NCERT Solutions | Class 8 Hindi Grammar अविकारी शब्द-अव्यय

NCERT Solutions | Class 8 Hindi Grammar | अविकारी शब्द-अव्यय 

NCERT Solutions for Class 8 Hindi Grammar अविकारी शब्द-अव्यय

CBSE Solutions | Hindi Class 8

Check the below NCERT Solutions for Class 8 Hindi Grammar अविकारी शब्द-अव्यय Pdf free download. NCERT Solutions Class 8 Hindi Grammar were prepared based on the latest exam pattern. We have Provided अविकारी शब्द-अव्यय Class 8 Hindi NCERT Solutions to help students understand the concept very well.

NCERT | Class 8 Hindi

NCERT Solutions Class 8 Hindi Grammar
Book: National Council of Educational Research and Training (NCERT)
Board: Central Board of Secondary Education (CBSE)
Class: 8th
Subject: Hindi Grammar
Chapter:
Chapters Name: अविकारी शब्द-अव्यय
Medium: Hindi

अविकारी शब्द-अव्यय | Class 8 Hindi | NCERT Books Solutions

You can refer to MCQ Questions for Class 8 Hindi  अविकारी शब्द-अव्यय to revise the concepts in the syllabus effectively and improve your chances of securing high marks in your board exams.

अविकारी शब्द वे होते हैं, जिनमें कोई विकार नहीं आता। वाक्य में प्रयुक्त संज्ञा व सर्वनाम शब्दों के लिंग, वचन कारक आदि का इन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता। इसी कारण इन शब्दों को अव्यय भी कहा जाता है। अव्यय का शाब्दिक अर्थ है-जिसका कुछ भी व्यय न हो अर्थात ऐसे शब्द जिनका वाक्य में प्रयोग होने पर रूप न बदले।।

ऐसे शब्द जिनमें लिंग, वचन काल की दृष्टि से कोई रूप परिवर्तन नहीं होता, वे अव्यय कहलाते हैं।

अव्यय शब्द अ + व्यय के योग से बना है। इसका अर्थ हुआ जिसमें कोई व्यय न हो। अव्यय के निम्नलिखित भेद हैं

  1. क्रियाविशेषण
  2. संबंधबोधक
  3. समुच्चयबोधक
  4. विस्मयादिबोधक
  5. निपात

1. क्रियाविशेषण – क्रिया की विशेषता बताने वाले शब्द क्रियाविशेषण कहलाते हैं; जैसे|

  • कछुआ धीरे-धीरे चल रहा है।
  • गाय नीचे बैठी है।

रेखांकित शब्द क्रिया कैसे, कहाँ, कितनी और कब हुआ – इसका बोध करा रहे हैं। वे सभी शब्द क्रिया की विशेषता बता रहे हैं। अतः ये क्रियाविशेषण हैं।

क्रियाविशेषण के भेद – क्रियाविशेषण के चार भेद होते हैं

  • कालवाचक क्रियाविशेषण
  • स्थानवाचक क्रियाविशेषण
  • रीतिवाचक क्रियाविशेषण
  • परिमाणवाचक क्रियाविशेषण

(i) कालवाचक क्रियाविशेषण – ‘काल’ का अभिप्राय है ‘समय’। कुछ क्रियाविशेषण शब्द क्रिया की काल संबंधी विशेषता का बोध कराते हैं, उन्हें कालवाचक क्रियाविशेषण कहते हैं। जैसे-

  • सूर्य प्रातः निकलता है।
  • पक्षी शाम को लौटते हैं।

यहाँ आए प्रातः और शाम शब्द बता रहे हैं कि क्रिया कब हुई है। अतः ये कालवाचक क्रियाविशेषण हैं।

(ii) स्थानवाचक क्रियाविशेषण – जो क्रियाविशेषण शब्द क्रिया की स्थान संबंधी विशेषता का बोध कराते हैं, उन्हें स्थानवाचक क्रियाविशेषण कहते हैं; जैसे

