NCERT Solutions | Class 11 Arthshastra अर्थशास्त्र में सांख्यिकी (Sankhyiki) Chapter 8 | सूचकांक

CBSE Solutions | Arthshastra Class 11
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NCERT | Class 11 Arthshastra अर्थशास्त्र में सांख्यिकी (Sankhyiki)
Book: | National Council of Educational Research and Training (NCERT) |
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Board: | Central Board of Secondary Education (CBSE) |
Class: | 11 |
Subject: | Arthshastra |
Chapter: | 8 |
Chapters Name: | सूचकांक |
Medium: | Hindi |
सूचकांक | Class 11 Arthshastra | NCERT Books Solutions
NCERT Solutions for Class 11 Economics Statistics for Economics Chapter 8 (Hindi Medium)
प्रश्न अभ्यास
(पाठ्यपुस्तक से)प्र.1. मदों के सापेक्षिक महत्त्व को बढ़ाने वाले सूचकांक को
(क) भारित सूचकांक कहते हैं।
(ख) सरल समूहित सूचकांक कहते हैं।
(ग) सरल मूल्यानुपातों का औसत कहते हैं।
(क) भारित सूचकांक कहते हैं।
प्र.2. अधिकांश भारित सूचकांकों में भार का संबंध
(क) आधार वर्ष से होता है।
(ख) वर्तमान वर्ष से होता है।
(ग) आधार एवं वर्तमान वर्ष दोनों से होता है।
(क) आधार वर्ष से होता है।
प्र.3. ऐसी वस्तु जिसका सूचकांक में कम भार है, उसकी कीमत में परिवर्तन से सूचकांक में कैसा परिवर्तन होगा?
(क) कम
(ख) अधिक
(ग) अनिश्चित
(क) कम
प्र.4. कोई उपभोक्ता कीमत सूचकांक किस परिवर्तन को मापता है?
(क) खुदरा कीमत
(ख) थोक कीमत
(ग) उत्पादकों की कीमत
(ख) थोक कीमत
प्र.5. औद्योगिक श्रमिकों के लिए उपभोक्ता कीमत सूचकांक में किस मद के लिए उच्चतम भार होता है?
(क) खाद्य-पदार्थ
(ख) आवास
(ग) कपड़े
(क) खाद्य-पदार्थ
प्र.6. सामान्यतः मुद्रास्फीति के परिकलन में किस का प्रयोग होता है?
(क) थोक कीमत सूचकांक
(ख) उपभोक्ता कीमत सूचकांक
(ग) उत्पादक कीमत सूचकांक
(क) थोक कीमत सूचकांक
प्र.7. हमें सूचकांक की आवश्यकता क्यों होती है?
उत्तर :
(क) उत्पादन के बारे में जानकारी – औद्योगिक तथा कृषि संबंधी उत्पादन सूचकांकों की सहायता से यह भी पता चलता है। कि देश के औद्येगिक तथा कृषि क्षेत्रों में उत्पादन बढ़ रहा है या कम हो रहा है। इसी जानकारी के आधार पर औद्योगिक तथा कृषि विकास संबंधी नीतियाँ निर्धारित की जाती हैं।
(ख) सरकार के लाभ – सरकार सूचकांकों की सहायता से ही अपनी मौद्रिक तथा राजकोषीय नीति का निर्धारण करती है। और देश के आर्थिक विकास के लिए ठोस कदम उठाती है। अन्य शब्दों में, सरकार सूचकांकों की सहायता से निवेश, उत्पादन, आय, रोजगार, व्यापार, कीमत-स्तर, उपभोग आदि क्रियाओं से संबंधित उचित नीति अपनाकर इनको बढ़ाने का प्रयत्न करती है।
प्र.8. आधार अवधि के वांछित गुण क्या होते हैं?
उत्तर :
दो अवधियों में से जिस अवधि के साथ तुलना की जाती है, उसे आधार-अवधि के रूप में जाना जाता है। आधार-अवधि में सूचकांक का मान 100 होता है। एक आधार वर्ष के वांछित गुण इस प्रकार हैं:
(क) यह एक सामान्य वर्ष होना चाहिए अर्थात् इस वर्ष में किसी प्रकार का युद्ध, दंगे, प्राकृतिक आपदायें, आदि न हुये हों।
(ख) यह चालू वर्ष से बहुत नज़दीक या बहुत दूर नहीं होना चाहिए।
(ग) यह एक निश्चित वर्ष भी हो सकता है तथा हर वर्ष बदला भी जा सकता है।
प्र.9. भिन्न उपभोक्ताओं के लिए भिन्न उपभोक्ता कीमत सूचकांकों की अनिवार्यता क्यों होती है?
