NCERT Solutions | Class 7 Hindi Vasant Chapter 5

NCERT Solutions | Class 7 Hindi Vasant Chapter 5 | मिठाईवाला 

NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 5 मिठाईवाला

CBSE Solutions | Hindi Class 7

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NCERT | Class 7 Hindi

NCERT Solutions Class 7 Hindi Vasant
Book: National Council of Educational Research and Training (NCERT)
Board: Central Board of Secondary Education (CBSE)
Class: 7th
Subject: Hindi Vasant
Chapter: 5
Chapters Name: मिठाईवाला
Medium: Hindi

मिठाईवाला | Class 7 Hindi | NCERT Books Solutions

You can refer to MCQ Questions for Class 7 Hindi Chapter 5 मिठाईवाला to revise the concepts in the syllabus effectively and improve your chances of securing high marks in your board exams.

पाठ्यपुस्तक के प्रश्न-अभ्यास

कहानी से

प्रश्न 1.

मिठाईवाला अलग-अलग चीजें क्यों बेचता था और वह महीनों बाद क्यों आता था?

उत्तर-

मिठाईवाला अलग-अलग चीजें इसलिए बेचता था, क्योंकि वह बच्चों का सान्निध्य प्राप्त करना चाहता था। उसके बच्चों एवं पत्नी की मृत्यु असमय हो गई थी। वह अपने बच्चों की झलक इन गली के बच्चों में देखता था। इसलिए वह बच्चों की रुचि की चीजें बेचा करता था। वह बदल-बदल कर बच्चों की चीजें लाया करता था, इसलिए उसके आते ही बच्चे भी उसे घेर लिया करते थे। वह बच्चे की फरमाइशें पूरी करता रहता था। वह कई महीनों के बाद आता था क्योंकि उसे पैसों का कोई लालच नहीं था। इसके अलावे वह इन चीज़ों को तैयार करवाता था तथा बच्चों के उत्सुकता को बनाए रखना चाहता था।

प्रश्न 2.

मिठाईवाले में वे कौन से गुण थे जिनकी वजह से बच्चे तो बच्चे, बड़े भी उसकी ओर खिंचे चले आते थे?

उत्तर-

मिठाईवाले का मधुर आवाज में गा-गाकर अपनी चीजों की विशेषताएँ बताना, बच्चों की मनपसंद चीजें लाना, कम दामों में बेचना, बच्चों से अपनत्व दर्शाना आदि ऐसी विशेषताएँ थीं। बच्चे तो बच्चे बड़े भी उसकी ओर खिंचे चले आते थे।

प्रश्न 3.

विजय बाबू एक ग्राहक थे और मुरलीवाला एक विक्रेता। दोनों अपने-अपने पक्ष के समर्थन में क्या तर्क पेश करते हैं?

उत्तर-

विजय बाबू एक ग्राहक थे जबकि मुरलीवाला एक विक्रेता। दोनों ने मोल-भाव के लिए अपने-अपने तर्क दिए। विजय बाबू ने अपने पक्ष में यह तर्क प्रस्तुत करते हुए कहते हैं-फेरीवाले की झूठ बोलने की आदत होती है। देते हैं सभी को दो-दो पैसे में, पर अहसान का बोझ मेरे ऊपर लाद रहे हो।

इसके विपरीत मुरलीवाले ने अपना तर्क प्रस्तुत करते हुए कहा-ग्राहक को वस्तुओं की लागत का पता नहीं होता, उनका दस्तूर होता है कि दुकानदार चाहे हानि उठाकर वस्तु क्यों न बेचे, पर ग्राहक यही समझते हैं कि दुकानदार उन्हें लूट रहा है।

प्रश्न 4.

खिलौनेवाले के आने पर बच्चों की क्या प्रतिक्रिया होती थी?

