NCERT Solutions for Class 10 Social Science Geography Chapter 6: Manufacturing Industries (विनिर्माण उद्योग)

NCERT Solutions for Class 10 Social Science Geography Chapter 6: Manufacturing Industries
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NCERT Solutions for Class 10 Social Science Geography Chapter 6: विनिर्माण उद्योग
प्रश्न अभ्यास
पाठ्यपुस्तक से
संक्षेप में लिखें
1. बहुवैकल्पिक प्रश्न
उत्तर (i) (ग), (ii) (ख), (iii) (क), (iv) (घ)।
2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए।
- कच्चे माल की उपलब्धता-अधिकांश उद्योग वहीं स्थापित किए जाते हैं जहाँ उनके लिए कच्चा माल आसानी से उपलब्ध हो सके। जैसे-अधिकांश लोहा इस्पात उद्योग प्रायद्वीपीय भारत में ही हैं, क्योंकि वहाँ लोहे की खाने हैं और कच्चा माल आसानी से प्राप्त हो जाता है।
- शक्ति के विभिन्न साधन-जहाँ उद्योगों को चलाने के लिए शक्ति के विभिन्न साधन प्राप्त हो जाएँगे वहीं उद्योगों | की स्थापना की जाएगी।
- जेल की सुलभता-विभिन्न उद्योगों के लिए जल की आवश्यकता होती है। जिन क्षेत्रों में जल सुलभता से प्राप्त होता है वहाँ उद्योग स्थापित किए जाते हैं। जैसे-प० बंगाल में जूट मीलें इसलिए स्थापित हैं क्योंकि वहाँ हुगली नदी से पानी मिल जाता है।
- सस्ते श्रमिकों की उपलब्धता-जहाँ विभिन्न उद्योगों में काम करने के लिए सस्ते श्रमिक उपलब्ध होते हैं वहाँ । अधिकांश उद्योग स्थापित किए जाते हैं।
- संचार एवं परिवहन के साधन-विभिन्न उद्योगों में कच्चा माल पहुँचाने तथा तैयार माल बाजार तक ले जाने के लिए संचार एवं परिवहन के अच्छे साधन जरूरी हैं। जहाँ ये साधन अच्छे होंगे वहाँ अधिकांश उद्योग लगाए जाते हैं।
- पूँजी व बैंक की सुविधाएँ-विभिन्न उद्योगों को लगाने के लिए बड़ी पूँजी की आवश्यकता होती है। जिन क्षेत्रों में बैंकिंग सुविधाएँ अच्छी होती हैं वहाँ अधिकांश उद्योग खोले जाते हैं।
3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 120 शब्दों में दीजिए।
- उच्च लागत तथा कोकिंग कोयले की सीमित उपलब्धता
- कम श्रमिक उत्पादकता
- ऊर्जा की अनियमित पूर्ति
- अविकसित अवसंरचना
- वायु
- जल
- भूमि
- ध्वनि।
1. वायु प्रदूषण – अधिक अनुपात में अनचाही गैसों की उपस्थिति जैसे-सल्फर डाइऑक्साइड तथा कार्बन मोनोऑक्साइड वायु प्रदूषण के कारण हैं। रसायन व कागज उद्योग, ईंटों के भट्ट, तेलशोधनशालाएँ, प्रगलन उद्योग, जीवाश्म ईंधन दहन तथा छोटे-बड़े कारखाने प्रदूषण के नियमों का उल्लंघन करते हुए धुंआ निष्कासित करते हैं। इसका बहुत भयानक तथा दूरगामी प्रभाव हो सकता है। वायु प्रदूषण, मानव स्वास्थ्य, पशुओं, पौधों, इमारतों तथा पूरे पर्यावरण पर दुष्प्रभाव डालते हैं।
3. भूमि का क्षरण – कारखानों से निकलने वाले विषैले द्रव्य पदार्थ और धातुयुक्त कूड़ा कचरा भूमि और मिट्टी को भी प्रदूषित किए बिना नहीं छोड़ते हैं। जब ऐसा विषैला पानी किसी भी स्थान पर बहुत समय तक खड़ा रहता है तो वह भूमि के क्षरण का एक बड़ा कारण सिद्ध होता है।
4. ध्वनि प्रदूषण – औद्योगिक तथा निर्माण कार्य, कारखानों के उपकरण, जेनरेटर, लकड़ी चीरने के कारखाने, गैस यांत्रिकी तथा विद्युत ड्रिल ध्वनि-प्रदूषण को फैलाते हैं। ध्वनि प्रदूषण से श्रवण असक्षमता, हृदय गति, रक्तचाप आदि बीमारियाँ फैलती हैं।
5. औद्योगिक बस्तियों का पर्यावरण पर प्रभाव – औद्योगिक क्रांति के कारण गंदी औद्योगिक बस्तियों का निर्माण हो जाता है जिससे सारा इलाका एक गंदी बस्ती में बदल जाता है। चारों तरफ प्रदूषण फैल जाता है और कई प्रकार की महामारियाँ फैल जाती हैं।
- नदियों व तालाबों में गर्म जल तथा अपशिष्ट पदार्थों को प्रवाहित करने से पहले उनका शोधन करना चाहिए जिससे जल प्रदूषित न हो।
