NCERT Solutions | Class 11 Geography Chapter 1

NCERT Solutions | Class 11 Geography Practical Work in Geography (खण्ड 3: भूगोल में प्रयोगात्मक कार्य (भाग-1)) Chapter 1 | Introduction to Maps (मानचित्र का परिचय) 

NCERT Solutions for Class 11 Geography Practical Work in Geography (खण्ड 3: भूगोल में प्रयोगात्मक कार्य (भाग-1)) Chapter 1 Introduction to Maps (मानचित्र का परिचय)

CBSE Solutions | Geography Class 11

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NCERT | Class 11 Geography Practical Work in Geography (खण्ड 3: भूगोल में प्रयोगात्मक कार्य (भाग-1))

NCERT Solutions Class 11 Geography
Book: National Council of Educational Research and Training (NCERT)
Board: Central Board of Secondary Education (CBSE)
Class: 11
Subject: Geography
Chapter: 1
Chapters Name: Introduction to Maps (मानचित्र का परिचय)
Medium: Hindi

Introduction to Maps (मानचित्र का परिचय) | Class 11 Geography | NCERT Books Solutions

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NCERT Solutions for Class 11 Geography Practical Work in Geography Chapter 1 (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 11 Geography Practical Work in Geography Chapter 1 Introduction to Maps (Hindi Medium)

[NCERT TEXTBOOK QUESTIONS SOLVED] (पाठ्यपुस्तक से हल प्रश्न)

प्र० 1. बहुवैकल्पिक प्रश्न
(i) रेखाओं एवं आकृतियों के मानचित्र कहे जाने के लिए निम्नलिखित में से क्या अनिवार्य है?
(क) मानचित्र रूढ़ि
(ख) प्रतीक
(ग) उत्तर दिशा
(घ) मानचित्र मापनी

उत्तर :

(घ) मानचित्र मापनी

(ii) एक मानचित्र जिसकी मापनी 1 : 4,000 एवं उससे बड़ी है, उसे कहा जाता है
(क) भूसंपत्ति मानचित्र
(ख) स्थलाकृतिक मानचित्र
(ग) भित्ति मानचित्र
(घ) एटलस मानचित्र

उत्तर :

(क) भूसंपत्ति मानचित्र

(iii) निम्नलिखित में से कौन-सा मानचित्र के लिए अनिवार्य नहीं है?
(क) मानचित्र प्रक्षेप
(ख) मानचित्र व्यापकीकरण
(ग) मानचित्र अभिकल्पना
(घ) मानचित्रों का इतिहास

उत्तर :

(घ) मानचित्रों का इतिहास

प्र० 2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दें
(i) मानचित्र व्यापकीकरण क्या है?

उत्तर :

कोई भी मानचित्र एक निश्चित उद्देश्य के साथ बनाया जाता है। उदाहरण के लिए सामान्य उद्देश्य वाला मानचित्र उच्चावच, अपवाह, वनस्पति, बस्ती, परिवहन के साधन आदि जैसी सामान्य सूचनाओं को दर्शाता है। इसी प्रकार, विशेष उद्देश्य वाला मानचित्र एक या एक से अधिक चयनित विषय वस्तु जैसे-जनसंख्या घनत्व, मिट्टी के प्रकार या उद्योगों की स्थिति में संबंधित जानकारी को दर्शाता है। इसलिए यह आवश्यक है कि मानचित्र के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए उसकी विषय वस्तु को सावध रानीपूर्वक नियोजित किया जाए। चूँकि मानचित्रों को एक निश्चित उद्देश्य के लिए लघुकृत मापनी पर तैयार किया जाता है, इसलिए मानचित्रकार का तीसरा कार्य मानचित्र की विषयवस्तु को व्यापकीकृत करना है।

(ii) मानचित्र अभिकल्पना क्यों महत्वपूर्ण है?

उत्तर :

मानचित्र अभिकल्पना मानचित्रकारों के लिए काफ़ी महत्वपूर्ण है। इसमें मानचित्र की आलेखी विशिष्टताओं को योजनाबद्ध किया जाता है, जिसमें शामिल है-उचित संकेतों का चयन, उनके आकार एवं प्रकार, लिखावट का तरीका, रेखाओं की चौड़ाई का निर्धारण, रंगों का चयन, मानचित्र में मानचित्र अभिकल्पना के विभिन्न तत्वों की व्यवस्था और रूढ़ चिह्न। अतः मानचित्र अभिकल्पना मानचित्र बनाने की एक जटिल अभिमुखता है, जिसमें उन सिद्धांतों की गहन जानकारी की आवश्यकता होती है, जो आलेखी संचार के प्रभावों का सनियमन करती है।

(iii) लघुमान वाले मानचित्रों के विभिन्न प्रकार कौन-कौन से हैं?