उत्तर-

खिलौने वाले के आने पर बच्चे खुश हो जाते थे। बच्चे अति उत्साहित हो जाते थे। उन्हें खेलकूद भूलकर अपने सामान, जूते-चप्पल आदि का ध्यान नहीं रहता। वे अपने-अपने घर से पैसे लाकर खिलौने का मोल-भाव करने लग जाते थे। खिलौनेवाला उनका मन चाहा खिलौने दे देता था और बच्चे उन्हें लेकर काफ़ी खुश हो जाते थे। बच्चे खुशी से पागल हो जाते थे।

प्रश्न 5.

रोहिणी को मुरलीवाले के स्वर से खिलौनेवाले का स्ण क्यों हो आया?

उत्तर-

रोहिणी को मुरलीवाले के स्वर से खिलौनेवाले का स्मरण इसलिए हो आया क्योंकि खिलौनेवाला की तरह ही इसकी आवाज़ जानी पहचानी थी। खिलौनावाला भी इसी प्रकार मधुर स्वर से गाकर खिलौना बेचा करता था। मुरलीवाला ठीक उसी तरह ही मीठे स्वर में गाकर मुरलियाँ बेचा करता था।

प्रश्न 6.

किसकी बात सुनकर मिठाईवाला भावुक हो गया था? उसने इन व्यवसायों को अपनाने का क्या कारण बताया?

उत्तर-

रोहिणी की बात सुनकर मिठाईवाला भावुक हो गया था। इस पर उसने भावुक हो बताया-मैं भी अपने नगर का एक प्रतिष्ठित व्यापारी था। मकान, व्यवसाय, गाड़ी-घोड़े, नौकर-चाकर सभी कुछ था। स्त्री थी, छोटे-छोटे दो बच्चे थे। मेरा वह सोने का संसार था। उसके पास सुख के सभी साधन थे। स्त्री और छोटे बच्चे भी थे। ईश्वर की लीला सभी को ले गई। उसने इन व्यवसायों को अपनाने के निम्नलिखित कारण बताएँ-

मैं इस व्यवसायों के माध्यम से अपने खोए बच्चों को खोजने निकला हूँ। इन हँसते-कूदते, उछलते तथा इठलाते बच्चों में अपने बच्चे की झलक होगी। इन वस्तुओं को बच्चों में बेचकर संतोष का अनुभव करता हूँ। बच्चों के चेहरे की खुशी देखकर मुझे असीम संतोष मिलता है।

प्रश्न 7.

‘अब इस बार ये पैसे न लँगा’-कहानी के अंत में मिठाईवाले ने ऐसा क्यों कहा?

उत्तर-

मिठाईवाले के जीवन का रहस्य कोई नहीं जानता था लेकिन जब उसने अपने जीवन की सारी गाथा दादी और रोहिणी को बताई। उसी समय रोहिणी के छोटे-छोटे बच्चे चुन्नू-मुन्नू आकर मिठाई माँगने लगते हैं। वह दोनों को मिठाई से भरी एकएक पुडिया देता है। रोहिणी पैसे देती है तो उसका यह कहना-“अब इस बार ये पैसे न लँगा।” इस बात को दर्शाता है। कि उसका मन भर आया और ये बच्चे उसे अपने बच्चे ही लगे।

प्रश्न 8.

इस कहानी में रोहिणी चिक के पीछे से बात करती है। क्या आज भी औरतें चिक के पीछे से बात करती हैं? यदि करती हैं तो क्यों? आपकी राय में क्या यह सही है?

उत्तर-

स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात् संविधान ने स्त्री-पुरुष को समान अधिकार दिए और आज शिक्षा के प्रसार व आधुनिकीकरण से भी समाज में बदलाव आया है। आज स्त्रियाँ पुरुषों से किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। लेकिन भारत के कुछ पिछड़े गाँव व स्थान ऐसे भी हैं जहाँ स्त्रियों को आज भी पर्दे में रहना पड़ता है। ऐसे में वे चिक के पीछे बात करने को मजबूर होती हैं। हमारी राय में यह पूर्णतया गलत है क्योंकि स्त्री-पुरुष दोनों समाज के आधार हैं। दोनों को समान दर्जा मिलना चाहिए।

इन पिछड़े वर्गों में जागृति लाने हेतु सरकार व युवावर्ग को आगे आना होगा और लोगों की सोच बदलनी होगी जिससे साक्षर राष्ट्र का निर्माण किया जा सके।

कहानी से आगे

प्रश्न 1.