- कोयले, लकड़ी या खनिज तेल से पैदा की गई बिजली जो हवा को प्रदूषित करती है, के स्थान पर जल द्वारा पैदा | की गई बिजली का प्रयोग करना चाहिए। ऐसे में वातावरण शुद्ध रहेगा।
- वायु प्रदूषण को कम करने के लिए कारखानों में ऊँची चिमनियाँ, चिमनियों में एलेक्ट्रोस्टैटिक अवक्षेपण स्क्रबर उपकरण तथा गैसीय प्रदूषक पदार्थों को जड़त्वीय रूप से पृथक करने के लिए उपकरण होना चाहिए। कारखानों में कोयले की अपेक्षा तेल व गैस के प्रयोग से धुंए के निष्कासन में कमी लायी जा सकती है।
- ध्वनि प्रदूषण को कम करने के लिए जेनरेटरों में साईलेंसर लगाया जा सकता है। ऐसी मशीनरी का प्रयोग तभी किया जाए जो ऊर्जा सक्षम हों तथा कम ध्वनि प्रदूषण करें। ध्वनि अवशोषित करने वाले उपकरणों के इस्तेमाल के साथ कानों पर शोर नियंत्रण उपकरण भी पहनने चाहिए।
- फैक्ट्रियों से निकले प्रदूषित जल को वहीं इकट्ठा करके रासायनिक प्रक्रिया द्वारा उसे साफ किया जाए और बार बार प्रयोग में लाया जाए। ऐसे में नदियों और आस-पास की भूमि का प्रदूषण काफी हद तक रुक जाएगा।
क्रियाकलाप
उद्योगों के संदर्भ में प्रत्येक के लिए एक शब्द दें ( सांकेतिक अक्षर संख्या कोष्ठक में दी गई है तथा उत्तर अंग्रेजी के शब्दों में हैं )
प्रोजेक्ट कार्य

अध्याय-समीक्षा
- उद्योग : विनिर्माण का विस्तृत रूप उद्योग कहलाता है |
- विनिर्माण : मशीनों द्वारा बड़ी मात्रा में कच्चे माल से अधिक मूल्यवान वस्तुओं के उत्पादन को विनिर्माण कहते है |
- आधारभूत उद्योग : ऐसे उद्योग जो दुसरे उद्योगों के लिए अपने तैयार माल को कच्चे के रूप में आपूर्ति करते हैं जैसे लोहा और इस्पात उद्योग |
- औद्योगिक रुग्णता (बीमारी) : उद्योगों की हानि या उद्योगों का बंद होना |
- कुटीर उद्योग : छोटी मशीनों की सहायता से परिवार के द्वारा अपने घरों में संचालित उद्योगों को कुटीर उद्योग कहते हैं | जैसे - खादी एवं ग्रामोद्योग, हस्तकला, बुनाई इत्यादि |
- लघु उद्योग : वे औद्योगिक इकाईयाँ जो अल्पपूँजी एवं थोड़े ही श्रमिकों द्वारा संचालित की जाती है लघु उद्योग कहलाती है |
- भारी उद्योग : ऐसी औद्योगिक इकाइयाँ जिनमें भारी-भरकम माल का प्रयोग किया जाता है, भारी उद्योग कहलाते हैं | जैसे - लोहा एवं इस्पात उद्योग |
- कृषि आधारित उद्योग : प्राथमिक वस्तुओं या कृषि उत्पादों को औद्योगिक उत्पाद में बदलने वाले उद्योगों को कृषि आधारित उद्योग कहा जाता है | जैसे- वस्त्र उद्योग, जुट उद्योग और डेरी उद्योग इत्यादि |
- निजी क्षेत्र के उद्यम : किसी एक व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह द्वारा संचालित कार्य या उद्यम जिसका उदेश्य लाभ कमाना होता है |
- सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम : सरकार के स्वामित्व और प्रत्यक्ष नियंत्रण वाले उद्योग जिनका उदेश्य सामाजिक कल्याण हो वे सामाजिक क्षेत्र के उद्यम कहलाते हैं | जैसे - SAIL, GAIL, रेलवे इत्यादि |
- खनिजों पर आधारित उद्योग : जो उद्योग कच्चे माल के रूप में खनिजों का उपयोग करते हैं | बिजली के पंखे, सिलाई मशीने, कल पुर्जे इत्यादि |
- विदेशी विनिमय : एक देश की मुद्रा को दुसरे देश की मुद्रा में बदलने की प्रक्रिया को विदेशी विनिमय कहते है |
- रोलिंग स्टॉक : इंजन, माल डिब्बे सवारी डिब्बे जिनका रेल परिवहन में उपयोग किया जाता है |
- विदेशी मुद्रा : मुद्रा का वह जिसके द्वारा सरकार दुसरे देश से वस्तुएँ खरीदती अथवा बेचती है विदेशी मुद्रा कहलाती है |
NCERT Solutions for Class 10 Social Science Geography in Hindi
Get here all NCERT Solutions for Class 10 Geography in Hindi Medium
Chapter 1: संसाधन और विकासChapter 2: वन और वन्यजीव संसाधन
Chapter 3: जल संसाधन
Chapter 4: कृषि
Chapter 5: खनिज और ऊर्जा संसाधन
Chapter 6: विनिर्माण उद्योग
Chapter 7: राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की जीवन रेखाएँ
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