NCERT Solutions for Class 9 Social Science Economics Chapter 2 People as Resource संसाधन के रूप में लोग

       

 NCERT Solutions for Class 9 Social Science Economics Chapter 2 People as Resource  संसाधन के रूप में लोग

NCERT Solutions for Class 9 Social Science Economics Chapter 2 People as Resource  संसाधन के रूप में लोग

These Solutions are part of NCERT Solutions for Class 9 Social Science in Hindi Medium. Here we have given NCERT Solutions for Class 9 Social Science Economics Chapter 2 People as Resource  संसाधन के रूप में लोग Sansadhan Ke Roop Men Log.


प्रश्न अभ्यास
पाठ्यपुस्तक से


प्रश्न 1. ‘संसाधन के रूप में लोग’ से आप क्या समझते हैं ?
उत्तरः ‘संसाधन के रूप में लोग किसी देश के कार्यरत लोगों को उनके वर्तमान उत्पादन कौशल एवं योग्यताओं
का वर्णन करने का एक तरीका है। यह लोगों की सकल घरेलू उत्पाद के सृजन में योगदान करने की योग्यता पर बल देता है। अन्य संसाधनों की भांति जनसंख्या भी एक संसाधन है जिसे ‘मानव
संसाधन’ कहा जाता है।

प्रश्न 2. मानव संसाधन भूमि एवं भौतिक पूँजी जैसे अन्य संसाधनों से भिन्न कैसे हैं ?
उत्तरः कुछ लोग यह मानते हैं कि जनसंख्या एक दायित्व है न कि एक परिसंपत्ति। किन्तु यह सच नहीं है। लोगों को एक परिसंपत्ति बनाया जा सकता है यदि हम उनमें शिक्षा, प्रशिक्षण एवं चिकित्सा सुविधाओं के द्वारा निवेश करें। जिस प्रकार भूमि, जल, वन, खनिज आदि हमारे बहुमूल्य प्राकृतिक संसाधन हैं उसी प्रकार मनुष्य भी एक बहुमूल्य संसाधन हैं। लोग राष्ट्रीय परिसंपत्तियों के उपभोक्ता मात्र नहीं हैं। अपितु वे राष्ट्रीय संपत्तियों के उत्पादक भी हैं। वास्तव में मानव संसाधन अन्य संसाधनों जैसे कि भूमि तथा पूँजी की अपेक्षाकृत श्रेष्ठ हैं क्योंकि वे भूमि एवं पूँजी का प्रयोग करते हैं। भूमि एवं पूँजी स्वयं उपयोगी नहीं हो सकते।

प्रश्न 3. मानव पूँजी निर्माण में शिक्षा की क्या भूमिका है?
उत्तरः मानव पूँजी निर्माण अथवा मानव संसाधन विकास में शिक्षा की महत्त्वपूर्ण भूमिका है। शिक्षा एवं कौशल किसी व्यक्ति की आय को निर्धारित करने वाले मुख्य कारक हैं। किसी बच्चे की शिक्षा और प्रशिक्षण पर किए गए निवेश के बदले में वह भविष्य में अपेक्षाकृत अधिक आय एवं समाज में बेहतर योगदान के रूप में उच्च प्रतिफल दे सकता है। शिक्षित लोग अपने बच्चों की शिक्षा पर अधिक निवेश करते पाए जाते हैं। इसका कारण यह है कि उन्होंने स्वयं के लिए शिक्षा का महत्त्व जान लिया है। यह कहने की आवश्यकता नहीं है कि यह शिक्षा ही है जो एक व्यक्ति को उसके सामने उपलब्ध आर्थिक अवसरों का बेहतर उपयोग करने में सहायता करती है। शिक्षा श्रम की गुणवत्ता में वृद्धि करती है। और कुल उत्पादकता में वृद्धि करने में सहायता करती है। कुल उत्पादकता देश के विकास में योगदान देती है।

प्रश्न 4. मानव पूँजी निर्माण में स्वास्थ्य की क्या भूमिका है?
उत्तरः मानव पूँजी निर्माण अथवा मानव संसाधन विकास में स्वास्थ्य की महत्त्वपूर्ण भूमिका है।

(क) केवल एक पूर्णतः स्वस्थ व्यक्ति ही अपने काम के साथ न्याय कर सकता है। इस प्रकार यह किसी व्यक्ति के कामकाजी जीवन में महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करता है।
(ख) एक अस्वस्थ व्यक्ति अपने परिवार, संगठन एवं देश के लिए दायित्व है। कोई भी संगठन ऐसे व्यक्ति को काम पर नहीं रखेगा जो खराब स्वास्थ्य के कारण पूरी दक्षता से काम न कर सके।
(ग) स्वास्थ्य न केवल किसी व्यक्ति के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाता है अपितु मानव संसाधन विकास में वर्धन करता है जिस पर देश के कई क्षेत्रक निर्भर करते हैं।
(घ) किसी व्यक्ति का स्वास्थ्य अपनी क्षमता एवं बीमारी से लड़ने की योग्यता को पहचानने में सहायता करता है।

