NCERT Solutions | Class 7 Hindi बाल महाभारत

NCERT Solutions | Class 7 Hindi | बाल महाभारत 

NCERT Solutions for Class 7 Hindi बाल महाभारत

CBSE Solutions | HindiClass 7

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NCERT | Class 7 Hindi

NCERT Solutions Class 7 Hindi
Book: National Council of Educational Research and Training (NCERT)
Board: Central Board of Secondary Education (CBSE)
Class: 7th
Subject: Hindi
Chapter:
Chapters Name: बाल महाभारत
Medium: Hindi

बाल महाभारत | Class 7 Hindi| NCERT Books Solutions

You can refer to MCQ Questions for Class 7 Hindi  बाल महाभारत to revise the concepts in the syllabus effectively and improve your chances of securing high marks in your board exams.

पाठ्यपुस्तक के प्रश्न-अभ्यास

पाठ्यपुस्तक से

प्रश्न 1.

गंगा ने शांतनु से कहा- “राजन! क्या आप अपना वचन भूल गए।” तुम्हारे विचार से शांतनु ने गंगा को क्या वचन दिया होगा?

उत्तर-

हमारे विचार से शांतनु ने गंगा को यह वचन दिया होगा कि वह उनसे पुत्र पाने की कामना नहीं करेंगे और वह उसके किसी भी कार्य में हस्तक्षेप नहीं करेंगे और कोई प्रश्न नहीं पूछेगे।

प्रश्न 2.

महाभारत के समय में राजा के बड़े पुत्र को अगला राजा बनाने की परंपरा थी। इस परंपरा को ध्यान में रखते हुए बताओ कि तुम्हारे अनुसार किसे राजा बनाया जाना चाहिए था-युधिष्ठिर या दुर्योधन को? अपने उत्तर का,कारण भी बताओ।

उत्तर-

महाभारत के समय में राजा के बड़े पुत्र को अगला राजा बनाने की परंपरा थी। इस परंपरा को ध्यान में रखते हुए युधिष्ठिर को राजा बनाया जाना चाहिए था, क्योंकि

  1. हस्तिनापुर की गद्दी के उत्तराधिकारी पांडु थे। अतः उनके बड़े पुत्र को गद्दी मिलनी चाहिए थी।
  2. यदि यह भी मान लें कि धृतराष्ट्र भी तो राजा थे, तब भी युधिष्ठिर गद्दी के हकदार बनते हैं क्योंकि वे दुर्योधन से बड़े थे।

प्रश्न 3.

महाभारत के युद्ध को जीतने के लिए कौरवों और पांडवों ने अनेक प्रयास किए। तुम्हें दोनों के प्रयासों में जो उपयुक्त लगे हों, उनके कुछ उदाहरण दो।

उत्तर-

महाभारत के युद्ध को जीतने के लिए कौरवों और पांडवों दोनों ने नैतिक और अनैतिक दोनों तरीके को अपनाया। इस कहानी के अनैतिक तरीकों को छोड़ दिया जाए तो पांडवों के तरीके हमें कुछ हद तक सही लगे। मसलन अपने मित्रों की सहायता लेना। दूसरा युधिष्ठिर का भीष्म, द्रोण, कृप, शल्य से युद्ध करने की आज्ञा लेना। तीसरा पांडवों के द्वारा श्रीकृष्ण को अपने साथ लेना। पांडवों द्वारा कौरव पक्ष के लोगों की सहानुभूति पा लेना।

प्रश्न 4.

तुम्हारे विचार से महाभारत के युद्ध को कौन रुक सकता था? कैसे?

उत्तर-

हमारे विचार से महाभारत के युद्ध को पितामह भीष्म और आचार्य द्रोण रुकवा सकते थे, क्योंकि यदि पितामह भीष्म और आचार्य द्रोण दुर्योधन के अन्याय का समर्थन नहीं करते, तो कृपाचार्य और अश्वत्थामा भी उनका साथ नहीं देते। तब कौरव कमजोर पड़ जाते और इन लोगों के अनुपस्थिति में दुर्योधन युद्ध करने में समर्थ नहीं हो पाता।

प्रश्न 5.

