NCERT Solutions for Class 10 Social Science Civics Chapter 1: Power-sharing (सत्ता की साझेदारी)

NCERT Solutions for Class 10 Social Science Civics Chapter 1: Power-sharing
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NCERT Solutions for Class 10 Social Science Political Science Chapter 1: सत्ता की साझेदारी
प्रश्न अभ्यास
पाठ्यपुस्तक से
- युक्तिपरक कारण – भारत एक घनी आबादी वाला देश है। पूरे देश के लिए एक ही सरकार के द्वारा कानून बनाना, शांति तथा व्यवस्था बनाना संभव नहीं है। इसलिए सरकार को विभिन्न स्तरों में बाँट दिया गया है और उनके बीच कार्यों का बँटवारा संविधान में लिखित रूप से कर दिया गया है, जिससे ये सरकारें बिना झगड़े देश के लोगों के हितों को ध्यान में रखकर शासन कर सकें।
- नैतिक कारण – लोकतंत्रीय देश में सत्ता का बँटवारा जरूरी है। यदि एक ही प्रकार की सरकार होगी तो वह निरंकुश हो जाएगी, ज्यादा से ज्यादा लोगों की भागीदारी शासन में नहीं हो पाएगी जो कि लोकतंत्र के लिए जरूरी है। इसलिए भारत में विभिन्न स्तरों पर सरकारों का वर्गीकरण कर दिया गया है।
प्रश्न 3. इस अध्याय को पढ़ने के बाद तीन छात्रों ने अलग-अलग निष्कर्ष निकाले। आप इनमें से किससे सहमत हैं और क्यों? अपना जवाब करीब 50 शब्दों में दें।
- थम्मन – जिन समाजों में क्षेत्रीय, भाषायी और जातीय आधार पर विभाजन हो सिर्फ वहीं सत्ता की साझेदारी जरूरी है।
- मथाई – सत्ता की साझेदारी सिर्फ ऐसे देशों के लिए उपयुक्त है जहाँ क्षेत्रीय विभाजन मौजूद होते हैं।
- औसेफ – हर समाज में सत्ता की साझेदारी की जरूरत होती है। भले ही वह छोटा हो या उसमें सामाजिक विभाजन न हो।
उत्तर
हम औसेफ के निष्कर्ष से सहमत हैं कि हर समाज में सत्ता की साझेदारी की जरूरत होती है। भले ही वह छोटा हो या उसमें सामाजिक विभाजन न हो। क्योंकि सत्ता का बँटवारा लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं के लिए ठीक है। सत्ता की साझेदारी वास्तव में लोकतंत्र की आत्मा है। लोकतंत्र का मतलब ही होता है कि जो लोग इस शासन व्यवस्था के अंतर्गत हैं उनके बीच सत्ता को बाँटा जाए और ये लोग इसी ढर्रे में रहें। वैध सरकार वही है जिसमें अपनी भागीदारी के माध्यम से सभी समूह शासन व्यवस्था से जुड़ते हैं।

उत्तर (सा) क, ख, घ, च।
प्रश्न 7. बेल्जियम और श्रीलंका की सत्ता में साझीदारी की व्यवस्था के बारे में निम्नलिखित बयानों पर विचार करें :
प्रश्न 8. सूची I ( सत्ता के बँटवारे के स्वरूप ) और सूची II ( शासन के स्वरूप ) में मेल कराएँ और नीचे दिए गए कोड का उपयोग करते हुए सही जवाब दें :

प्रश्न 9. सत्ता की साझेदारी के बारे में निम्नलिखित दो बयानों पर गौर करें और नीचे दिए गए कोड के आधार पर जवाब दें :

1 अंक वाले प्रश्न:
प्रश्न - नेपाल में सर्वप्रथम लोकतंत्र की स्थापना कब हुई थी?
उत्तर - 1990 ई0 में ।
प्रश्न - लोकतंत्र की स्थापना के बाद भी नेपाल में राज्य का प्रधान कौन बना रहा?
उत्तर - राजा वीरेन्द्र |
प्रश्न - नेपाल में जन-संघर्ष किसलिए हुआ था?
उत्तर - लोकतंत्र की स्थापना के लिए।
प्रश्न - ‘माओवादी’ किसे कहते हैं?
उत्तर - चीनी नेता माओं के विचारधरा को मानने वाले को माओंवादी कहलाते है।
प्रश्न - नेपाल में लोकतंत्रा की स्थापना के लिए संसद की सभी बड़ी राजनैतिक पार्टियों द्वारा कौन सा संगठन बनाया गया था?