मिठाईवाले के परिवार के साथ क्या हुआ होगा? सोचिए और इस आधार पर एक और कहानी बनाइए?

उत्तर-

मिठाईवाले का परिवार अवश्य ही किसी दुर्घटना का शिकार हुआ होगा। कहानी-एक गाँव में एक मिठाईवाले की दुकान थी। तरह-तरह की मिठाइयाँ वह बेचा करता था। छोटे-बड़े सभी उसकी मिठाइयाँ शौक से खाते थे। दुकान के साथ ही उसका घर भी था। जब भी दुकान पर कोई ग्राहक न होता वह अपने बच्चों के साथ खेलता और खुश होता था। उसके बच्चे बहुत शालीन थे। कभी भी उसे किसी बात के लिए परेशान न करते। एक दिन वह अपनी पत्नी व बच्चों के साथ गाँव में किसी रिश्तेदार की शादी में गया। खुशी-खुशी गाँव वालों ने भी उसकी सारी तैयारियाँ करवाईं। उसने कपड़े, गहने, बच्चों का सामान बहुत कुछ खरीदा। गाँव के कुछ लोग उसे स्टेशन तक छोड़ने भी गए।

रेलगाड़ी में पत्नी, बच्चे व वह स्वयं सभी बहुत खुश थे। अचानक तेज़ रफ़्तार से चलती गाड़ी के कुछ डिब्बे रेल की पटरी से उतर गए व बुरी तरह से उलट गए। न जाने कितने ही लोग इस हादसे में मर गए। मरने वालों में उसकी पत्नी व बच्चे भी थे। मिठाईवाला तो जैसे पागल ही हो गया। वह गाँव वापस आ गया। आज भी इतने वर्षों बाद वह इस हादसे को भूल नहीं पाया। गुमसुम न जाने कौन-सी यादों में खोया रहता है। अपनी सारी यादों को ताज़ा रखने के लिए उसने अपने घर को एक अनाथ आश्रम बना डाला। न जाने अनाथ बच्चों को पालने में वह कौन-सी खुशी प्राप्त करता है।

प्रश्न 2.

हाट-मेले, शादी आदि आयोजनों में कौन-कौन-सी चीजें आपको सबसे ज्यादा आकर्षित करती हैं? उनको सजाने बनाने में किसका हाथ होगा? उन चेहरों के बारे में लिखिए।

उत्तर-

हाट-मेले, शादी आदि आयोजनों में हमें मिठाइयाँ गोल-गप्पे, चाट-पापडी, फूट-चाट, चीलें, छोले-भटूरे, सांभर-डोसा, इडली, चाइनिज फूड व इनके अलावा विभिन्न खाद्य पदार्थ आकर्षित करते हैं। उनको बनाने सजाने में विभिन्न पाक कला विशेषज्ञों का हाथ होता है। जैसे खाद्य पदार्थों के लिए हलवाई। इनके पहनावे अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग हो सकते हैं। जैसे समोसे बनाने वाला समोसे बनाने में, सांभर डोसा बनाने वाला सांभर में, इडली बनाने वाला इडली बनाने में, आइसक्रीम बनाने वाला आइसक्रीम बनाने में आदि।

प्रश्न 3.

इस कहानी में मिठाईवाला दूसरों को प्यार और खुशी देकर अपना दुख कम करता है? इस मिज़ाज की और कहानियाँ, कविताएँ ढूंढ़िए और पढ़िए।

उत्तर-

ऐसी कहानी पुस्तकालय से हूँढ़ें। यह कार्य छात्र स्वयं करें।

अनुमान और कल्पना

प्रश्न 1.