प्रश्न 5. किसी व्यक्ति के कामयाब जीवन में स्वास्थ्य की क्या भूमिका है?
उत्तरः हम सभी जानते हैं कि एक स्वस्थ शरीर में ही एक स्वस्थ दिमाग निवास करता है। स्वास्थ्य जीवन का एक महत्त्वपूर्ण पहलू है। स्वास्थ्य का अर्थ जीवित रहना मात्र ही नहीं है। स्वास्थ्य में शारीरिक, मानसिक, आर्थिक एवं सामाजिक सुदृढता शामिल हैं। स्वास्थ्य में परिवार कल्याण, जनसंख्या नियंत्रण, दवा नियंत्रण, प्रतिरक्षण एवं खाद्य मिलावट निवारण आदि बहुत से क्रियाकलाप शामिल हैं। यदि कोई व्यक्ति अस्वस्थ है तो वह ठीक से काम नहीं कर सकता। चिकित्सा सुविधाओं के अभाव में एक अस्वस्थ मजदूर अपनी उत्पादकता और अपने देश की उत्पादकता को कम करता है। इसलिए किसी व्यक्ति के कामयाब जीवन में स्वास्थ्य महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

प्रश्न 6. प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक क्षेत्रकों में किस तरह की विभिन्न आर्थिक क्रियाएँ संचालित की जाती हैं ?
उत्तरः प्राथमिक क्षेत्रक में कृषि, वन, पशुपालन, मुर्गी पालन, मछली पालन एवं खनन आदि आते हैं। द्वितीयक क्षेत्रक में विनिर्माण शामिल है।
तृतीयक क्षेत्रक में बैंकिंग, परिवहन, व्यापार, शिक्षा, बीमा, पर्यटन एवं स्वास्थ्य आदि आते हैं।

प्रश्न 7. आर्थिक और गैर–आर्थिक क्रियाओं में क्या अंतर है?
उत्तरः वे क्रियाएं जो देश की आय में वृद्धि करती हैं उन्हें आर्थिक क्रियाएं कहा जाता है। दूसरे शब्दों में,
जो क्रियाएं आय के लिए की जाती हैं उन्हें क्रियाएं कहा जाता है और वे क्रियाएं जो आय के लिए नहीं की जाती उन्हें गैर- आर्थिक क्रियाएं कहा जाता है। यदि कोई माँ किसी होटल में खाना बनाती है और उसे उसके लिए पैसे मिलते हैं तो यह एक आर्थिक
क्रिया है। जब वह अपने परिवार के लिए खाना बनाती है तो वह एक गैर– आर्थिक क्रिया कर रही है।

प्रश्न 8. महिलाएँ क्यों निम्न वेतन वाले कार्यों में नियोजित होती हैं?
उत्तरः महिलाएँ निम्नलिखित कारणों से निम्न वेतन वाले कार्यों में नियोजित होती है :

(क) बाजार में किसी व्यक्ति की आय निर्धारण में शिक्षा महत्त्वपूर्ण कारकों में से एक है। भारत में महिलाएँ पुरुषों की अपेक्षा कम शिक्षित होती हैं। उनके पास बहुत कम शिक्षा एवं निम्न कौशल
स्तर है। इसलिए उन्हें पुरुषों की तुलना में कम वेतन दिया जाता है।
(ख) ज्ञान व जानकारी के अभाव में महिलाएँ असंगठित क्षेत्रों में कार्य करती हैं जो उन्हें कम मजदूरी देते हैं। उन्हें अपने कानूनी अधिकारों की जानकारी भी नहीं है।
(ग) महिलाओं को शारीरिक रूप से कमजोर माना जाता है। इसलिए उन्हें प्रायः कम वेतन दिया जाता। है।

प्रश्न 9. ‘बेरोजगारी’ शब्द की आप कैसे व्याख्या करेंगे?
उत्तरः बेरोजगारी का अर्थ है जब लोग काम करने के इच्छुक हों किन्तु उन्हें रोजगार न मिले। यह स्थिति विकसित देशों की अपेक्षा विकासशील देशों में अधिक देखने में आती है। कामगार जनसंख्या में 25 से 59 वर्ष के आयु वर्ग के लोग आते हैं।