उत्तर :
भारत में तीन उपभोक्ता कीमत सूचकांक बनाए जाते हैं।
(क) औद्योगिक श्रमिकों के लिए CPI (आधार रूप में 1982)
(ख) शहरी गैर-शारीरिक कर्मचारियों (वर्ष 1984-1985 आधार) के लिए CPI
(ग) कृषि श्रमिकों के लिए (वर्ष 1986-87 आधार) के लिए CPI
इनका नियमित रूप से हर महीने परिकलन होता है ताकि इन तीनों उपभोक्ताओं की व्यापक श्रेणियों के जीवन निर्वाह पर, खुदरा कीमतों में आए परिवर्तनों के प्रभावों का विश्लेषण किया जा सके औद्योगिक श्रमिकों तथा कृषि श्रमिकों के लिए CPI का प्रकाशन श्रमिक केंद्र शिमला द्वारा किया जाता है। केंद्रीय सांख्यिकीय संगठन शहरी गैर-शारीरिक कमचारियों के लिए CPI संख्याओं का प्रकाशन करता है। ऐसा इसलिए आवश्यक है क्योंकि उनकी विशिष्ट उपभोक्ता टोकरी की वस्तुएँ असमान होती हैं।
प्र.10. औद्योगिक श्रमिकों के लिए उपभोक्ता कीमत सूचकांक क्या मापता है?
उत्तर :
औद्योगिक श्रमिकों के लिए उपभोक्ता कीमत सूचकांक को सामान्य मुद्रा स्फीति का उपयुक्त संकेतक माना जाता है। जो जनसाधारण के जीवन निर्वाह पर कीमत वृद्धि के सबसे उपयुक्त प्रभाव को दर्शाता है। निम्नलिखित वक्तव्य पर ध्यान दीजिए की जनवरी 2005 में औद्योगिक श्रमिकों के लिए उपभोक्ता कीमत सूचकांक (CPI) 300 (1982 = 100) है। इस कथन का अभिप्राय यह है कि यदि एक औद्योगिक श्रमिक वस्तुओं की विशेष टोकरी पर 1982 में 100 रु व्यय कर रहा था, तो उसे जनवरी 2005 में उसी प्रकार की वस्तुओं की टोकरी खरीदने के लिए 300 रु की आवश्यकता है। यह आवश्यक नहीं है कि वह टोकरी खरीदे बल्कि महत्त्वपूर्ण यह है कि उसके पास इसे खरीद पाने की क्षमता है या नहीं।
प्र.11. कीमत सूचकांक तथा मात्रा सूचकांक में क्या अंतर है?
उत्तर :
कीमत सूचकांक – जब दो अवधियों में हुए कीमत में परिवर्तन को ज्ञात करना हो तो जिस सूचकांक का प्रयोग करते हैं, उसे कीमत सूचकांक कहते हैं।
मात्रा सूचकांक – जब दो अवधियों में हुए मात्रा में परिवर्तन को जानना हो तो जिस सूचकांक का प्रयोग करते हैं, उसे मात्रा सूचकांक कहते हैं।
a
सभी विधियों में p और q को अन्तः परिवर्तित करके कीमत सूचकांक की मात्रा सूचकांक में बदला जा सकता है।
प्र.12. क्या किसी भी तरह का कीमत परिवर्तन एक कीमत सूचकांक में प्रतिबिंबित होता है?
उत्तर :
हाँ, किसी भी तरह का कीमत परिवर्तन एक कीमत सूचकांक में प्रतिबिंबित होता है। कीमत सूचकांकों का यह सबसे बड़ा स्त्रोत है परंतु जब किसी प्राकृतिक आपदा या युद्ध से अचानक कीमतें बढ़ जाएँ तो इनका प्रयोग करते हुए सांख्यिकीविदों को सचेत रहना चाहिए।
प्र.13. क्या शहरी गैर-शारीरिक कर्मचारियों के लिए उपभोक्ता कीमत सूचकांक भारत के राष्ट्रपति के निर्वाह लागत में परिवर्तन का प्रतिनिधित्व कर सकता है?