इस पुस्तक में से कोई पाँच मुहावरे चुनकर उनका वाक्यों में प्रयोग करो।

उत्तर-

  • नीचा दिखाना – दुर्योधन का प्रयास सदैव पांडवों को नीचा दिखाने का रहता था।
  • काम तमाम करना – भीम ने दुर्योधन का काम तमाम कर दिया।
  • खलबली मचना – अश्वत्थामा के आते ही कौरव सेना में खलबली मच गई।
  • दंग रहना – अभिमन्यु के युद्ध-कौशल को देखकर कौरव-सेना दंग रह गई।
  • नाक में दम करना – घटोत्कच ने अपने प्रहारों से कर्ण की नाक में दम कर दिया था।

प्रश्न 6.

महाभारत में एक ही व्यक्ति के एक से अधिक नाम दिए गए हैं, बताओ, नीचे लिखे हुए नाम किसके हैं?

पृथा राधेय वासुदेव
गांगेय सैरंध्री कंक

उत्तर-

पृथा – कुंती
राधेय – कर्ण
वासुदेव – श्रीकृष्ण
गांगेय – देवव्रत, भीष्म
सैरंध्री – द्रौपदी
कंक – युधिष्ठिर

प्रश्न 7.

इस पुस्तक में भरतवंश की वंशावली दी गई है। तुम भी अपने परिवार की ऐसी ही एक वंशावली तैयार करो। इस कार्य के लिए तुम अपने माता-पिता या अन्य बड़े लोगों की मदद ले सकते हो।

उत्तर-

छात्र अपने परिवार की सदस्यों की सहायता से यह कार्य स्वयं पूरा करें।

प्रख 8.
तुम्हारे अनुसार महाभारत कथा में किस पात्र के साथ सबसे अधिक अन्याय हुआ और क्यों?

उत्तर-

हमारे विचार से सबसे अधिक अन्याय कर्ण के साथ हुआ है। जैसे-

  1. सूर्य-पुत्र कर्ण को उसकी जन्मदात्री ने त्याग दिया।
  2. शस्त्र-परीक्षण के दिन पहचान लेने के बाद भी कुंती ने उसे नहीं अपनाया।
  3. उत्तम कुल में उत्पन्न होकर भी वह सूत-पुत्र कहलाया।
  4. इंद्र ने उसके साथ छल किया।
  5. परशुराम ने उसे शाप दिया।
  6. अर्जुन ने उसे छल से मारा।।

प्रश्न 9.

महाभारत के युद्ध में किसकी जीत हुई? (याद रखो कि इस युद्ध में दोनों पक्षों के लाखों लोग मारे गए थे)

उत्तर-

महाभारत के युद्ध में पांडवों की जीत हुई क्योंकि पाँचों पांडव जीवित बच गए जबकि कौरव-पुत्रों में से कोई न बचा। इसके अलावा दोनों पक्षों में लाखों आदमी मारे गए।

प्रश्न 10.

तुम्हारे विचार से महाभारत की कथा में सबसे अधिक वीर कौन था/थी? अपने उत्तर का कारण भी बताओ।

उत्तर-

महाभारत की कथा में एक से बढ़कर एक वीर था। अतः निर्णय करना बहुत कठिन है। पितामह भीष्म, आचार्य द्रोण, कर्ण व अर्जुन एक से बढ़कर एक वीर थे। सबसे अधिक के प्रश्न पर अर्जुन को माना जा सकता है। पितामह भीष्म व द्रोणाचार्य तो सदैव अर्जुन की वीरता की प्रशंसा करते ही थे। अर्जुन व कर्ण की तुलना करने पर कर्ण क्यों पिछड़ गया। कारण इस प्रकार है-

  1. राजा द्रुपद को बंदी बनाकर लाने में कर्ण असफल रहा, जबकि अर्जुन को सफलता मिली।
  2. गंधर्वराज से कर्ण पराजित हुआ और अर्जुन ने विजय पाई।
  3. विराटराज के यहाँ अर्जुन ने कर्ण को हराया।
  4. द्रौपदी स्वयंवर में कर्ण असफल रहा।
  5. अंत में अर्जुन के हाथों मारा गया।

प्रश्न 11.

यदि तुम युधिष्ठिर की जगह होते तो यक्ष के प्रश्नों के क्या उत्तर देते?

उत्तर-

यदि मैं युधिष्ठिर की जगह होता तो मैं भी यक्ष के प्रश्नों के उत्तर इस प्रकार देता कि वे प्रसन्न होकर मुझे वरदान देते और मेरे भाइयों को जीवित कर देते।

प्रश्न 12.