आपकी गलियों में कई अजनबी फेरीवाले आते होंगे। आप उनके बारे में क्या-क्या जानते हैं? अगली बार जब आपकी गली में कोई फेरीवाला आए तो उससे बातचीत कर जानने की कोशिश कीजिए।

उत्तर-

हमारे गली में मौसम के अनुसार कई फेरीवाले आते हैं। जैसे-मूंगफलीवाला, चाटवाला, फलवाला, सब्जीवाला, खिलौनेवाला, आइसक्रीमवाला, कपड़ेवाला आदि। वे सब बड़ी मीठी स्वर में पुकार-पुकार कर अपनी चीजें बेचते थे। ये लोग कम पैसे में पूँजी के आभाव में घूम-घूम कर चीजें बेचते हैं। अगर इनके पास पूँजी होती तो ये भी बड़े दुकानदार होते। चाट, आलू, टिक्की, फेरीवाले से बातचीत

बालक – ऐ चाटवाले भैया दस रुपये के कितने टिक्की दिए हैं ?
चाटवाला – पाँच के एक और दस रुपये के दो टिक्की।
बालक – दस रुपये के तीन आते हैं?
चाटवाला – मेरे आलू के टिक्की विशेष प्रकार के हैं। मैं तो दस रुपया का एक ही देता हूँ।
बालक – अच्छा बीस रुपये का आलू टिक्की दे दो।।

प्रश्न 2.

आपके माता-पिता के जमाने से लेकर अब तक फेरी की आवाज़ों में कैसा बदलाव आया है? बड़ों से पूछकर लिखिए।

उत्तर-

हमारे माता-पिता के जमाने में प्रत्येक वस्तुएँ फेरीवाला ही बेचने आया करता था। वह मधुर स्वर में गा-गाकर अपना सामान बेचा करते थे। फेरीवाला प्रायः सभी तरह की वस्तुएँ लाया करते थे। लेकिन आजकल फेरीवालों की संख्या में काफ़ी कमी आ गई है। लोग प्रायः ब्रांडेड सामान खरीदना पसंद करते हैं, अतः वे अधिकतर दुकान से सामान लेते हैं। फेरीवाले पहले की तरह मधुर स्वर में गाते हुए नहीं चलते हैं। अब उनके मीठे स्वर में कमी आ गयी है।

प्रश्न 3.

आपको क्या लगता है-वक्त के साथ फेरी के स्वर कम हुए हैं? कारण लिखिए।

उत्तर-

यह सही है कि वक्त के साथ फेरी के स्वर कम हुए हैं क्योंकि लोगों की रुचि फेरीवालों से सामान खरीदने में कम होती जा रही है।

भाषा की बात

प्रश्न 1.

मिठाईवाला बोलनेवाली गुड़िया
ऊपर वाला’ का प्रयोग है। अब बताइए कि
(क) ‘वाला’ से पहले आनेवाले शब्द संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण आदि में से क्या हैं?
(ख) ऊपर लिखे वाक्यांशों में उनका क्या प्रयोग है?

उत्तर-

(क) ‘मिठाईवाला’ शब्द संज्ञा है तथा बोलना क्रिया।
(ख) मिठाईवाला शब्द विशेषण है जबकि बोलने वाली गुड़िया में गुड़िया संज्ञा है जबकि बोलने वाला शब्द विशेषण है जो गुड़िया की विशेषता बता रहा है।

प्रश्न 2.

“अच्छा मुझे ज़्यादा वक्त नहीं, जल्दी से दो ठो निकाल दो।”
• उपर्युक्त वाक्य में ‘ठो’ के प्रयोग की ओर ध्यान दीजिए। पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार की भाषाओं में इस शब्द का प्रयोग संख्यावाची शब्द के साथ होता है, जैसे, भोजपुरी में-एक ठो लइका, चार ठे आलू, तीन ते बटुली।
• ऐसे शब्दों का प्रयोग भारत की कई अन्य भाषाओं/ बोलियों में भी होता है। कक्षा में पता कीजिए कि किस-किस की भाषा-बोली में ऐसा है। इस पर सामूहिक बातचीत कीजिए।

उत्तर-

विद्यार्थी स्वयं करें। झारखंड की हिंदी, बंगला तथा असमी भाषा में भी ठो का प्रयोग होता है।

प्रश्न 3.