उत्तर - एस. पी. ए (सप्तदलीय गठबंधन)
प्रश्न - नेपाल में रहस्यमय तरीके से किस राजा की हत्या कर दी गई थी?
उत्तर - राजा वीरेन्द्र ।
प्रश्न - सन् 2004 में लोकतंत्र की स्थापना के बाद नेपाल में किसे प्रधानमंत्राी बनाया गया?
उत्तर - गिरीजा प्रसाद कोईराला।
प्रश्न - सन् 2000 में बोलिविया में जन संघर्ष का प्रमुख आधर क्या था?
उत्तर - जल आपूर्ति का अधिकार बहुराष्ट्रीय कंपनी को सौप दिए गए थे।
प्रश्न - जब किसी देश का शासन वहाँ की सेना के हाथों में आ जाता है, तो इसे क्या कहते हैं?
उत्तर - मार्शल लॉ।
प्रश्न - ‘लामबंदी’ किसे कहते हैं?
उत्तर - जनहित के लिए लोगों का एकजुट होकर आंदोलन चलाना।
प्रश्न - बोलिविया में जन-संघर्ष का नेतृत्व किस संगठन ने किया था?
उत्तर - फेडकोर |
प्रश्न - बामसेफ (BAMCEF) का शब्द-विस्तार लिखिए?
उत्तर - बैकवर्ड एंड माइनॉरिजीट कम्युनिटी एम्पलॉइज फेडेरेशन।
प्रश्न - दबाव समूह किसे कहते हैं? दबाव समूहों का उदाहरण दीजिए |
उत्तर - ऐसा समुह जो अपनी उदेश्य या माँगों की पूर्ति के लिए प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से सरकार पर दबाव डालती है उन्हे दबाव समुह कहते है।
उदाहरण - किसान संघ
मजदूर संघ
छात्र संगठन
अध्यापक संघ
धार्मिक संगठन
व्यापार संघ
3 अंक वाले प्रश्न :
प्रश्न - सन् 1990 से 2004 के बीच नेपाल में लोकतंत्रा की स्थापना के लिए कौन-कौन से प्रयास किये गए ?
उत्तर - नेपाल में लोकतंत्र की स्थापना के लिए निम्न प्रयास किये गए।
(i) संसद की सभी बड़ी राजनीतिक पार्टियों ने एक ‘सेवेन पार्टी अलायंस’ (सप्तदलीय गठबंधन एस.पी.ए.) बनाया गया।
(ii) नेपाल की राजधनी काठमांडू में चार दिन के ‘बंद’ का आह्वान किया। इस प्रतिरोध् ने जल्दी ही अनियतकालीन ‘बंद’ का रूप ले लिया।
(iii) आंदोलनकारियों ने राजा को ‘अल्टीमेटम’ दे दिया लाखों के तादात में लोग सड़कों पर उतर आए ।
प्रश्न - बोलिविया में जन-आंदोलन क्यों हुआ था? तीन कारण बताइए।
उत्तर -
(i) वहाँ की सरकार ने जल आपूर्ति को एक बहुराष्ट्रीय कंपनी के हाथों में बेच दिया ।
(ii) इस कंपनी ने आनन-पफानन में पानी की कीमत में चार गुना इजाप़फा कर दिया।
(iii) पुलिस द्वारा बर्बरतापूर्वक दमन किया और सरकार द्वारा ‘मार्शल लॉ’ लगा दिया जाना।
प्रश्न - लोकतंत्र में जन-संघर्ष का क्या महत्व है? तीन बिन्दुओं द्वारा स्पष्ट कीजिए।
उत्तर -
(i) जन-संघर्ष के जरीये लोकतंत्रा का विकास होता है ?
