NCERT Solutions | Class 12 Geography Chapter 5

NCERT Solutions | Class 12 Geography Fundamentals of Human Geography (खण्ड 1: मानव भूगोल के मूल सिद्धांत) Chapter 5 | Primary Activities (प्राथमिक क्रियाएँ) 

NCERT Solutions for Class 12 Geography Fundamentals of Human Geography (खण्ड 1: मानव भूगोल के मूल सिद्धांत) Chapter 5 Primary Activities (प्राथमिक क्रियाएँ)

CBSE Solutions | Geography Class 12

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NCERT | Class 12 Geography Fundamentals of Human Geography (खण्ड 1: मानव भूगोल के मूल सिद्धांत)

NCERT Solutions Class 12 Geography
Book: National Council of Educational Research and Training (NCERT)
Board: Central Board of Secondary Education (CBSE)
Class: 12
Subject: Geography
Chapter: 5
Chapters Name: Primary Activities (प्राथमिक क्रियाएँ)
Medium: Hindi

Primary Activities (प्राथमिक क्रियाएँ) | Class 12 Geography | NCERT Books Solutions

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NCERT Solutions for Class 12 Geography Fundamentals of Human Geography Chapter 5 Primary Activities (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 12 Geography Fundamentals of Human Geography Chapter 5 Primary Activities (Hindi Medium)

[NCERT TEXTBOOK QUESTIONS SOLVED] (पाठ्यपुस्तक से हल प्रश्न)

प्र० 1. नीचे दिए गये चार विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए।
(i) निम्न में से कौन-सी रोपण फसल नहीं है?
(क) कॉफी
(ख) गन्ना
(ग) गेहूँ।
(घ) रबड़
(ii) निम्न देशों में से किस देश में सहकारी कृषि का सफल परीक्षण किया गया है?
(क) रूस
(ख) डेनमार्क
(ग) भारत
(घ) नीदरलैंड
(iii) फूलों की कृषि कहलाती है
(क) टूक फार्मिंग
(ख) कारखाना कृषि
(ग) मिश्रित कृषि
(घ) पुष्पोत्पादन
(iv) निम्न में से कौन-सी कृषि के प्रकार का विकास यूरोपीय औपनिवेशिक समूहों द्वारा किया गया?
(क) कोलखहोज़
(ख) अंगूरोत्पादन
(ग) मिश्रित कृषि
(घ) रोपण कृषि
(v) निम्न प्रदेशों में से किसमें विस्तृत वाणिज्य अनाज कृषि नहीं की जाती है?
(क) अमेरिका एवं कनाडा वे 5 प्रेयरी क्षेत्र
(ख) अर्जेंटाइना के पंपास क्षेत्र
(ग) यूरोपीय स्टैपीज़ क्षेत्र
(घ) अमेजन बेसिन
(vi) निम्न में से किस प्रकार की कृषि में खट्टे रसदार फलों की कृषि की जाती है?
(क) बाज़ारीय सब्जी कृषि
(ख) भूमध्यसागरीय कृषि
(ग) रोपण कृषि
(घ) सहकारी कृषि
(vii) निम्न कृषि के प्रकारों में से कौन-सा प्रकार कर्तन-दहन कृषि का प्रकार है?
(क) विस्तृत जीवन निर्वाह कृषि
(ख) आदिकालीन निर्वाहक कृषि
(ग) विस्तृत वाणिज्य अनाज षि
(घ) मिश्रित कृषि
(viii) निम्न में से कौन-सी एकल कृषि नहीं है?
(क) डेरी कृषि
(ख) मिश्रित कृषि
(ग) रोपण कृषि
(घ) वाणिज्य अनाज कृषि

उत्तर :


(i) (ग) गेहूँ
(ii) (ख) डेनमार्क
(iii) (घ) पुष्पोत्पादन
(iv) (घ) रोपण कृषि।
(v) (घ) अमेजन बेसिन
(vi) (ख) भूमध्यसागरीय कृषि
(vii) (ख) आदिकालीन निर्वाहक कृषि
(viii) (ख) मिश्रित कृषि

