NCERT Solutions | Class 11 Arthshastra Chapter 5

NCERT Solutions | Class 11 Arthshastra भारतीय अर्थव्यवस्था का विकास (Bhartiya Arthvyavastha ka Vikas) Chapter 5 | भारत में मानव पूँजी का निर्माण 

NCERT Solutions for Class 11 Arthshastra भारतीय अर्थव्यवस्था का विकास (Bhartiya Arthvyavastha ka Vikas) Chapter 5 भारत में मानव पूँजी का निर्माण

CBSE Solutions | Arthshastra Class 11

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NCERT | Class 11 Arthshastra भारतीय अर्थव्यवस्था का विकास (Bhartiya Arthvyavastha ka Vikas)

NCERT Solutions Class 11 Arthshastra
Book: National Council of Educational Research and Training (NCERT)
Board: Central Board of Secondary Education (CBSE)
Class: 11
Subject: Arthshastra
Chapter: 5
Chapters Name: भारत में मानव पूँजी का निर्माण
Medium: Hindi

भारत में मानव पूँजी का निर्माण | Class 11 Arthshastra | NCERT Books Solutions

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NCERT Solutions for Class 11 Economics Indian Economic Development Chapter 5 (Hindi Medium)

प्रश्न अभ्यास

(पाठ्यपुस्तक से)

प्र.1. किसी देश में मानवीय पूँजी के दो प्रमुख स्रोत क्या होते हैं?
उत्तर :
शिक्षा और स्वास्थ्य मानवीय पूँजी के दो प्रमुख स्रोत हैं।

प्र.2. किसी देश की शैक्षिक उपलब्धियों के दो सूचक क्या होंगे?
उत्तर :
किसी देश की शैक्षिक उपलब्धियों के मुख्य सूचना इस प्रकार हैं|

  1. सकल नामांकन अनुपात ।
  2. साक्षरता दर

प्र.3. भारत में शैक्षिक उपलब्धियों में क्षेत्रीय विषमताएँ क्यों दिखाई दे रही हैं?
उत्तर :
शैक्षिक उपलब्धियों में क्षेत्रीय विषमताएँ निम्न कारणों से हैं
(a) आय की असमानताएँ-सामान्यता उच्च आय वाले राज्यों में उच्च साक्षरता दर है भले ही यह आनुपातिक नहीं है।
(b) शिक्षा पर राज्य सरकार का व्यय-शिक्षा समवर्ती सूचि का विषय है अतः क्षेत्रीय असमानताएँ, विभिन्न राज्यों पर शिक्षा पर किये गए व्यय के विभिन्न स्तरों के कारण भी आ जाती है।

प्र.4. मानव पूँजी निर्माण और मानव विकास के भेद को स्पष्ट करें।
उत्तर :
मानव पूँजी निर्माण और मानव विकास में भेद इस प्रकार हैं
NCERT Solutions for Class 11 Economics Indian Economic Development Chapter 5 (Hindi Medium) 1

प्र.5. मानव पूँजी की तुलना में मानव विकास किस प्रकार अधिक व्यापक है?
उत्तर :
मानव पूँजी की तुलना में मानव विकास अधिक व्यापक है क्योंकि
(a) मानव पूँजी केवल मनुष्य जीवन के आर्थिक आयाम से संबंधित है जबकि मानव विकास बहुआयामी है जो आर्थिक-सामाजिक-सांस्कृतिक राजनैतिक-अध्यात्मिक पहलू पर विचार करता है।
(b) मानव पूँजी उस प्रकार की शिक्षाओं को महत्त्व देता है जो उत्पादकता को बढ़ाए। मानव विकास शिक्षा और स्वास्थ्य को अच्छी गुणवत्ता वाले जीवन का अभिन्न हिस्सा मानती है। यह मानता है कि स्वास्थ्य और शिक्षा को उपयोगी साधन मानते हैं भले ही वे श्रम की उत्पादकता बढ़ाने में कोई योगदान न करें।

प्र.6. मानव पूंजी के निर्माण में किन कारकों का योगदान रहता है?
उत्तर :
निम्नलिखित स्रोतों का मानव पूँजी निर्माण में योगदान है

(a) शिक्षा पर व्यय
(b) स्वास्थ्य पर व्यय
(c) प्रशिक्षण पर व्यय
(d) सूचना पर व्यय
(e) प्रवासन