उत्तर :
हाँ, क्योंकि भारत में तीन उपभोक्ता कीमत सूचकांक बनाए जाते हैं।
(क) औद्योगिक श्रमिकों के लिए CPI (आधार वर्ष 1982)
(ख) शहरी गैर-शारीरिक कमर्चारियों के लिए CPI (आधार वर्ष 1984-85)
(ग) कृषि श्रमिकों के लिए CPI (आधार वर्ष 1986-87)
इनमें से राष्ट्रपति शहरी गैर-शारीरिक कर्मचारियों के लिए उपभोक्ता कीमत सूचकांक में सम्मिलित किया जाएगा। अतः शहरी गैर-कर्मचारियों के लिए उपभोक्ता कीमत सूचकांक भारत के राष्ट्रपति की निर्वाह लागत में परिवर्तन का प्रतिनिधित्व कर सकता है।
प्र.14, नीचे एक औद्योगिक केंद्र के श्रमिकों द्वारा 1980 एवं 2005 के बीच निम्नलिखित मदों पर प्रतिव्यक्ति मासिक व्यय को दर्शाया गया है। इन मदों का भार क्रमशः 75, 10, 5, 6 तथा 4 है। 1980 को आधार मानकर 2005 के लिये जीवन निर्वाह लगत सूचकांक तैयार कीजिए।
उत्तर :
जीवन निर्वाह लागत सूचकांक का निर्माण
प्र.15. निम्नलिखित सारणी को ध्यानपूर्वक पढिए एवं अपनी टिप्पणी कीजिए।
उत्तर :
सामान्य सूचकांक औद्योगिक क्षेत्र की कुल मिलाकर बढ़ोतरी को दर्शा रहा है। यह मुख्य औद्योगिक श्रेणियों के सूचकांकों को भी दर्शा रहा है। यह इसे भी दर्शा रहा है कि विनिर्माण का सामान्य सूचकांक में अधिकतम हिस्सा है।
प्र.16. अपने परिवार में उपभोग की जाने वाली महत्त्वपूर्ण मदों की सूची बनाने का प्रयास कीजिए।
उत्तर :
- भोजन
- वस्त्र
- ईंधन
- शिक्षा
- स्वास्थ्य
- आवास
प्र.17. यदि एक व्यक्ति का वेतन आधार वर्ष में 4,000 रुपये प्रतिवर्ष था और उसका वर्तमान वर्ष में वेतन 6,000 रुपये है। उसके जीवन-स्तर को पहले जैसा ही बनाए रखने के लिये उसके वेतन में कितनी वृद्धि चाहिए, यदि उपभोक्ता कीमत सूचकांक 400 हो।
उत्तर :
जब आधार वर्ष का CPI 100 है और वर्तमान वर्ष का CPI 400 है तो उसका वेतन समान जीवन-स्तर बनाए रखने 4000 × 400 / 100 = 16000 के लिये के बराबर होना चाहिए। इसलिये उसे 10,000 रुपये की बढ़त मिलनी चाहिये।
प्र.18. जून 2005 में उपभोक्ता कीमत सूचकांक 125 था। खाद्य सूचकांक 120 तथा अन्य मदों का सूचकांक 135 था। खाद्य पदार्थों को दिया जाने वाला भार कुल भार का कितना प्रतिशत है?
उत्तर :
मान लो कुल भार = 100 और
प्र.19. किसी शहर में एक मध्यवर्गीय पारिवारिक बजट में जाँच-पड़ताल से निम्नलिखित जानकारी प्राप्त होती है:
1995 की तुलना में 2004 में निर्वाह सूचकांक का माना क्या होगा?
उत्तर :
परिवार बजट विधि द्वारा जीवन निर्वाह लागत सूचकांक का निर्माणः
प्र.20. दो सप्ताह तक अपने परिवार के (प्रति इकाई) दैनिक व्यय, खरीदी गई मात्रा और दैनिक खरीददारी को अभिलेखित कीजिए। कीमत में आए परिवर्तन आपके परिवार को किस तरह से प्रभावित करते हैं?
उत्तर :
अपने परिवार के सदस्य की मदद से आँकड़े एकत्रित कीजिए और इनसे अपने परिवार का परिवार बजट विधि से CPI ज्ञात कीजिए।
कीमतें बढ़ी तो आपके परिवार की क्रय शक्ति कम हुई। कीमत कम हुई हो तो आपके परिवार की क्रय शक्ति बढ़ेगी।
प्र.21. निम्नलिखित आँकड़े दिए गए हैं –
स्रोतः आर्थिक सर्वेक्षण, भारत सरकार, 2004-05
(क) सूचकांकों के सापेक्षिक मानों पर टिप्पणी कीजिए।
(ख) क्या ये तुलना योग्य हैं?
उत्तर :
(क) सूचकांकों के सापेक्षिक मान लगातार बढ़ रहे हैं।
(ख) हाँ, ये तुलना योग्य हैं परंतु इनकी तुलना बहुत समय उपभोगी कार्य है।
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