NCERT Solutions | Class 8 Hindi Grammar भाषा, बोली, लिपि और व्याकरण

NCERT Solutions | Class 8 Hindi Grammar | भाषा, बोली, लिपि और व्याकरण 

NCERT Solutions for Class 8 Hindi Grammar भाषा, बोली, लिपि और व्याकरण

CBSE Solutions | Hindi Class 8

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NCERT | Class 8 Hindi

NCERT Solutions Class 8 Hindi Grammar
Book: National Council of Educational Research and Training (NCERT)
Board: Central Board of Secondary Education (CBSE)
Class: 8th
Subject: Hindi Grammar
Chapter:
Chapters Name: भाषा, बोली, लिपि और व्याकरण
Medium: Hindi

भाषा, बोली, लिपि और व्याकरण | Class 8 Hindi | NCERT Books Solutions

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मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। उसे दूसरे लोगों के संपर्क में रहना पड़ता है। भाषा के बिना न तो वह अपनी बात समाज के दूसरे लोगों तक पहुँचा सकता है और न ही उनकी बात स्वयं समझ सकता है। इस प्रकार हम देखते हैं कि भाषा मन के भावों या विचारों को प्रकट करने और समझने में एक-दूसरे की मदद करती है।

भाषा शब्द ‘भाष’ धातु से बना है। इसका अर्थ है- बोलना। मनुष्य जिन ध्वनियों को बोलकर अपनी बात कहता है, उसे भाषा कहते हैं। इस प्रकार कहा जा सकता है कि- भाषा वह साधन है, जिसके द्वारा मनुष्य बोलकर, लिखकर, पढ़कर व सुनकर अपने मन के विचारों तथा भावों का आदान-प्रदान करता है।

भाषा के रूप

भाषा का प्रयोग हम मुख्यतः बोलकर तथा लिखकर करते हैं। इस प्रकार प्रयोग के आधार पर भाषा के दो रूप होते हैं।
(i) मौखिक (Oral) और
(ii) लिखित (Written)

  1. मौखिक भाषा-मौखिक का अर्थ है- मुख से निकली हुई। जब हम बोलकर और सुनकर अपने विचार एक-दूसरे तक पहुँचाते है, तो यह भाषा का मौखिक रूप कहलाता है।
  2. लिखित भाषा-लिखित का अर्थ है- लिखा हुआ। जब मनुष्य अपने मन के भावों को लिखकर और पढ़कर व्यक्त करता है, तो वह भाषा का लिखित रूप होता।

भाषा का मूल रूप मौखिक होता है। इसे सीखना नहीं पड़ता।
मातृभाषा – भाषा का वह रूप जिसे बालक सबसे पहले अपने परिवार में रहकर सीखता है वह मातृभाषा कहलाती है।
हिंदी भाषा की राजभाषा के रूप में मान्यता तथा स्वीकृत भाषाएँ।

14 सितंबर 1949 को भारत सरकार ने हिंदी को राजाभाषा घोषित किया। भारतीय संविधान में 22 भाषाओं को मान्यता प्रदान की गई है। वे इस प्रकार हैं– हिंदी, असमिया, बंगाली, गुजराती, बोडो, डोगरी, कन्नड़, कश्मीरी, कोंकणी, पंजाबी, उर्दू, मैथिली, मलयालम, मणिपुरी, मराठी, नेपाली, उड़िया, संस्कृत, तमिल, तेलुगू, संथाली तथा सिंधी।

राजभाषा – राज + भाषा यानी काम-काज की भाषा। वह भाषा जिसका प्रयोग देश के कार्यालयों में काम – काज के लिए किया जाता है, राजभाषा कहलाती है।

लिपि (Script)

बोली जाने वाली हर ध्वनि को लिखने के लिए कुछ चिह्ने निश्चित किए गए हैं। इन्हीं चिह्नों के लिखने के तरीके को लिपि कहते हैं।

कुछ प्रमुख लिपियों वे भाषओं को जानें-

लिपि भाषा लिपि भाषा
गुरुमुखी पंजाबी देवनागरी हिंदी, संस्कृत, मराठी
तमिल तमिल रोमन अंग्रेजी, जर्मन

देवनागरी – हिंदी, संस्कृत, मराठी, बोडो, संथाली, कोंकणी।
फ़ारसी – उर्दू
शारदा – कश्मीरी
फ्रांसीसी – रोमन
बोडो – देवनागरी
अंग्रेज़ी व जर्मन – रोमन
बंगाली – बंगला