प्र.7. सरकारी संस्थाएँ भारत में किस प्रकार स्कूल एवं अस्पताल की सुविधाएँ उपलब्ध करवाती है?
उत्तर :
शिक्षा क्षेत्र- केंद्र और राज्य स्तर पर शिक्षा मंत्रालय, शिक्षा प्रभाग एवं अन्य संगठन राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् (एन सी ई आर टी), विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यू.जी.सी.) तथा तकनीकी शिक्षा के लिए अखिल भारतीय परिषद (ए आई सी टी ई) शिक्षा क्षेत्र को विनियमित करते हैं।
स्वास्थ्य क्षेत्र-केंद्र एवं राज्य स्तर पर स्वास्थ्य मंत्रालय, स्वास्थ्य प्रभाग एवं संगठन जैसे भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आई सी एम आर) स्वास्थ्य क्षेत्र को विनियमित करते हैं।

प्र.8. शिक्षा को किसी राष्ट्र के विकास में महत्त्वपूर्ण आगत माना जाता है। क्यों?
उत्तर :
शिक्षा को किसी राष्ट्र के विकास में महत्त्वपूर्ण आगत माना जाता है। एक राष्ट्र के विकास में यह एक महत्त्वपूर्ण आगत की भूमिका निम्नलिखित तरह से निभाता है

1. यह एक व्यक्ति को अधिक आय अर्जित करने की योग्यता देता है।
2. यह एक व्यक्ति को बेहतर सामाजिक स्थिति और गर्व देता है।
3. यह एक व्यक्ति को जीवन में बेहतर विकल्प चुनने में सक्षम बनाता है। यह समाज में हो रहे परिवर्तनों को समझने का ज्ञान देता है।
4. यह नवाचार को बढ़ावा देता है।
5. शिक्षित श्रम बल की उपलब्धता नई तकनीक अपनाने में सहायक होती है।

प्र.9. पूँजी निर्माण के निम्नलिखित स्रोतों पर चर्चा करें।
(क) स्वास्थ्य आधारिक संरचना
(ख) प्रवसन पर व्यय
उत्तर :
(क) स्वास्थ्य आधारिक संरचना निम्नलिखित प्रकारों से मानव पूँजी निर्माण में योगदान देता है

  1. एक बेहतर स्वास्थ्य आधारिक संरचना श्रम की उत्पादकता बढ़ाता है।
  2. इससे उनकी दक्षता, नियमितता बढ़ जाती है और अनुपस्थिति कम हो जाती है।
  3. यह जीवन की समग्र गुणवत्ता सुधारता है।
  4. यह अर्थव्यवस्था में निर्भर जनसंख्या के अनुपात को कम करता है।

(ख) प्रवसन पर व्यय निम्नलिखित प्रकार से मानव पूँजी निर्माण में योगदान देता है
1. प्रवसन में परिवहन की लागत, प्रवसित स्थान पर उच्च निर्वाह लागत और एक अनजान क्षेत्र में रहने की मनोवैज्ञानिक
लागत शामिल है।

  • इसका लाभ उच्च आय के रूप में मिलता है।
  • यदि लाभ, लागत से अधिक होता है तो व्यक्ति पलायन करने का निर्णय लेता है और इस तरह इससे व्यक्ति
    की समग्र उपयोगिता बढ़ जाती है।

प्र.10. मानव संसाधनों के प्रभावी प्रयोग के लिए स्वास्थ्य और शिक्षा पर व्यय संबंधी जानकारी प्राप्त करने की आवश्यकता का निरूपण करें।
उत्तर :
जब लोगों को स्वास्थ्य एवं शिक्षा संबंधी सही जानकारी होती है तो वे अधिक प्रभावी ढंग से मानव संसाधनों का उपयोग कर सकते हैं। एक बार उन्हें इन क्षेत्रों में निवेश करने से जीवन भर प्राप्त होने वाले लाभों का अहसास हो जाए तो वे इनकी अवहेलना नहीं करेंगे। इससे उनकी उत्पादकता, दक्षता और उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार होगा और इस तरह यह मानव पूँजी निर्माण में योगदान देगा।

प्र.11. मानव पूँजी में निवेश आर्थिक संवृद्धि में किस प्रकार सहायक होता है?
उत्तर :
आर्थिक संवृद्धि का अर्थ अर्थव्यवस्था में वास्तविक उत्पादन में वृद्धि से है। निश्चित रूप से एक शिक्षित व्यक्ति एक अनपढ़ व्यक्ति की तुलना में वास्तविक उत्पादन में अधिक योगदान दे सकता है। इसी प्रकार से एक स्वस्थ कार्यकर्ता का योगदान एक बीमार कार्यकर्ता से अधिक होगा। शिक्षा एवं स्वास्थ्य सहित अन्य कई कारक जैसे कार्यस्थल पर प्रशिक्षण, प्रवसन एवं श्रम बाजार की सूचना एक व्यक्ति की उत्पादकता बढ़ा देता है अतः मानव पूँजी निर्माण की अधिक दर अधिक आर्थिक संवृद्धि में योगदान देती है।

