NCERT Solutions | Class 11 Geography Chapter 5

NCERT Solutions | Class 11 Geography Fundamentals of Physical Geography (खण्ड 1: भौतिक भूगोल के मूल सिद्धांत) Chapter 5 | Minerals and Rocks (खनिज एवं शैल) 

NCERT Solutions for Class 11 Geography Fundamentals of Physical Geography (खण्ड 1: भौतिक भूगोल के मूल सिद्धांत) Chapter 5 Minerals and Rocks (खनिज एवं शैल)

CBSE Solutions | Geography Class 11

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NCERT | Class 11 Geography Fundamentals of Physical Geography (खण्ड 1: भौतिक भूगोल के मूल सिद्धांत)

NCERT Solutions Class 11 Geography
Book: National Council of Educational Research and Training (NCERT)
Board: Central Board of Secondary Education (CBSE)
Class: 11
Subject: Geography
Chapter: 5
Chapters Name: Minerals and Rocks (खनिज एवं शैल)
Medium: Hindi

Minerals and Rocks (खनिज एवं शैल) | Class 11 Geography | NCERT Books Solutions

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NCERT Solutions for Class 11 Geography Fundamentals of Physical Geography Chapter 5 (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 11 Geography Fundamentals of Physical Geography Chapter 5 Minerals and Rocks (Hindi Medium)

[NCERT TEXTBOOK QUESTIONS SOLVED] (पाठ्यपुस्तक से हल प्रश्न)

प्र० 1. बहुवैकल्पिक प्रश्न
(i) निम्न में से कौन ग्रेनाइट के दो प्रमुख घटक हैं?
(क) लौह एवं निकेल
(ख) सिलिका एवं ऐलुमिनियम
(ग) लौह एवं चाँदी
(घ) लौह ऑक्साइड एवं पोटैशियम

उत्तर :

(ख) सिलिका एवं ऐलुमिनियम

(ii) निम्न में से कौन-सा कायांतरित शैलों को प्रमुख लक्षण है?
(क) परिवर्तनीय
(ख) क्रिस्टलीय
(ग) शांत
(घ) पत्रण

उत्तर :

(क) परिवर्तनीय

(iii) निम्न में से कौन-सा एकमात्र तत्व वाला खनिज नहीं है?
(क) स्वर्ण
(ख) माइका
(ग) चाँदी
(घ) ग्रेफ़ाइट

उत्तर :

(ख) माइका।

(iv) निम्न में से कौन-सा कठोरतम खनिज है?
(क) टोपाज़
(ख) क्वार्ट्ज़
(ग) हीरा
(घ) फ़ेल्डस्पर

उत्तर :

(ग) हीरा

(v) निम्न में से कौन-सी शैल अवसादी नहीं है?
(क) टायलाइट
(ख) ब्रेशिया
(ग) बोरैक्स
(घ) संगमरमर

उत्तर :

(घ) संगमरमर

प्र० 2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए।
(i) शैल से आप क्या समझते हैं? शैल के तीन प्रमुख वर्गों के नाम बताएँ।

उत्तर :

पृथ्वी की पर्पटी चट्टानों से बनी है। चट्टान का निर्माण एक या एक से अधिक खनिजों से मिलकर होता है। चट्टानें कठोर या नरम तथा विभिन्न रंगों की हो सकती हैं। जैसे ग्रेनाइट कठोर तथा सोपस्टोन नरम है। गैब्रो काला तथा क्वार्टज़ाइट दूधिया श्वेत हो सकता है। शैलों में खनिज घटकों का कोई निश्चित संघटक नहीं होता है। शैलों में सामान्यतः पाए जाने वाले खनिज पदार्थ फेल्डस्पर तथा क्वार्ट्ज हैं। शैलों को निर्माण पद्धति के आधार पर तीन समूहों में विभाजित किया गया है-
(i) आग्नेय शैल
(ii) अवसादी शैल
(iii) कायांतरित शैल।

(ii) आग्नेय शैल क्या हैं? आग्नेय शैल के निर्माण की पद्धति एवं लक्षण बताएँ।

उत्तर :