प्र० 2. निम्न प्रश्नों का 30 शब्दों में उत्तर दीजिए
(i) स्थानांतरी कृषि का भविष्य अच्छा नहीं है। विवेचना कीजिए।

उत्तर :

थानांतरी कृषि में भूमि की उर्वरता समाप्त होते ही उसे छोड़ना पड़ता है तथा दूसरे भूमि के टुकड़े की वनस्पति को काट व जलाकर साफ करना पड़ता है। इससे भूमि व पर्यावरण दोनों को हानि होती है। दूसरी ओर, जिन क्षेत्रों में कृषि का यह आदिम रूप प्रचलित है, वे लोग भी आधुनिक प्रौद्योगिकी से परिचित होने लगे हैं। अतः स्थानांतरी कृषि का भविष्य अच्छा नहीं है।
(ii) बाजारीय सब्ज़ी कृषि नगरीय क्षेत्रों के समीप ही क्यों की जाती है?

उत्तर :

बाजारीय सब्ज़ी कृषि जिसमें सब्जियाँ, फल व पुष्प उगाये जाते हैं, उनकी माँग वे खपत नगरीय क्षेत्रों में अधिक होती है। ऊँची आयवाले उपभोक्ता नगरीय केंद्रों में रहते हैं जहाँ इन उत्पादों को अच्छी कीमत मिल जाती है। कृषि के इस रूप में गहन श्रम तथा अधिक पूँजी की आवश्यकता होती है जिसकी भरपाई उच्च आयवाले उपभोक्ता ही कर पाते हैं। अतः यह कृषि नगरीय क्षेत्रों के समीप ही की जाती है।
(iii) विस्तृत पैमाने पर डेरी कृषि का विकास यातायात के साधनों एवं प्रशीतकों के विकास के बाद ही क्यों संभव हो। सका है?

उत्तर :

डेरी कृषि में बड़े पैमाने पर दुधारू पशुओं को वैज्ञानिक विधि से पाला जाता है। दूध तथा दुग्ध उत्पाद जल्दी खराब होने वाले पदार्थ होते हैं। अतः समय पर इन्हें उपभोक्ताओं तक पहुँचाना होता है जो विकसित यातायात के साधनों, प्रशीतकों का उपयोग करके व पाश्चुरीकरण की सुविधाओं के प्रचलन के बाद ही इस कृषि का विकास तेजी से हुआ है।

प्र० 3. निम्न प्रश्नों का 150 शब्दों में उत्तर दीजिए|
(i) चलवासी पशुचारण और वाणिज्य पशुधन पालन में अंतर कीजिए।

उत्तर :