आर्थिक संवृद्धि दर में वृद्धि से धन की उपलब्धता के कारण मानव पूँजी निर्माण दर बढ़ जाती है। अतः इनमें मुर्गी-अंडा संबंध

प्र.12. विश्व भर में औसत शैक्षिक स्तर में सुधार के साथ-साथ विषमताओं में कमी की प्रवृत्ति पाई गई हैं। टिप्पणी करें।
उत्तर :
विश्व भर में औसत शैक्षिक स्तर में सुधार के साथ विषमताओं में कमी आई है क्योंकि शिक्षा में विस्तार के साथ लोग इंटरनेट के संपर्क में आते हैं और सूचना अधिक सुलभ हो जाती है। वे उन स्थानों पर पलायन करते हैं जहाँ कौशल का अत्यधिक भुगतान किया जाता है। श्रम में यह गतिशीलता मजदूरी दरों को समान स्तर पर ले आता है। यह दुनिया भर में असमानता को कम करता है।

प्र.13. किसी राष्ट्र के आर्थिक विकास में शिक्षा की भूमिका का विश्लेषण करें।
उत्तर :
शिक्षा निम्न तरीकों में से एक देश के विकास में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
(क) इससे उत्पादन बढ़ता है-शिक्षित और कुशल कर्मियों की उत्पादकता निरक्षर और अकुशल कर्मियों से ज्यादा होती है। यह राष्ट्र की उत्पादकता में वृद्धि करता है।
(ख) कुशलता और उत्पादकता बढ़ाता है-शिक्षा में निवेश में वृद्धि से कर्मियों की कुशलता और उत्पादकता बढ़ती है।
(ग) समाज में सकारात्मक प्रभाव लाने में सहायक-शिक्षा लोगों के दृष्टिकोण में धर्म, जाति, लिंग तथा अन्य सामाजिक-आर्थिक मुद्दों पर सकारात्मक प्रभाव डालता है और इस तरह आर्थिक-सामाजिक समस्याएँ कम होती हैं।
(घ) जीवन की गुणवत्ता में सुधार-शिक्षा जीवन को और अधिक गुणात्मक बनाती हैं। एक निरक्षर व्यक्ति के जीवन की तुलना एक शिक्षित व्यक्ति, भले वह आर्थिक गतिविधि में संलग्न न हो, से करें। एक शिक्षित व्यक्ति को एक निरंतर व्यक्ति की तुलना में कई लाभ हैं जो उसके जीवन को अधिक गुणात्मक बनाते हैं।
(ङ) प्रौद्योगिकी अभिनव-शिक्षा बाजार में नवीनतम तकनीकों एवं नवाचार को लाने में मदद करता है।

प्र.14. किसी व्यक्ति के लिए कार्य के दौरान प्रशिक्षण क्यों आवश्यक है?
उत्तर :
प्रौद्योगिकी परिवर्तन एक सतत प्रक्रिया है। यह कभी नहीं रूकती। अतः अपनी श्रम शक्ति को अद्यतन करने के लिए हमें उन्हें कार्य के दौरान प्रशिक्षण देने की आवश्यकता है। मान लो एक व्यक्ति ने 1982 में एम.बी.बी.एस. की डिग्री ली। उस समय डेंगू नामक कोई बीमारी नहीं थी। हम एक डॉक्टर को एम.बी.बी.एस. पुनः करने को तो नहीं कह सकते। अतः सेमीनार एक कार्यशालाओं का आयोजन कर सकते हैं जिनमें उन्हें डेंगू के कारण और उसके उपचार के बारे में बताया जाएगा। इसी तरह 1990 के दशक में अपनी बी.एड. की डिग्री लेने वाली शिक्षिका को संभवतः ब्लाग बनाने का तथा अध्यापिका के रूप में इसे प्रयोग करने का प्रशिक्षण नहीं दिया गया होगा। अतः हम यह उम्मीद नहीं कर सकते कि वह बी.एड. पुन: करे। ऐसे में कार्यस्थल पर प्रशिक्षण अपनी भूमिका निभाता है। अतः यह मानव पूँजी निर्माण में एक महत्त्वपूर्ण कारक है।

प्र.15. मानव पूँजी और आर्थिक संवृद्धि के बीच संबंध स्पष्ट करें।
उत्तर :
मानव पूँजी और आर्थिक संवृद्धि में एक वृतीय या कारक-प्रभाव संबंध है। मानव पूँजी निर्माण की एक उच्च दर आर्थिक विकास की उच्च दर तथा आर्थिक विकास की उच्च दर मानव पूँजी निर्माण की उच्च दर को बढ़ावा देती है क्योंकि मानव पूंजी में निवेश करने के लिए अधिक साधन उपलब्ध होते हैं। हलाँकि यह अनुभवजन्य साक्ष्य से सिद्ध नहीं होता परंतु सामान्य ज्ञान एवं तर्क इस संबंध को मंजूरी देता है। यह निम्नलिखित चित्र द्वारा दिखाया गया है।
NCERT Solutions for Class 11 Economics Indian Economic Development Chapter 5 (Hindi Medium) 2