“वे भी, जान पड़ता है, पार्क में खेलने निकल गए हैं।”
‘‘क्यों भई, किस तरह देते हो मुरली?”
“दादी, चुन्नू-मुन्नू के लिए मिठाई लेनी है। जरा कमरे में चलकर ठहराओ।”

  • भाषा के ये प्रयोग आजकल पढ़ने-सुनने में नहीं आते आप ये बातें कैसे कहेंगे?

उत्तर-

“लगता है वे भी पार्क में खेलने निकल गए हैं?”
“भैया, इस मुरली का मूल्य क्या है?”
“दादी चुन्नू-मुन्नू के लिए मिठाई लेनी है। जरा जाकर उसे कमरे में बुलाओ।”

मूल्यपरक प्रश्न

प्रश्न 1.

फेरीवालों की दिनचर्या कैसी होती होगी? उनका घर-परिवार कहाँ होगा? उनकी जिंदगी में किस प्रकार की समस्याएँ और उतार-चढ़ाव आते होंगे? यह जानने के लिए दो-दो के समूह में छात्र-छात्राएँ कुछ प्रश्न तैयार करें और फेरीवालों से बातचीत करें। प्रत्येक समूह अलग-अलग व्यवसाय से जुड़े फेरीवाले से बात करें।

उत्तर-

फेरीवाले का जीवन काफ़ी कठिन होता है। वह सुबह से शाम तक गलियों में चक्कर लगाते रहते हैं। उनका घर-परिवार उनसे अलग गाँव या दूसरे शहर में होता है या किसी छोटी कॉलोनियों में। उनके जीवन में अनेक समस्याएँ आती होंगी। जैसे पूरा सामान न बिकना, सामान का खराब हो जाना या सड़ जाना, तबियत खराब होने, अधिक बारिश होने पर, या अधिक गरमी पड़ने से घर से बाहर न निकल पाना। कभी-कभी इन्हें खरीद से कम में भी माल बेचना पड़ता है जिससे कि इनका मूल धन डूब जाए, इस प्रकार की और भी कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

प्रश्नानुसार आज के दौर में अलग-अलग व्यवसाय से जुड़े फेरीवालों से उनकी समस्याओं व जीवन के बारे में बात करें।

प्रश्न 2.

इस कहानी को पढ़कर क्या आपको यह अनुभूति हुई कि दूसरों को प्यार और खुशी देने से अपने मन का दुख कम हो जाता है? समूह में बातचीत कीजिए।

उत्तर-

हाँ, फेरीवाले के जीवन से इस बात का पता लगता है कि दूसरों को प्यार और खुशी देने से दुख कम हो जाता है। जैसे मिठाईवाले के बच्चे और पत्नी की मृत्यु के बाद, वह दुसरे बच्चों को जब उनकी पसंद का सामान ला-लाकर बेचता तो उनके चेहरे पर खुशी की लहर देखकर उसे संतोष, धैर्य और सुख की अनुभूति होती थी। वह उन्हीं में अपने बच्चों की झलक देखता था। इसलिए कहा भी है कि दुख बाँटने से कम होता है।

प्रश्न 3.

अपनी कल्पना की मदद से मिठाईवाले का चित्र शब्दों के माध्यम से बनाइए।

उत्तर-

मिठाईवाला मीठा स्वर, लंबा दुबले पतले शरीर, भूरी-भूरी आँखें, सिर पर टोकरी, पैरों में चप्पल, पजामा, कुर्ता पहने, कंधे पर गमछा लिए चलता होगा। वह सिर पर पगड़ी बाँधता होगा। उसके कंधों पर फेरी का सामान होता होगा, जिसमें खट्टीमीठी, स्वादिष्ट, सुगंधित गोलियाँ होंगी। जब वह मीठी स्वर में आवाज़ लगाते हुए गली में आता होगा तो बच्चे दौड़कर उसे घेर लेते होंगे।