उत्तर :

लघुमाने वाले मानचित्रों को निम्नलिखित वर्गों में वर्गीकृत किया गया है
(क) भित्ति मानचित्र
(ख) एटलस मानचित्र

(क) भित्ति मानचित्र – ये मानचित्र सामान्यत: बड़े आकार के कागज या प्लास्टिक पर बनाए जाते हैं, जिनका उपयोग कक्षा या व्याख्यानकक्ष के लिए होता है।
(ख) एटलस मानचित्र – ये मानचित्र बड़े आकार वाले क्षेत्रों को प्रदर्शित करते हैं तथा भौतिक एवं सांस्कृतिक विशिष्टताओं को सामान्य तरीके से दर्शाते हैं। ये मानचित्र विश्व, महाद्वीपों, देशों या क्षेत्रों की भौगोलिक जानकारियों के आलेखी विश्वकोश हैं।

(iv) बृहत मापनी मानचित्रों के दो प्रमुख प्रकारों को लिखें।

उत्तर :

बृहत मापनी मानचित्रों को निम्नलिखित प्रकारों में वर्गीकृत किया जाता है
(क) भूसंपत्ति मानचित्र
(ख) स्थलाकृतिक मानचित्र

(क) भूसंपत्ति मानचित्र – इन मानचित्रों को कृषि भूमि की सीमाओं का निर्धारण कर तथा नगरों में निजी मकानों के प्लान को दर्शा कर उनके स्वामित्व को दर्शाने के लिए बनाया जाता है।
(ख) स्थलाकृतिक मानचित्र – ये मानचित्र भी साधारणतः बृहत मापनी पर बनते हैं। स्थलाकृतिक मानचित्र परिशुद्ध सर्वेक्षणों पर आधारित होते हैं तथा मानचित्रों की श्रृंखला के रूप में विश्व के लगभग सभी देशों की राष्ट्रीय मानचित्र एजेंसी के द्वारा तैयार किए जाते हैं।

(v) मानचित्र रेखाचित्र से किस प्रकार भिन्न है?

उत्तर :

किसी तथ्य का संकेत, आँकड़े तथा अन्य तथ्यों को दर्शाने के लिए रेखाचित्र उपयोग में लाया जाता है, जैसे किसी स्थान की वर्षा और तापमान की वार्षिक स्थिति रेखाचित्र के माध्यम से दर्शाई जाती है। जबकि मानचित्र का उपयोग भूगोलवेत्ता नियोजक तथा अन्य संसाधन अध्ययनवेत्ता किसी मापनी से पृथ्वी या उसके किसी क्षेत्र का छोटा रूप कागजों में दर्शाते हैं। ऐसा करने में वे दूरी, दिशा एवं क्षेत्र को सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न प्रकार के मापन करते हैं। मानचित्रों के लिए अनिवार्य प्रक्रम मापनी, मानचित्र प्रक्षेप, मानचित्र व्यापकीकरण, मानचित्र अभिकल्पना, मानचित्र का निर्माण तथा प्रस्तुति हैं।

प्र० 3. मानचित्रों के प्रकारों की विस्तृत व्याख्या करें।

उत्तर :

मानचित्र को कई आधारों पर वर्गीकरण किया जाता है
(i) मापनी के आधार पर मानचित्र का वर्गीकरण
(ii) प्रकार्य के आधार पर मानचित्र का वर्गीकरण

(i) मापनी के आधार पर मानचित्र का वर्गीकरण
(क) बृहत मापनी मानचित्र
(ख) लघुमान मानचित्र

(क) बृहत मापनी मानचित्र दो प्रकार के होते हैं
1. भूसंपत्ति मानचित्र
2. स्थलाकृतिक मानचित्र
(ख) लघुमान मानचित्र दो प्रकार के होते हैं
1. भित्ति मानचित्र
2. एटलस मानचित्र

(ii) प्रकार्य के आधार पर मानचित्र का वर्गीकरण
(क) भौतिक मानचित्र
(ख) सांस्कृतिक मानचित्र

(क) भौतिक मानचित्र चार प्रकार के होते हैं
1. उच्चावच मानचित्र
2. भूगर्भीय मानचित्र
3. जलवायु मानचित्र
4. मृदा मानचित्र
(ख) सांस्कृतिक मानचित्र
1. राजनीतिक मानचित्र
2. जनसंख्या मानचित्र
3. आर्थिक मानचित्र
4. परिवहन मानचित्र

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