प्र.16. भारत में स्त्री शिक्षा के प्रोत्साहन की आवश्यकता पर चर्चा करें।
उत्तर :
भारत में महिलाओं की शिक्षा को बढ़ावा देना आवश्यक है क्योंकि

  • इससे स्त्रियों की आर्थिक स्वतंत्रता बढ़ती है।
  • उससे उनका सामाजिक औचित्य सुधरता है।
  • यह प्रजनन दर पर सकारात्मक प्रभाव डालता है और इससे जन्म दर कम हो जाती है।
  • इससे स्त्रियों एवं बच्चों के स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

प्र.17. शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्रों में सरकार के विविध प्रकार के हस्तक्षेपों के पक्ष में तर्क दीजिए। (VBQ)
उत्तर :
सरकार के लिए निम्नलिखित कारणों से शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में हस्तक्षेप करना जरूरी है

  • शिक्षा और सेवाएँ मानव अस्तित्व के लिए आधारभूत सेवाएँ हैं। इन सेवाओं को निजी क्षेत्र के हाथों में जो पूर्णतः लाभ केंद्रित है, सरकारी हस्तक्षेप से मुक्त नहीं छोड़ा जा सकता।
  • शिक्षा और का प्रभाव जीवन पर्यंत का एवं अपरिवर्तनीय है। कोई सरकारी हस्तक्षेप न होने की स्थिति में यह अर्थव्यवस्था की मानव पूँजी पर हानिकारक प्रभाव डाल सकता है।
  • राष्ट्र के आर्थिक विकास के लिए इस क्षेत्र में व्यय आवश्यक है जिसके लिए सरकार को अवश्य हस्तक्षेप करना पड़ेगा।

प्र.18. भारत में मानव पूँजी निर्माण की मुख्य समस्याएँ क्या हैं?
उत्तर :
भारत में मानवीय पूँजी निर्माण की मुख्य समस्याएँ इस प्रकार हैं|

  • सभी को शिक्षा-अभी भी एक सपना-हलाँकि भारतीय संविधान में शिक्षा के अधिकार को मौलिक अधिकार के रूप में घोषित कर दिया गया है लेकिन फिर भी युवाओं तक में साक्षरता दर 2001 की जनगणना के अनुसार केरल 79.7% है। इसे 100% होना चाहिए था। इस लक्ष्य को प्राप्त करने वाला केरल एकमात्र राज्य है।
  • लिंग असमानता-पुरुषों और महिलाओं की साक्षरता दर में अंतर है। स्वास्थ्य स्थिति भी लिंग असमानता को इंगित करती है। महिला शिक्षा उसके आर्थिक स्वतंत्रता एवं सामाजिक स्थिति में सुधार के लिए जरूरी है। इससे प्रजनन दर कम होगी एवं महिलाओं एवं बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार होगा।
  • उच्च शिक्षा लेने वालों की कमी- भारतीय शिक्षा प्रणाली एक पिरामिड जैसी संरचना को इंगित करता है जिसमें कम और कम लोग उच्च शिक्षा की ओर जाते हैं। इसके अतिरिक्त शिक्षित लोगों में बेरोजगारी दर अधिक है। अतः हमें उच्च शिक्षा के लिए आबंटनों को बढ़ाने एवं उच्च शैक्षिक संस्थानों में मानकों में सुधार की आवश्यकता है ताकि पारित विद्यार्थियों के पास रोजगार कौशल हो।

प्र.19. क्या आपके विचार में सरकार को शिक्षा एवं स्वास्थ्य देखभाल संस्थानों में लिए जाने वाले शुल्क की संरचना निर्धारित करनी चाहिए? यदि हाँ तो क्यों? (VBQ)
उत्तर :
हाँ, मेरे विचार में, सरकार को शिक्षा एवं स्वास्थ्य देखभाल संस्थानों में लिए जाने वाले शुल्क की संरचना निम्न कारणों से निर्धारित करनी चाहिए

  • इससे इस क्षेत्र में समरुपता आयेगी।
  • इससे इन संस्थाओं की जवाबदेही में वृद्धि होगी।
  • इससे समाज के कमजोर वर्ग को मदद मिलेगी।
  • इससे ये सेवाएँ सभी को उचित कीमतों पर उपलब्ध करायी जा सकेंगी।
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