अन्य पाठेतर हल प्रश्न

बहुविकल्पी प्रश्नोत्तर
(क) ‘मिठाईवाला’ पाठ के लेखक के नाम हैं
(i) भवानीप्रसाद मिश्र
(ii) भगवतीप्रसाद वाजपेयी
(iii) विजय तेंदुलकर
(iv) शिवप्रसाद सिंह

(ख) किसके गान से हलचल मच जाती थी ?
(i) किसी गायक के
(ii) शास्त्रीय संगीतज्ञ से
(iii) खिलौनेवाले के
(iv) इनमें कोई नहीं

(ग) रोहिणी ने बच्चों से क्या जानना चाहा था?
(i) कहाँ से खरीदा
(ii) कितने को खरीदा
(iii) कब खरीदा
(iv) कितने में खरीदा

(घ) बच्चों ने हाथी-घोड़े कितने में खरीदा था?
(i) दो रुपए में
(ii) दो पैसे में
(iii) तीन पैसे में
(iv) पचास पैसे में

(ङ) खिलौनेवाले का गान गली भर के मकानों में कैसे लहराता था?
(i) झील की तरह
(ii) सागर की तरह
(iii) दो आने में
(iv) तीन रुपए में

(च) चुन्नू-मुन्नू ने कितने में खिलौने खरीदे थे?
(i) तीन पैसे में
(ii) दो पैसे में
(iii) दो आने में
(iv) तीन रुपए में

(छ) रोहिणी को मुरलीवाले के स्वर से किसका स्मरण हो आया?
(i) मिठाईवाले को
(ii) खिलौनेवाले का
(iii) फेरीवाले का
(iv) बच्चों का

(ज) रोहिणी ने मुरलीवाले की बातें सुनकर क्या महसूस किया?
(i) ऐसे फेरीवाले आते-जाते रहते हैं
(ii) वह महँगा सामान बेचता है।
(iii) ऐसा स्नेही फेरीवाला पहले नहीं देखा।
(iv) मुरलीवाला अच्छा व्यवहार नहीं करता

(झ) फिर वह सौदा भी कैसा भी सस्ता बेचता है? अर्थ के आधार पर वाक्य भेद है
(i) संकेतवाचक
(ii) विधानवाचक
(iii) विस्मयादिबोधक
(iv) इच्छासूचक

उत्तर-

(क) (ii)
(ख) (iii)
(ग) (ii)
(घ) (iv)
(ङ) (ii)
(च) (ii)
(छ) (iii)
(ज) (iii)
(झ) (iii)

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

(क) रोहिणी के पति का क्या नाम था? रोहिणी ने उनसे किसे बुलाने के लिए और क्यों कहा?

उत्तर-

रोहिणी के पति का नाम विजय बाबू था। रोहिणी ने उनसे मुरलीवाले को बुलाने के लिए कहा।

(ख) चुन्नू-मुन्नू कौन थे और कहाँ गए थे?

उत्तर-

चुन्नू-मुन्नू रोहिणी के बच्चे थे और पार्क में खेलने गए थे।

(ग) मुरलीवाले का स्वर सुनकर रोहिणी को क्या स्मरण हो आया?

उत्तर-

मुरलीवाले के स्वर सुनकर रोहिणी को मन-ही-मन खिलौनेवाले का स्मरण हो आया। वह भी इसी तरह गा-गाकर खिलौने बेचा करता था।

(घ) मिठाईवाला पहले क्या था?

उत्तर-

मिठाईवाला पहले प्रतिष्ठित व्यापारी था।

(ङ) राय विजयबहादुर के बच्चों ने कौन-सा खिलौना खरीदा?

उत्तर-

राय विजयबहादुर के बच्चे चुन्नू और मुन्नू ने हाथी और घोड़ा खरीदा।

लघु उत्तरीय प्रश्न

(क) नगरभर में क्या समाचार फैल गया था? लोग उसके बारे में क्या बातें कर रहे थे?