  • पक्षी आसमान में उड़ रहा है।
  • हरियाली चारों ओर फैली है।

यहाँ आए आसमान, और चारों ओर शब्द बताते हैं कि क्रिया कहाँ हो रही है। ये क्रिया होने के स्थान का बोध करा रहे हैं। ये स्थानवाचक क्रियाविशेषण शब्द हैं; जैसे- निकट, पास, भीतर, बाहर, ऊपर, नीचे, इधर, उधर, दाएँ, बाएँ, आगे, दाहिने आदि शब्द भी स्थानवाचक क्रियाविशेषण शब्दों के उदाहरण हैं।

(iii) रीतिवाचक क्रियाविशेषण – जो क्रियाविशेषण शब्द क्रिया की रीति संबंधी विशेषता का बोध कराते हैं, उन्हें रीतिवाचक क्रियाविशेषण कहते हैं; जैसे

  • हिरन तेज़ दौड़ता है।
  • कछुआ धीरे-धीरे चला।

यहाँ आए ‘तेज’ और धीरे-धीरे शब्द यह बता रहे हैं कि क्रिया किस प्रकार से संपन्न हुई । अतः ये रीतिवाचक क्रियाविशेषण शब्द हैं।

(iv) परिमाणवाचक क्रियाविशेषण – परिमाण का अर्थ है- मात्रा, जो क्रियाविशेषण शब्द क्रिया की परिमाण संबंधी विशेषता का बोध कराते हैं, उन्हें परिमाणवाचक क्रियाविशेषण कहते हैं। जैसे- बहुत, अति, अत्यंत, खूब, कुछ, पर्याप्त, अधिक, कम आदि शब्द परिमाणवाचक क्रियाविशेषण शब्दों के उदाहरण हैं।

2. संबंधबोधक – जिन अव्ययों द्वारा संज्ञा या सर्वनाम का वाक्य के दूसरे शब्दों के साथ संबंध जाना जाए, वे संबंधबोधक कहलाते हैं। संबंधबोधक शब्दों को दिशा, काल, स्थान, उद्देश्य, कारण, तुलना, विषय, आदि के आधार पर भेदों को बाँटा जाता है। संबंधबोधक के प्रकार-संबंधबोधक के निम्न प्रकार होते हैं

  • कालसूचक – के बाद, से पहले, के पश्चात, के पूर्व आदि।
  • स्थानसूचक – के अंदर, के बाहर, के सामने, के पीछे, के पास, के ऊपर, के नीचे आदि।
  • दिशासूचक – की ओर, की तरफ़, के पार, के समीप, के निकट आदि।
  • समानतासूचक – के समान, की तरह, के बराबर, के जैसा आदि।
  • तुलनासूचक – की अपेक्षा, की तुलना में आदि।
  • कारणसूचक – के कारण, की वजह, के मारे आदि।
  • विकल्पसूचक – के बदले, की जगह आदि।
  • विरोधसूचक – के अनुसार, के विपरीत, के विरुद्ध, के प्रतिकूल, के खिलाफ़ आदि।

3. समुच्चय बोधक – जो शब्द दो शब्दों, पदबंधों या वाक्यों को परस्पर जोड़ते हैं, उन्हें समुच्चयबोधक कहते हैं; जैसे

  • अजय ने माता-पिता तथा गुरुओं को प्रणाम किया।
  • सचिन व सौरभ में गहरी मित्रता है।

समुच्चयबोधक शब्दों को योजक भी कहते हैं। समुच्चयबोधक जोड़ने के साथ-साथ कारण या परिणाम बताने, विकल्प बताने व विरोध जताने का भी कार्य करते हैं।

समुच्चयबोधक अव्यय के दो भेद हैं –

1. समानाधिकरण समुच्चयबोधक – जो समुच्चयबोधक समान स्तर वाले शब्दों, वाक्यांशों या उपवाक्यों को जोड़ते हैं, उन्हें समानाधिकरण समुच्चयबोधक कहा जाता है; जैसे

  • मीना और नीत आ गई।
  • नेहा या तो चाय पिलाओ या कॉफ़ी।

2. व्यधिकरण समुच्चयबोधक – जो अव्यय दो शब्दों, पदों, उपवाक्यों को जोड़ने का कार्य करता है, व्याधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय कहलाता हैं; जैसे

  • महेश कार्यालय नहीं आया क्योंकि वह बीमार था।
  • उसने परिश्रम किया फिर भी उत्तीर्ण न हो सका।