चलवासी पशुचारण
1. चलवासी पशुचारण एक प्राचीन जीवन-निर्वाह व्यवसाय है। जिसमें पशुचारक अपने भोजन, वस्त्र, शरण, औजार एवं यातायात के लिए अपने पशुओं पर निर्भर करता है।
2. पशुचारक पानी एवं चरागाहों की खोज में मैदानी भागों तथा पर्वतीय क्षेत्रों में लम्बी दूरियाँ तय करते हैं।
3. भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में कई प्रकार के पशु पाले जाते हैं जो वहाँ की जलवायु व प्राकृतिक वातावरण के अनुकूल उपयोगी होते हैं।
4. पशुचारक ऋतुओं के अनुसार, अपने पशुओं के साथ ऋतुप्रवास करते हैं। भारत में गुज्जर, बकरवाल, गद्दी एवं भूटिया लोगों के समूह ग्रीष्मकाल में मैदानी क्षेत्रों से पर्वतीय क्षेत्रों की ओर तथा शीत ऋतु में पर्वतीय क्षेत्रों से मैदानी भागों की ओर आ जाते हैं। इसी प्रकार टुंड्रा प्रदेशों तथा मरुस्थलों में भी ऋतु प्रवास होता हैं।
5. चलवासी पशुचारकों की संख्या धीरे-धीरे कम हो रही है, ये लोग दूसरे व्यवसायों की ओर आकर्षित हो रहे हैं।
वाणिज्य पशुधन पालन
1. चलवासी पशुचारण की अपेक्षा वाणिज्य पशुधन पालन अधिक व्यवस्थित एवं पूँजीप्रधान है। यह पश्चिमी संस्कृति से प्रभावित है।
2. वाणिज्य पशुधन पालन के फार्म स्थायी होते हैं। ये फार्म विस्तृत क्षेत्र में फैले होते हैं तथा संपूर्ण क्षेत्र को छोटी-छोटी इकाईयों में विभाजित कर दिया जाता है। इसमें चराई नियंत्रित होती है।
3. वाणिज्य पशुधन पालन में पशुओं की संख्या भी चरागाह की हन क्षमता के अनुसार ही रखी जाती है।
4. यह एक विशिष्ट गतिविधि है, जिसमें केवल एक ही प्रकार के पशु पाले जाते हैं। पशुओं में भेड़, बकरी, गाय-बैल व घोड़े होते हैं।
5. पशुओं को मांस, खालें एवं ऊन को प्राप्त करने के लिए पाला जाता हैं यह उत्पाद वैज्ञानिक ढंग से संसाधितएवं डिब्बाबंद कर विश्व के बाजारों में निर्यात कर दिया जाता है।
6. पशुधन पालन को वैज्ञानिक आधार पर व्यवस्थित करके इनके प्रजनन, जननिक सुधार व बीमारियों को नियंत्रित कर उनके स्वास्थ्य पर जोर दिया जाता है।
(ii) रोपण कृषि की मुख्य विशेषताएँ बतलाइये एवं भिन्न-भिन्न देशों में उगाई जाने वाली कुछ प्रमुख रोपण फसलों के नाम बताइए।

उत्तर :

रोपण कृषि की मुख्य विशेषताएँ निम्नलिखित हैं
1. रोपण कृषि एक फसली कृषि है जिसमें किसी एक फसल के उत्पादन पर ही ध्यान केंद्रित किया जाता है।
2. इस कृषि क्षेत्र का आकार बहुत विस्तृत होता है।
3. इस कृषि में अधिक पूंजीनिवेश उच्च प्रबंध एवं तकनीकी आधार तथा वैज्ञानिक विधियों का प्रयोग किया जाता है।
4. बागान एवं बाजार विकसित यातायात के द्वारा सुचारु रूप से जुड़े होते हैं।
5. रोपण कृषि सस्ते किंतु कुशल श्रमिकों के आधार पर की जाने वाली कृषि है।
6. इस कृषि का आरंभ यूरोपीय साम्राज्यवादी देशों ने अपने अधीन उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में चाय, कॉफी, कोको, रबड़, कपास, गन्ना, केले एवं अनन्नास की पौध लगाकर किया था।
फ्रांसीसियों ने पश्चिमी अफ्रीका में कॉफी एवं कोकोआ की पौध लगाई थी। ब्रिटेनवासियों ने भारत एवं श्रीलंका में चाय के बाग, मलेशिया में रबड़ के बाग एवं पश्चिमी द्वीपसमूह में गन्ना एवं केले के बाग विकसित किए। स्पेन एवं अमेरिकावासियों ने फिलीपाइंस में नारियल व गन्ने के बागान लगाये। इंडोनेशिया में गन्ने की कृषि पर डचों (हॉलैंडवासियों) का एकाधिकार था।
ब्राजील में अभी भी कुछ कॉफी के बागान, जिन्हें फेजेंडा कहा जाता है, यूरोपवासियों के नियंत्रण में हैं। किंतु वर्तमान में अधिकतर बागानों का स्वामित्व इन देशों के नागरिकों अथवा सरकार के नियंत्रण में है।

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