उत्तर-

नगरभर में समाचार फैल गया कि मधुर तान में गाकर मुरलियाँ बेचनेवाला आया है। वह सिर्फ दो-दो पैसे में मुरली बेचता है। लोगों के लिए वहाँ यह आश्चर्य वाली बातें थीं और वे सोच रहे थे कि भला इतने कम पैसे में क्या फायदा होता होगा।

(ख) मीठे स्वर को सुनकर लोग अस्थिर क्यों हो जाते थे?

उत्तर-

खिलौनेवाले के आते ही मधुर स्वर व मादक रूप से गा-गाकर बच्चों को बुलाता था कि छोटे-बड़े सभी उसके मीठे स्वर से प्रभावित होकर अस्थिर हो जाते थे।

(ग) मुरलीवाला देखने में कैसा था? लोगों ने उसके बारे में क्या अंदाजा लगाया?

उत्तर-

मुरलीवाला देखने में गोरा-पतला युवक था। उसकी उम्र लगभग 30-32 की थी। वह बीकानेरी रंगीन साफ़ा बाँधता था। उसके बारे में लोगों ने यही अंदाजा लगाया कि संभवतः वही व्यक्ति सबसे पहले खिलौने बेचने शहर में आया था।

(घ) मिठाईवाले की आवाज़ सुन रोहिणी झट से नीचे क्यों उतर आई ?

उत्तर-

मिठाईवाले की आवाज़ सुनकर रोहिणी तुरंत समझ गई कि वह वही व्यक्ति है जो पहले खिलौने और मुरली लेकर आया था। उस व्यक्ति के सरल स्वभाव से रोहिणी कुछ परिचित हो गई थी। वह उसके विषय में जानना चाहती थी, इसलिए वह झट से आवाज़ सुनकर नीचे उतर कर आई ताकि बच्चों के लिए मिठाई के बहाने उसे बुलाया जा सके।

(ङ) मिठाईवाले के मन की व्यथा क्या थी?

उत्तर-

मिठाईवाले के मन की व्यथा थी कि उसके पत्नी व बच्चे किसी हादसे के शिकार हो गए थे, अब वह जीवन के दिन अकेले काट रहा था। यही उसकी व्यथा का कारण था।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

(क) ग्राहकों का व्यवहार कैसा होता है? कहानी के आधार पर स्पष्ट कीजिए।

उत्तर-

ग्राहक के मन में सदैव यह भावना बनी रहती है कि दुकानदार उससे अधिक कीमत लेता है और झूठ बोलता है। पहले सामान का दाम बढ़ा-चढ़ाकर बताता है और ग्राहक पर अहसान जताने के लिए दाम को थोड़ा कम कर देता है। वह तब भी काफ़ी मुनाफा कमाता है जबकि यह सभी दुकानदारों के ऊपर लागू नहीं होता। कई दुकानदार थोड़े लाभ पर अपना सामान बेच देते हैं। कई बार उसे अपना सारा मुनाफा छोड़ना पड़ता है। कभी-कभी नुकसान में अपना सौदा बेचना पड़ता है। ग्राहक को दुकानदार के साथ उचित व्यवहार करना चाहिए।

(ख) इस पाठ से हमें क्या संदेश मिलता है?

उत्तर-

इस पाठ से हमें संदेश मिलता है कि किसी का दुख बाँटना ही मनुष्यता है। जैसे रोहिणी ने जब मिठाईवाले की कहानी सुनी तो उसका हृदय भी द्रवित हो उठा।

मूल्यपरक प्रश्न

(क) आप मिठाईवाले को किस दृष्टिकोण से देखते हैं?

उत्तर-

अगर हम मानवीय दृष्टिकोण से देखते हैं तो पाते हैं कि मिठाईवाला अपने छोटे-से जीवन में काफ़ी परेशानी एवं दुख झेल चुका था। वह हमारी सहानुभूति का पात्र है। वह बच्चों के बीच में रहकर अपने बच्चे का रूप देखता है तथा दुख को भूलना चाहता है। हमें ऐसे व्यक्तियों के कष्ट कम करने का प्रयास करना चाहिए।

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