आग्नेय शैलों का निर्माण पृथ्वी के आंतरिक भाग के मैग्मा से होता है, अतः इनको प्राथमिक शैल भी कहते हैं। मैग्मा के ठंडे होकर घनीभूत हो जाने पर आग्नेय शैलों का निर्माण होता है। मैग्मा ठंडा होकर ठोस बन जाता है तो यह आग्नेय शैल कहलाता है। इसकी बनावट इसके कणों के आकार एवं व्यवस्था अथवा पदार्थ की भौतिक अवस्था पर निर्भर करती है। यदि पिघले हुए पदार्थ धीरे-धीरे गहराई तक ठंडे होते हैं। तो खनिज के कण पर्याप्त बड़े हो सकते हैं। सतह पर हुई आकस्मिक शीतलता के कारण छोटे एवं चिकने कण बनते हैं। शीतलता की मध्यम परिस्थितियाँ होने पर आग्नेय चट्टान को बनाने वाले कण मध्यम आकार के हो सकते हैं। ग्रेनाइट, बेसाल्ट, वोल्केनिक ब्रेशिया तथा टफ़ आग्नेय शैल के उदाहरण हैं।

(iii) अवसादी शैल का क्या अर्थ है? अवसादी शैल के निर्माण की पद्धति बताएँ।

उत्तर :

अवसादी अर्थात् सेडीमेंटरी शब्द की व्युत्पत्ति लैटिन भाषा के शब्द सेडिमेंट्स से हुई है, जिसका अर्थ है-व्यवस्थित होना। पृथ्वी की सतह की शैलें अपक्षयकारी कारकों के प्रति अनावृत होती हैं, जो विभिन्न आकार के विखंडों में विभाजित होती हैं। ऐसे उपखंडों को विभिन्न बहिर्जनित कारकों के द्वारा संवहन एवं निक्षेपण होता है। सघनता के द्वारा ये संचित पदार्थ शैलों में परिणत हो जाते हैं। यह प्रक्रिया शिलीभवन कहलाती है। बहुत-सी अवसादी शैलों में निक्षेपित परतें शिलीभवन के बाद भी अपनी विशेषताएँ बनाए रखती हैं। इसी कारणवश बालुकाश्म, शैल जैसी अवसादी शैलों में विविध सांद्रता वाली अनेक सतहें होती हैं।

(iv) शैली चक्र के अनुसार प्रमुख प्रकार की शैलों के मध्य क्या संबंध होता है?

उत्तर :

शैली चक्र एक सतत प्रक्रिया होती है, जिसमें पुरानी चट्टानें परिवर्तित होकर नवीन रूप लेती हैं। आग्नेय चट्टानें तथा अन्य (अवसादी एवं कायांतरित) चट्टानें इन प्राथमिक चट्टानों से निर्मित होती हैं। आग्नेय चट्टानों को कायांतरित चट्टानों में परिवर्तित किया जा सकता है। आग्नेय एवं कायांतरित चट्टानों से प्राप्त अंशों से अवसादी चट्टानों का निर्माण होता है। अवसादी चट्टानें अपखंडों में परिवर्तित हो सकती हैं तथा ये अपखंड अवसादी चट्टानों के निर्माण का एक स्रोत हो सकते हैं।

प्र० 3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 150 शब्दों में दीजिए।
(i) ‘खनिज’ शब्द को परिभाषित करें एवं प्रमुख प्रकार के खनिजों के नाम लिखें।

उत्तर :

खनिज एक ऐसा प्राकृतिक, अकार्बनिक तत्व है, जिसमें एक क्रमबद्ध परमाण्विक संरचना, निश्चित रासायनिक संघटन तथा भौतिक गुणधर्म होते हैं। खनिज का निर्माण दो या दो से अधिक तत्वों से मिलकर होता है। लेकिन कभी-कभी सल्फर, ताँबा, चाँदी, स्वर्ण, ग्रेफाइट जैसे एकतत्वीय खनिज भी पाए जाते हैं। भूपर्पटी पर कम-ये-कम 2000 प्रकार के. खनिजों को पहचाना गया है और उनको नाम दिया गया है। लेकिन इनमें से सामान्यतः उपलब्ध लगभग सभी खनिज तत्व छह प्रमुख खनिज समूहों से संबंधित होते हैं, जिनको चट्टानों के निर्माण करने वाले प्रमुख खनिज माना गया है। कुछ प्रमुख खनिजों के नाम