महाभारत के कुछ पात्रों के द्वारा कही गई बातें नीचे दी गई हैं। इन बातों को पढ़कर उन पात्रों के बारे में तुम्हारे मन में क्या विचार आते हैं
(क) शांतनु ने केवटराज से कहा-“जो माँगीगे दूंगा, यदि वह मेरे लिए अनुचित न हो।’
(ख) दुर्योधन ने कहा- “अगर बराबरी की बात है, तो मैं आज ही कर्ण को अंग देश का राजा बनाता हूँ।”
(ग) धृतराष्ट्र ने दुर्योधन से कहा- “बेटा मैं तुम्हारी भलाई के लिए कहता हूँ कि पांडवों से वैर न करो। वैर दुख और मृत्यु का कारण होता है।”
(घ) द्रौपदी ने सारथी प्रतिकामी से कहा- “रथवान! जाकर उन हरानेवाले जुए के खिलाड़ी से पूछो कि पहले वह अपने को हारे थे या मुझे?”

उत्तर-

(क) हमारा तर्क है कि राजा शांतनु अपनी सुख-सुविधा के लिए अनुचित कार्य नहीं करना चाहते थे।
(ख) दुर्योधन के इस वक्तव्य से कर्ण के प्रति सहिष्णुता एवं पांडवों के प्रति ईर्ष्या की भावना झलकती है।
(ग) धृतराष्ट्र के इस कथन से पता चलता है कि पुत्र के सामने एक विवश पिता है। उनकी कमज़ोरी उनका पुत्र है। अपने पुत्र से उचित और अनुचित की बातें कहकर अपने पुत्र को गलत करने से रोकने के लिए आगाह करता है। हमारे मन में भाव आता है कि बड़ों की बात को न मानना दुख का सबसे बड़ा कारण होता है।
(घ) इस कथन से स्पष्ट है कि द्रौपदी एक तेजस्वी एवं स्वाभिमानी नारी है। उसे नीति का ज्ञान अच्छी तरह मालूम है। हमारे विचार में भारतीय नारी को ऐसी ही तेजस्वी एवं स्वाभिमानी होना चाहिए।

प्रश्न 13.

युधिष्ठिर ने आचार्य द्रोण से कहा-“अश्वत्थामा मारा गया, मनुष्य नहीं, हाथी।” युधिष्ठिर सच बोलने के लिए प्रसिद्ध थे। तुम्हारे विचार से उन्होंने द्रोण से सच कहा था या झूठ? अपने उत्तर का कारण भी बताओ।

उत्तर-

युधिष्ठिर ने द्रोण से झूठ कहा था। कथन था-‘अश्वत्थामाः मृतः नरो वा कुंजरो वा’। इस कथन में यह सत्य है। कि अश्वत्थामा हाथी मर गया। किंतु एक तो युधिष्ठिर ने जान-बूझकर ऐसा कहा, दूसरे ‘नरो’ पहले कहा है। तीसरे अंतिम अंश धीमी आवाज में था। वास्तव में ऐसा युधिष्ठिर ने इसलिए कहा था क्योंकि वे जानते थे कि द्रोण के लिए यह असहनीय सदमा होगा। जब वे इस सदमे से व्याकुल होकर निढाल हो जाएँगे तो उन्हें मारना सरल होगा। इसी योजना के आधार पर वह अपने लक्ष्य में सफल भी हुआ।

प्रश्न 14.

महाभारत के युद्ध में दोनों पक्षों को बहुत हानि पहुँची। इस युद्ध को ध्यान में रखते हुए युद्धों के कारणों और परिणामों के बारे में कुछ पंक्तियाँ लिखो। शुरुआत हम कर देते हैं
(1) युद्ध में दोनों पक्षों के असंख्य सैनिक मारे जाते हैं।
(2) …………
(3) ……………
(4) ………….
(5) …………….
(6) ………….

उत्तर-

(1) युद्ध में दोनों पक्षों के असंख्य सैनिक मारे जाते हैं।
(2) इस युद्ध में जन-धन की बहुत हानि होती है।
(3) युद्ध के कारण नारियों को अपमान सहना पड़ता है।
(4) वैज्ञानिक विकास रुक जाता है।
(5) युद्ध से पूरे खानदान का नाश हो जाता है।
(6) युद्ध से देश की प्रगति रुक जाती है।

प्रश्न 15.