प्रश्न 10. प्रच्छन्न और मौसमी बेराजगारी में क्या अंतर है?
उत्तरः प्रच्छन्न बेरोजगारी :प्रच्छन्न बेरोजगारी में लोग नियोजित प्रतीत होते हैं जबकि वास्तव में वे उत्पादकता में कोई योगदान नहीं कर रहे होते हैं। ऐसा प्रायः किसी क्रिया से जुड़े परिवारों के सदस्यों के साथ होता है। काम में पाँच लोगों की आवश्यकता है किन्तु उसमें आठ लोग लगे हुए हैं, जहाँ 3 लोग अतिरिक्त हैं। यदि इन 3 लोगों को हटा लिया जाए तो भी उत्पादकता कम नहीं होगी। ये 3 लोग प्रच्छन्न बेरोजगारी में शामिल हैं। मौसमी बेरोजगारी : मौसमी बेरोजगारी तब होती है जब वर्ष के कुछ महीनों के दौरान लोग रोजगार नहीं खोज पाते। भारत में कृषि कोई पूर्णकालिक रोजगार नहीं है। यह मौसमी है। इस प्रकार की बेरोजगारी कृषि में पाई जाती है। कुछ व्यस्त मौसम होते हैं जब ‘बिजाई, कटाई, निराई और गहाई की जाती है। कुछ विशेष महीनों में कृषि पर आश्रित लोगों को अधिक काम नहीं मिल पाता।

NCERT Solutions for Class 9 Social Science Economics Chapter 2 People as Resource  संसाधन के रूप में लोग


प्रश्न 11. शिक्षित बेरोजगारी भारत के लिए एक विशेष समस्या क्यों है?
उत्तरः शिक्षित बेरोजगारी शहरों में एक सामान्य परिघटना बन गई है। मैट्रिक, स्नातक, स्नातकोत्तर डिग्रीधारक अनेक युवा रोजगार पाने में असमर्थ हैं। एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि मैट्रिक की अपेक्षा स्नातक एवं स्नातकोत्तर डिग्रीधारकों में बेरोजगारी अधिक तेजी से बढ़ी है। एक विरोधाभासी जनशक्ति-स्थिति सामने आती है क्योंकि कुछ वर्गों में अतिशेष जनशक्ति अन्य क्षेत्रों में जनशक्ति की कमी के साथ-साथ विद्यमान है। एक ओर तकनीकी अर्हता प्राप्त लोगों में बेरोजगारी व्याप्त है जबकि दूसरी ओर आर्थिक संवृद्धि के लिए जरूरी तकनीकी कौशल की कमी है। उपरोक्त के प्रकाश में हम कह सकते हैं कि शिक्षित बेराजगारी भारत के लिए एक विशेष समस्या है।

प्रश्न 12. आप के विचार से भारत किस क्षेत्रक में रोजगार के सर्वाधिक अवसर सृजित कर सकता है?
उत्तरः हमारी अर्थव्यवस्था में श्रम का सबसे बड़ा अवशोषक कृषि क्षेत्र है। किन्तु हाल ही के वर्षों में प्रच्छन्न बेरोजगारी के कारण इस क्षेत्र में गिरावट आई है। कृषि क्षेत्र में अधिशेष श्रमिक द्वितीयक या तृतीयक क्षेत्रक में जाना चाहते हैं। द्वितीयक क्षेत्रक में श्रम का सबसे बड़ा अवशोषक लघु-स्तर विनिर्माण क्षेत्र है। तृतीयक क्षेत्रक में श्रम का सबसे बड़ा अवशोषक विनिर्माण क्षेत्र है। तृतीयक क्षेत्रक में कई नई सेवाओं का आगमन हुआ है जैसे कि बायोटेक्नॉलोजी और सूचना प्रौद्योगिकी आदि। हाल ही के वर्षों में बी.पी.ओ. अथवा कॉल सेंटर उद्योग में सर्वाधिक नौकरी के अवसर पैदा हुए हैं। मध्यम रूप से शिक्षित युवा वर्ग के लिए ये वरदान साबित हुए हैं।

प्रश्न 13. क्या आप शिक्षा प्रणाली में शिक्षित बेरोजगारों की समस्या दूर करने के लिए कुछ उपाय सुझा सकते हैं?
उत्तरः शिक्षा प्रणाली में शिक्षित बेरोजगारों की समस्या दूर करने हेतु निम्नलिखित उपाय सहायक सिद्ध हो सकते हैं:

(क) केवल किताबी ज्ञान देने की अपेक्षा अधिक तकनीकी शिक्षा दी जाए।
(ख) शिक्षा को अधिक कार्योन्मुखी बनाया जाना चाहिए। एक किसान के बेटे को साधारण स्नातक की शिक्षा देने की अपेक्षा इस बात का प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए कि खेत में उत्पादन कैसे बढाया जा सकता है।
(ग) शिक्षा को लोगों को स्वावलंबी एवं उद्यमी बनाने के लिए प्रेरित करना चाहिए। (घ) शिक्षा के लिए योजना बनाई जानी चाहिए एवं इसकी भावी संभावनाओं को ध्यान में रखकर इसे क्रियान्वित किया जाना चाहिए।
(ड) रोजगार के अधिक अवसर पैदा किए जाने चाहिए।

