संबंधी आवश्यक प्रबंधन और कीटाणुशोधन (डिसइंफेक्शन) की आवश्यकता के संबंध में कार्रवाई शुरू की जाएगी।

vi. यदि व्यक्ति पॉजिटिव पाया जाता है तो परिसर का कीटाणुशोधन (डिसइंफेक्शन) किया जाएगा।

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