मान लो तुम भीष्म पितामह हो, अब महाभारत की कहानी अपने शब्दों में लिखो। जो घटनाएँ तुम्हें सही न लगे तुम छोड़ सकते हो।

उत्तर-

छात्र स्वयं अपने विवेक से लिखें।

प्रश्न 16.

(क) द्रौपदी के पास एक ‘अक्षयपात्र’ था, जिसका भोजन समाप्त नहीं होता था। अगर तुम्हारे पास ऐसा ही एक पात्र हो, तो तुम क्या करोगे?
(ख) यदि ऐसा कोई पात्र तुम्हारे स्थान पर तुम्हारे मित्र के पास हो, तो तुम क्या करोगे?

उत्तर-

(क) यदि द्रौपदी के जैसा एक ‘अक्षयपात्र’ मेरे पास होता तो कोई व्यक्ति भूखा न रहता और देश में किसी को भूख से नहीं मरने देता।
(ख) यदि ऐसा पात्र मेरे स्थान पर मेरे मित्र के पास होता तो मैं उसे सलाह देता कि हर भूखे व्यक्ति को भोजन कराओ।

प्रश्न 17.

नीचे लिखे वाक्यों को पढ़ो। सोचकर लिखो कि जिन शब्दों के नीचे रेखा खींची गई है, उनके अर्थ क्या हो सकते हैं?
(क) गंगा के चले जाने से शांतनु का मन विरक्त हो गया।
(ख) द्रोणाचार्य ने द्रुपद से कहा-“जब तुम राजा बन गए, तो ऐश्वर्य के मद में आकर तुम मुझे भूल
(ग) दुर्योधन ने धृतराष्ट्र से कहा-“पिता जी, पुरवासी तरह-तरह की बातें करते हैं।”
(घ) स्वयंवर मंडप में एक वृहदाकार धनुष रखा हुआ था।
(ङ) चौसर का खेल कोई हमने तो ईजाद किया नहीं।

उत्तर-

(क)विरक्त = उदासीन/वांछित वस्तु के मार्ग में बाधा आने का भाव।
(ख)मद = अहंकार, बड़प्पन का भाव, अपनों का तिरस्कार, सत्ता का नशा।
(ग)पुरवासी = नगर-निवासी, प्रजाजन, सामान्य जनता।
(घ)वृहदाकार = बहुत बड़ी आकृति का, सामान्य धनुष की अपेक्षा अधिक.बड़ा।
(ङ)ईजाद = आविष्कार, निर्माण, कल्पना करना।

प्रश्न 18.

लाख के भवन से बचने के लिए विदुर ने युधिष्ठिर को सांकेतिक भाषा में सीख दी थी। आजकल गुप्त भाषा का इस्तेमाल कहाँ-कहाँ होगा? तुम भी अपने दोस्तों के साथ मिलकर अपनी गुप्त भाषा बना सकते हो। इस भाषा को वही समझ सकेगा, जिसे तुम यह भाषा सिखाओगे। ऐसी ही एक भाषा बनाकर अपने दोस्त को एक संदेश लिखो।

उत्तर-

सेना एवं गुप्तचर विभाग में गुप्त भाषा का प्रयोग किया जाता है। बाकी प्रश्नों का उत्तर अपने समझ के अनुसार सोच-समझ कर लिखो।

प्रश्न 19.

महाभारत कथा में तुम्हें जो कोई प्रसंग अच्छा लगा हो, उसके बारे में लिखो। यह भी बताओ कि वह प्रसंग तुम्हें अच्छा क्यों लगा?

उत्तर-

हमें द्रौपदी स्वयंवर का प्रसंग बहुत अच्छा लगा क्योंकि इसमें सहजता झलकती है। अर्जुन की वीरता का पता चलता है।

प्रश्न 20.

तुमने पुस्तक में पढ़ा कि महाभारत कथा कंठस्थ करके सुनाई जाती रही है। कंठस्थ कराने की क्रिया उस समय इतनी महत्त्वपूर्ण क्यों रही होगी? तुम्हारी समझ से आज के जमाने में कंठस्थ करने की आदत कितनी उचित है?

उत्तर-

उस काल में आज के समान प्रिंटिंग प्रेस नहीं थे। अतः विद्या गुरुमुख से सुनकर कंठस्थ की जाती थीं। आज उतना कंठस्थ करने की आवश्यकता तो नहीं है फिर भी कंठस्थ की महिमा को नकारा नहीं जा सकता क्योंकि समय पर कंठस्थ विद्या ही काम आती है।

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