(ii) जन-संघर्ष के जरीये राजनितिक पार्टियाँ लोकतंत्र को मजबुत करती है।
(iii) लोकतंत्रा में किसी मुद्दे पर विवाद जन-संघर्ष के जरीये मनवाया जा सकता है।
प्रश्न - जन-आंदोलन सरकारी नीतियों को किस प्रकार प्रभावित करते हैं? (कोई तीन बिन्दु)
उत्तर -
(i) जन-आंदोलन सरकारी नीतियों को बदलने या वापस लेने के लिए बाध्य करते है।
(ii) सरकार अपनी बनाने से पहले कुछ संगठनों से राय लेती है।
(iii) सरकार जन-आंदोलन को ध्यान में रखकर ही नीतियाँ बनाती है ताकी समाज के सभी तबकों का भला हो सके।
प्रश्न: हित-समूह और दबाव समूह में तीन अंतर स्पष्ट कीजिए |
उत्तर:
हित-समूह :
(i) हित समुह यह उन लोंगों का औपचारिक संगठन होता है जिनके हित समान होत है।
(ii) ये देश के घटनाचक्र को अपने पक्ष में करने का प्रयास करते है।
(iii) ये प्रत्यक्ष रूप से राजनिति को प्रभावित नहीं करते।
दबाव समूह :
(i) यह एक ऐसा समुह होता है जो निश्चित उदेश्य के लिए कार्य करते है।
(ii) ये सरकार की नितियों को प्रभावित करने की कोशिश करते है।
(iii) ये प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से राजनिति को प्रभावित करते है।
प्रश्न - दबाव समुह क्या है ?
उत्तर - जब कुछ लोग अपने विशेष उदेश्यों की पूर्ति के लिए संगठन बनाते है तो ऐसे संगठनों को दबाव समुह या हित समुह कहते है।
प्रश्न - दबाव समुह और आन्दोलन राजनिति पर असर डालनें के लिए कौन कौन से ढ़ंग अपनाते है ?
उत्तर -
(i) सूचना अभियान चलाकर
(ii) बैठकें आयोजित करके ।
(iii) मीडिया को प्रभावित करके |
प्रश्न - दबाब समूह किस प्रकार राजनीति में प्रभाव डालते हैं ? किन्हीं चार प्रभावों का वर्णन कीजिए ।
उत्तर -
(i) राजनितिक दल और सरकार पर दबाव डालकर अपनी मांगों को मनवाते है।
(ii) ये जन आन्दोलन द्वारा जनता की सहानुभूति और समर्थन प्राप्त करने का प्रयत्न करते हैं ।
(iii) ये सूचना अभियान और मीडिया के द्वारा सरकार और जनता को प्रभावित करते है।
(iv) अपना वोट बैंक बढ़ाने के लिए राजनितिक दल इन दबाव समूहों को अपने पक्ष में करने की कोशिश करते हैं ।
प्रश्न - अप्रैल 2006 में नेपाल में हुए जन-आन्दोलन का क्या कारण था? और इसके क्या परिणाम हुए।
उत्तर - नेपाल के राजा वीरेन्द्र की हत्या होने के बाद नेपाल में एक राजनितिक संकट पैदा हो गई । नया शासक राजा ज्ञानेन्द्र लोकतांत्रिक शासन को स्वीकार करने को तैयार नहीं था। तब तत्कालीन प्रधनमंत्री को अपदस्थ करके जनता द्वारा निर्वाचित सरकार को भंग कर दिया गया । शीघ्र ही इस कार्यवाही के विरुद्ध नेपाल में जन आन्दोलन शुरू हो गया । वहॉ के लोग लोकतंत्र की बहाली चाहते थे और सता जनता के हाथ में सौपना चाहते थे। इसके विरुद्ध अनेक जन संघर्ष हुए और अंततः राजा को जनता की सारी मांगे माननी पडी ।
प्रश्न - कोई दबाव समूह कब राजनैतिक दल बन जाता है? उदाहरण देते हुए समझाइए।
उत्तर - निम्न परिस्थितियों कोई दबाव समूह राजनैतिक दल बन जाता है।
(i) कुछ मामलों में दबाव-समूह राजनीतिक दलों द्वारा ही बनाए गए होते हैं अथवा उनका नेतृत्व राजनीतिक दल के नेता करते हैं।
(ii) कुछ दबाव-समूह राजनीतिक दल की एक शाखा के रूप में काम करते हैं। उदाहरण के लिए भारत के अधिकतर मजदूर-संगठन और छात्र-संगठन या तो बड़े राजनीतिक दलों द्वारा बनाए गए हैं
(iii) ऐसे दबाव-समूहों के अधिकतर नेता अमूमन किसी न किसी राजनीतिक दल के कार्यकर्ता और नेता होते हैं।
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Chapter 1: सत्ता की साझेदारीChapter 2: संघवाद
Chapter 3: लोकतंत्र और विविधता
Chapter 4: जाति, धर्म और लैंगिक मसले
Chapter 5: जन-संघर्ष और आंदोलन
Chapter 6: राजनीतिक दल
Chapter 7: लोकतंत्र के परिणाम
Chapter 8: लोकतंत्र की चुनौतियाँ
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