3. विस्मयादिबोधक अव्यय – जो अव्यय शब्द हर्ष, शोक, घृणा विस्मय आदि का भाव व्यक्त करते हैं, उन्हें विस्मयादिबोधक कहते हैं। विस्मयादिबोधक शब्द विभिन्न प्रकार के होते हैं; जैसे

अरे! आप आज यहाँ।। वाह! कितना सुंदर दृश्य।
हे राम! बहुत बुरा हुआ। हाय! वह कैसे दिन बिता रहा है।
बाप रे बाप! इतना बड़ा साँप। थू-थू। यह कमरा तो सड़ रहा है।
छिः! कितनी बदबू है।
अहा! कितना सुंदर नज़ारा है। शाबाश! सदा ऐसे ही प्रथम आना।
बहुत अच्छा! मैं अवश्य आऊँगी हाँ-हाँ सब जाओ
अरे! सुनना तो।। अजी! यहाँ तो आना
जियो! खूब जियो जीते रहो खूब फलो-फूलों।

4. निपात – हिंदी में कुछ ऐसे अव्यय होते हैं जो किसी पद के बाद जुड़कर उसके अर्थ में विशेष बल प्रदान करते हैं, उन्हें निपात कहते हैं। हो, भी, तो, तक, भाव आदि।
उदाहरण –
भी – तुम भी कुछ करो। वह नृत्य भी करती है।
ही – वह घर ही जा रहा है। वहाँ क्रिकेट ही खेली जाएगी।

बहुविकल्पी प्रश्न

1. क्रियाविशेषण किसकी विशेषता बताता है?
(i) संज्ञा
(ii) सर्वनाम
(iii) क्रिया
(iv) काल

2. क्रियाविशेषण के कितने भेद होते हैं?
(i) तीन
(ii) चार
(iii) पाँच
(iv) आठ

3. संज्ञा या सर्वनाम का शेष वाक्य के साथ संबंध जोड़ने वाला शब्द कहलाता है
(i) संबंधबोधक
(ii) क्रिया
(iii) क्रियाविशेषण
(iv) सर्वनाम

4. समुच्चयबोधक शब्द का अभिप्राय है
(i) दो शब्दों या वाक्यों को पृथक करना,
(ii) दो शब्दों या वाक्यों को जोड़ना
(iii) दो शब्दों या वाक्यों में समानता बताना
(iv) इनमें कोई नहीं

5. समुच्चयबोधक के उदाहरण हैं
(i) के पास, से दूर
(ii) और, क्योंकि
(iii) में, पर
(iv) सुबह, रात

6. हे प्रभु! मेरी प्रार्थना सुन लो। में भाव प्रकट हो रहा है।
(i) स्वीकृतिबोधक।
(ii) भयबोधक
(iii) संबंधबोधक
(iv) घृणाबोधक

7. विजयी हो! तुम अवश्य शत्रु को हरा सकोगे।
(i) हर्षबोधक
(ii) घृणाबोधक
(iii) शोकबोधक
(iv) आर्शीवादबोधक

8. वाक्यों में आए सही निपात शब्द हैं
(i) मैं
(ii) ही
(iii) तुम
(iv) चलो

उत्तर-

1. (iii)
2. (ii)
3. (i)
4. (ii)
5. (ii)
6. (iii)
7. (iv)
8. (ii)

NCERT Class 8 Hindi

Class 8 Hindi Grammar Chapters | Hindi Class 8

NCERT Solutions for Class 8 Hindi Vasant

CBSE Class 8 Hindi Unseen Passages अपठित बोध

CBSE Class 8 Hindi Grammar व्याकरण

CBSE Class 8 Hindi Letter Writing लेखन कौशल

NCERT Solutions for Class 12 All Subjects NCERT Solutions for Class 10 All Subjects
NCERT Solutions for Class 11 All Subjects NCERT Solutions for Class 9 All Subjects

NCERT SOLUTIONS

Post a Comment

इस पेज / वेबसाइट की त्रुटियों / गलतियों को यहाँ दर्ज कीजिये
(Errors/mistakes on this page/website enter here)

Previous Post Next Post