मध्यप्रदेश में शिक्षक भर्ती के नियम में किया बड़ा बदलाव

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मध्यप्रदेश के सरकारी स्कूलों में होने वाली शिक्षक भर्ती के नियमों में स्कूल शिक्षा विभाग ने बड़ा बदलाव किया है। अब उम्मीदवार को दो परीक्षाओं को क्वालिफाई करना होगा। आगे होने वाली भर्तियां शिक्षक पात्रता परीक्षा (एमपीटेट) की मेरिट के आधार पर नहीं होंगी। पात्रता परीक्षा को क्वालिफाई करने के बाद उम्मीदवार के लिए चयन परीक्षा संबंधित विषय के लिए आयोजित कराई जाएगी। इस संबंध में "मध्यप्रदेश राज्य स्कूल शिक्षा सेवा (शैक्षणिक संवर्ग) में सेवा शर्तें एवम् भर्ती नियम 2018" में संशोधन कर दिया है। जिसका प्रकाशन दिनांक 1 दिसंबर 2022 को राजपत्र में कर दिया गया है।
इस चयन परीक्षा की मेरिट के आधार पर ही उम्मीदवार को संबंधित खाली पदों पर बतौर शिक्षक नियुक्ति मिल सकेगी, यानी अब मप्र कर्मचारी चयन मंडल द्वारा आयोजित की जाने वाली पात्रता परीक्षा के स्कोर का विशेष महत्व नहीं रह जाएगा। वह सिर्फ शिक्षक बनने एक अनिवार्य योग्यता भर रह जाएगी। इस तरह उत्तरप्रदेश और राजस्थान सरकारें भी शिक्षक भर्ती के लिए दो एग्जाम लेती हैं। उत्तरप्रदेश में पहला यूपीटेट होता। इसमें क्वालिफाई होने वाले उम्मीदवार का सुपर टेट कराया जाता है। वहीं राजस्थान में पहला आरटेट दूसरा- राजस्थान इलिजबिलिटी एग्जामिनेशन फॉर टीचर (रीट) होता है।
दिनांक 1 दिसंबर 2022 को प्रकाशित राजपत्र में स्पष्ट किया गया है कि (तीन) उप नियम (8) के स्थान पर, निम्नलिखित उप नियम स्थापित किया जाए, अर्थात्:-
“शिक्षकों के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु विषयमान से चयन परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। इस चयन परीक्षा में शिक्षक पात्रता परीक्षा में अर्हता अर्जित करने वाले अभ्यर्थी ही भाग ले सकेंगे। शिक्षकों के रिक्त पदों पर नियुक्ति हेतु चयन परीक्षा के आधार पर चयन सूची तैयार की जाएगी। चयन परीक्षा शासन द्वारा विहित अभिकरण द्वारा संचालित की जाएगी। नियुक्ति के लिए विज्ञापन एवं प्रकिया राज्य शासन के कार्यपालिक आदेश द्वारा विनिर्दिष्ट की जाएगी ।"
उधर, साल 2018 में हुई उच्च माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा और माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा के अलावा प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा-2020 की वैधता (वैलिडिटी) भी आजीवन कर दी गई है। इन पात्रता परीक्षाओं को क्वालिफाई कर चुके उम्मीदवारों को शिक्षक भर्ती के लिए दोबारा पात्रता परीक्षा देने की जरूरत नहीं होगी। यह सीधे चयन परीक्षा में शामिल हो सकेंगे। तीनाें वर्ग की पात्रता परीक्षा में क्वालिफाई उम्मीदवारों की संख्या 4.54 लाख है। आगे होने वाली सभी पात्रता परीक्षाओं की वैधता भी आजीवन रहेगी। शिक्षक पात्रता परीक्षा की वैधता की तारीख भले की आजीवन कर दी गई हो, लेकिन शिक्षक बनने के लिए न्यूनतम आयु 21 वर्ष और अधिकतम 40 वर्ष है। अनुकंपा नियुक्ति के मामले में उम्मीदवार को चयन परीक्षा के प्रावधान से छूट मिल सकेगी।
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