NCERT Solutions | Class 1 Hindi Rimjhim Chapter 18

NCERT Solutions | Class 1 Hindi Rimjhim Chapter 18 | छोटी का कमाल 

NCERT Solutions for Class 1 Hindi Rimjhim Chapter 18 छोटी का कमाल

CBSE Solutions | Hindi Class 1

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NCERT | Class 1 Hindi Rimjhim

NCERT Solutions Class 1 Hindi
Book: National Council of Educational Research and Training (NCERT)
Board: Central Board of Secondary Education (CBSE)
Class: 1
Subject: Hindi
Chapter: 18
Chapters Name: छोटी का कमाल
Medium: English

छोटी का कमाल | Class 1 Hindi | NCERT Books Solutions

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NCERT Solutions For Class 1 Hindi Chapter 18 Chhotee ka kamaal

कविता का सारांश

‘छोटी का कमाल’ कविता के कवि सफ़दर हाश्मी हैं। इस कविता में उन्होंने एक मोटे लड़के और एक पतली लड़की का बड़े ही चुटीले शब्दों में वर्णन किया है। कवि कहता है कि समरसिंह नामक एक लड़का अपने मोटापे पर बहुत घमंड करता था। वह ‘छोटी’ नामक एक दुबली-पतली लड़की को हेय दृष्टि से देखता था। वह अपने को आलू भरा पराँठा और छोटी को पतली रोटी कहता था। वह अपने को लंबा, मोटा-तगड़ा तथा मोटा पटसन का रस्सा समझता था, जबकि छोटी को दुबली-पतली तथा छोटी कच्ची सुतली। लेकिन जब दोनों सी-सॉ पर बैठे तो समरसिंह के होश ठिकाने आ गए। हल्की होने के कारण छोटी झूले के दूसरे हिस्से में चोटी पर पहुँच गई और समरसिंह भारी होने के कारण झूले के दूसरे छोर पर नीचे रह गया। समरसिंह की अकड़ दूर हो गई।

काव्यांशों की व्याख्या

1. समरसिंह थे बहुत अकड़ते,
छोटी, कितनी छोटी।

मैं हूँ आलू भरा पराँठा.
छोटी पतली रोटी।

मैं हूँ लंबा, मोटा तगड़ा,
छोटी पतली दुबली।

मैं मोटा पटसन का रस्सा,
छोटी कच्ची सुतली।

शब्दार्थ: अकड़ना-घमंड दिखाना। पटसन-एक पौधा, जिसके रेशे से रस्सी, बोरा आदि बनाए जाते हैं। सुतली-डोरी. रस्सी।

प्रसंग: उपर्युक्त पंक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक रिमझिम, भाग-1 में संकलित कविता ‘छोटी का कमाल’ से ली गई हैं। यह कविता सफ़दर हाश्मी द्वारा रचित है। इसमें उन्होंने एक मोटे लड़के के घमंड को दर्शाया है।

व्याख्या: समरसिंह नामक लड़के को अपने मोटापे पर बहुत घमंड है। वह पतली लड़की छोटी को बड़े ही उपहास की दृष्टि से देखता है। वह सोचता है कि मैं आलू भरे पराँठे की तरह हूँ और छोटी पतली रोटी की तरह। मैं लंबा, मोटा-तगड़ा हूँ, जबकि छोटी दुबली-पतली। समरसिंह अपने को पटसन का रस्सा तथा छोटी को कच्ची सुतली मानता है।

2. लेकिन जब बैठे सी-सॉ पर,
होश ठिकाने आए,

छोटी जा पहुँची चोटी पर,
समरसिंह चकराए।

शब्दार्थ: होश ठिकाने आना-समझ में आना। चोटी-ऊँचाई। चकराना-चकित होना।

प्रसंग: पूर्ववत।

व्याख्याः कवि कहता है कि अपनी लंबाई-चौड़ाई तथा मोटापे के अभिमान में डूबे समरसिंह जब सी-सॉ पर बैठे तब उनका घमंड चूर हो गया। हल्की होने के कारण छोटी झूले के दूसरे छोर पर ऊपर हो गई, जबकि मोटा और भारी होने के कारण समरसिंह नीचे रह गए और उनका घमंड जाता रहा।

प्रश्न-अभ्यास

(पाठ्यपुस्तक से)

पहुँचेगा कौन चोटी पर?

मोटा-तगड़ा समरसिंह नीचे रह गया।
पतली-दुबली छोटी ऊपर पहुँच गई।

प्रश्न 1. बताओ इनमें से कौन ऊपर जाएगा, कौन नीचे रह जाएगा?
NCERT Solutions for Class 1 Hindi Chapter 18 छोटी का कमाल 1
उत्तर :-
NCERT Solutions for Class 1 Hindi Chapter 18 छोटी का कमाल Q1
गोला लगाओ

प्रश्न 2. समरसिंह बहुत अकड़ते थे। इनमें से कौन-कौन अकड़ेगा?
उत्तर :-
NCERT Solutions for Class 1 Hindi Chapter 18 छोटी का कमाल Q2

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