NCERT Solutions for Class 9 Social Science Economics Chapter 2 People as Resource  संसाधन के रूप में लोग

प्रश्न 14. क्या आप कुछ ऐसे गाँवों की कल्पना कर सकते हैं जहाँ पहले रोजगार का कोई अवसर नहीं था, लेकिन बाद में बहुतायत में हो गया ?
उत्तर: हाँ, मुझे अपने माली द्वारा सुनाई गई कहानी याद आती है। उसने बताया कि कुछ वर्ष पूर्व उसके गाँव में सभी मूलभूत सुविधाओं जैसे कि स्कूल, अस्पताल, सड़कों, बाजार और यहाँ तक कि पानी व बिजली की उचित आपूर्ति का भी अभाव था। गाँव के लोगों ने पंचायत का ध्यान इन सभी समस्याओं की ओर आकृष्ट किया। पंचायत ने एक स्कूल खोला जिसमें कई लोगों को रोजगार मिला। जल्द ही गाँव के बच्चे वहाँ पढने लगे और वहाँ कई प्रकार की तकनीकों का विकास हुआ। अब गाँव वालों के पास बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाएँ एवं पानी एवं बिजली की भी अचित आपूर्ति उपलब्ध थी। सरकार ने भी जीवन स्तर को सुधारने के लिए विशेष प्रयास किए थे। कृषि एवं गैर कृषि क्रियाएँ भी अब आधुनिक तरीकों से की जाती हैं।

प्रश्न 15. किस पूँजी को आप सबसे अच्छा मानते हैं – भूमि, श्रम, भौतिक पूँजी और मानव पूँजी? क्यों ?
उत्तरः जिस प्रकार भूमि, जल, वन, खनिज हमारे बहुमूल्य प्राकृतिक संसाधन हैं उसी प्रकार लोग भी बहुमूल्य संसाधन हैं। लोग राष्ट्रीय परिसंपत्तियों के उपभोक्ता मात्र नहीं हैं अपितु वे राष्ट्रीय संपत्तियों के उत्पादक भी हैं। वास्तव में मानव संसाधन अन्य संसाधनों जैसे कि भूमि तथा पूँजी की अपेक्षाकृत श्रेष्ठ हैं क्योंकि वे भूमि एवं पूँजी का प्रयोग करते हैं। भूमि एवं पूँजी स्वयं उपयोगी नहीं हो सकते। यदि हम लोगों में शिक्षा, प्रशिक्षण एवं चिकित्सा सुविधाओं के द्वारा निवेश करें तो जनसंख्या के बड़े भाग को परिसंपत्ति में बदला जा सकता है। हम जापान का उदाहरण सामने रखते हैं। जापान के पास कोई प्राकृतिक संसाधन नहीं थे। इस देश ने अपने लोगों पर निवेश किया विशेषकर शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में । अंततः इन लोगों ने अपने संसाधनों का दक्षतापूर्ण उपयोग करने के बाद नई तकनीक विकसित करते हुए अपने देश को समृद्ध एवं विकसित बना दिया है। इस प्रकार मानव–पूँजी अन्य सभी संसाधनों की अपेक्षा अधिक महत्त्वपूर्ण है।


कक्षा 9वी के सामाजिक विज्ञान के प्रश्न उत्तर 



Chapter 1 The French Revolution फ़्रांसिसी क्रांति
Chapter 2 Socialism in Europe and the Russian Revolution यूरोप में समाजवाद एवं रूसी क्रांति
Chapter 3 Nazism and the Rise of Hitler नात्सीवाद और हिटलर का उदय
Chapter 4 Forest Society and Colonialism वन्य समाज एवं उपनिवेशवाद
Chapter 5 Pastoralists in the Modern World आधुनिक विश्व में चरवाहे


Chapter 1 India Size and Location भारत – आकार और स्थिति
Chapter 2 Physical Features of India भारत का भौतिक स्वरुप
Chapter 3 Drainage अपवाह
Chapter 4 Climate जलवायु
Chapter 5 Natural Vegetation and Wild Life प्राकृतिक वनस्पति तथा वन्य प्राणी
Chapter 6 Population जनसंख्या




Chapter 1 What is Democracy? Why Democracy? लोकतंत्र क्या? लोकतंत्र क्यों?
Chapter 2 Constitutional Design संविधान निर्माण
Chapter 3 Electoral Politics चुनावी राजनीति
Chapter 4 Working of Institutions संस्थाओं का कामकाज
Chapter 5 Democratic Rights लोकतांत्रिक अधिकार


Post a Comment

इस पेज / वेबसाइट की त्रुटियों / गलतियों को यहाँ दर्ज कीजिये
(Errors/mistakes on this page/website enter here)

Previous Post Next Post