हिंदी भाषा का प्रयोग

भारत में हिंदी भाषा का प्रयोग तीन रूपों में किया जा रहा है
राजभाषा के रूप में – उत्तर प्रदेश, बिहार, उत्तरांचल, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली में।
दवितीय भाषा के रूप में – पंजाब, महाराष्ट्र और गुजरात में।
संपर्क भाषा के रूप में – दक्षिण भारत के राज्यों में तथा पश्चिमी बंगाल, जम्मू-कश्मीर एवं पूर्वोत्तर के राज्यों में।

बोली

सीमित क्षेत्रों में बोली जाने वाली भाषा के रूप को बोली कहा जाता है यानी स्थानीय व्यवहार में, अल्पविकसित रूप में प्रयुक्त होने वाली भाषा बोली कहलाती है। बोली का कोई लिखित रूप नहीं होता।

हिंदी की बोलियाँ

हिंदी की बोलियों को छह वर्गों में विभाजित किया जा सकता है
पश्चिमी हिंदी – ब्रज, खड़ी बोली, हरियाणवी (बांगरू) बुंदेली और कन्नौजी।
पूर्वी हिंदी – अवधी, बघेली, छत्तीसगढ़ी।
राजस्थानी – मेवाती, मारवाड़ी, हाड़ोती, मेवाड़ी।
बिहारी – मैथिली, मगधी, भोजपुरी।
पहाड़ी – गढ़वाली, कुमाऊँगी, मैडियाली।
दक्खिनी – बीजापुर, गोलकुंडा के क्षेत्र।

व्याकरण

जो शास्त्र हमें वर्णो, शब्दों और वाक्यों के शुद्ध प्रयोग की जानकारी देता है, वह व्याकरण कहलाता है।

व्याकरण के अंग
व्याकरण के चार अंग हैं
(i) वर्ण विचार
(ii) शब्द विचार
(iii) पद विचार
(iv) वाक्य विचार

(i) वर्ण विचार – इसके अंतर्गत वर्षों के उच्चारण, वर्गीकरण, लेखन, संयोजन में चर्चा की जाती है।
(ii) शब्द विचार – इसके अंतर्गत शब्दों के भेद व्युत्पत्ति और रचना आदि से संबंधित नियमों की जानकारी होती है।
(iii) पद विचार – इसके अंतर्गत संज्ञा, सर्वनाम, क्रिया, विशेषण अव्यय आदि पदों के स्वरूप तथा प्रयोग पर विचार किया जाता है।
(iv) वाक्य विचार – व्याकरण के इस विभाग में वाक्यों के भेद, उसके संबंध, वाक्य विश्लेषण, विराम-चिह्नों आदि के बारे में विचार किया जाता है।

बहुविकल्पी प्रश्न

1. भाषा कहते हैं
(i) मन के भावों को बोलकर या लिखकर बताना
(ii) मन के भावों को संकेत द्वारा बताना
(iii) मन के भावों को केवल बोलकर बताना
(iv) मन के भावों को केवल संकेत के द्वारा बताना

2. भाषा के मुख्य रूप हैं
(i) एक
(ii) दो
(iii) तीन
(iv) चार

3. हम प्रतिवर्ष ‘हिंद दिवस’ मनाते हैं
(i) 14 जनवरी
(ii) 14 मई
(iii) 14 सितंबर
(iv) 14 अगस्त

4. भाषा का क्षेत्रीय रूप जो स्थान-स्थान पर बदलता रहता है
(i) लिपि
(ii) भाषा
(iii) बोली
(iv) व्याकरण

5. संविधान के किस अनुच्छेद में हिंदी को राजभाषा का स्थान मिला?
(i) 253वें
(ii) 243वें
(iii) 313वें
(iv) 343वें

6. भाषा के नियमों की जानकारी देने वाला शास्त्र है|
(i) लिपि
(ii) व्याकरण
(iii) बोली
(iv) भाषा

7. व्याकरण के कितने अंग होते हैं?
(i) दो
(ii) तीन
(iii) चार
(iv) पाँच

8. कौन-सी लिपि दाएँ से बाएँ लिखी जाती है?
(i) रोमन
(ii) फ़ारसी
(iii) गुरुमुखी
(iv) देवनागरी

उत्तर-

1. (i)
2. (ii)
3. (iii)
4. (iii)
5. (iii)
6. (iii)
7. (iii)
8. (ii)

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