  1. फ़ेल्डस्पर – सिलिका, ऑक्सीजन, सोडियम, पोटैशियम, कैल्शियम, ऐलुमिनियम आदि तत्व इसमें शामिल होते हैं।
  2. क्वार्टज़ – यह रेत एवं ग्रेनाइट का प्रमुख घटक है। इसमें सिलिका होता है। यह एक कठोर खनिज है तथा पानी में सर्वथा अघुलनशील खनिज है।
  3. पाइरॉक्सीन – कैल्शियम, ऐलुमिनियम, मैग्नीशियम, आयरन तथा सिलिका इसमें शामिल हैं।
  4. एम्फ़ीबोल – इसके प्रमुख तत्व ऐलुमिनियम, कैल्शियम, सिलिका, लौह, मैंग्नीशियम हैं।
  5. अंभ्रक – इसमें पोटैशियम, ऐलुमिनियम, मैग्नीशियम, लौह, सिलिका आदि निहित होता है।
  6. धात्विक खनिज – इनको तीन प्रकारों में विभाजित किया जा सकता है-
    (i) बहुमूल्य धातु
    (ii) लौह धातु
    (iii) अलौह धातु।

(ii) भूपृष्ठीय शैलों के प्रमुख प्रकार के शैलों की प्रकृति एवं उनकी उत्पत्ति की पद्धति का वर्णन करें। आप उनमें अंतर कैसे स्थापित करेंगे?

उत्तर :

पृथ्वी की पर्पटी शैलों से बनी है। शैलों का निर्माण एक या एक से अधिक खनिजों से मिलकर होता है। शैल कठोर या नरम तथा विभिन्न रंगों के हो सकते हैं। जैसे ग्रेनाइट कठोर तथा शैलखड़ी नरम है। चट्टानों में सामान्यतः पाए जाने वाले खनिज पदार्थ फेल्डस्पर तथा क्वार्ट्ज़ हैं। शैलों को उनकी निर्माण-पद्धति के आधार पर तीन भागों में विभाजित किया गया है-
1. आग्नेय शैल
2. अवसादी शैल
3. कायांतरित शैल।

  1. आग्नेय शैल – इस शैल का निर्माण ज्वालामुखी के बाहर फेंके गए लावा अथवा उष्ण मैग्मा के भूपर्पटी के नीचे ठंडा होने से हुआ है। आग्नेय शैलों को रासायनिक संघटन और गठने के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है। मैग्मा के रासायनिक विभेदन के आधार पर आग्नेय शैलें दो प्रकार की होती हैं – (क) मैफिक (ख) फेल्सिक। आग्नेय शैल के उदाहरण-ग्रेनाइट, बेसाल्ट आदि हैं।
  2. अवसादी शैल – ये विभिन्न शैलों के अपक्षय तथा अपरदन से प्राप्त अवसादों से निर्मित होती है। पवन, जल तथा हिम शैलों को अपरदित करते हैं और अवसाद को निम्न क्षेत्रों में परिवहित करते हैं। जब इनका निक्षेप समुद्र में होता है, वे संपीड़ित और कठोर होकर शैल परतों की रचना करते हैं। अवसादी शैल का उदाहरण चूना-पत्थर, कोयला, बलुआ पत्थर, मृत्तिका, खड़िया, जिप्सम, खनिज तेल आदि हैं।
  3. कायांतरित शैल – जो शैलें ताप अथवा दाब या फिर दोनों के कारण बनती हैं, वे कायांतरित शैल कहलाती हैं। ताप तथा दाब मूल शैल की विशेषताओं को नए खनिजों का निर्माण करके बदल देते हैं। कायांतरित शैल के प्रमुख उदाहरण स्लेट, संगमरमर, हीरा, शिस्ट आदि हैं।

(iii) कायांतरित शैल क्या हैं? इनके प्रकार एवं निर्माण की पद्धति का वर्णन करें।

उत्तर :

कायांतरित का अर्थ है स्वरूप में परिवर्तन। दाब, आयतन एवं तापमान में परिवर्तन की प्रक्रिया के फलस्वरूप इन शैलों का निर्माण होता है। ये शैलें दाब, आयतन तथा तापमान में परिवर्तन के द्वारा निर्मित होते हैं। जब विवर्तनिक प्रक्रिया के कारण शैलें निचले स्तर की ओर बलपूर्वक खिसक आती हैं। या जब भृपृष्ठ से उठता, पिघला हुआ मैग्मा भूपृष्ठीय शैलों के संपर्क में आता है या जब ऊपरी शैलों के कारण निचली शैलों पर अत्यधिक दाब पड़ता है तब कायांतरण होता है। कायांतरण वह प्रक्रिया है, जिसमें समेकित शैलों में पुनः क्रिस्टलीकरण होता है तथा वास्तविक शैलों में पदार्थ पुनः संगठित हो जाते हैं।

बिना किसी विशेष रासायनिक परिवर्तनों के टूटने एवं पिसने के कारण वास्तविक शैलों में यांत्रिकी व्यवधान एवं उनका पुनः संगठित होना गतिशील कायांतरण कहलाता है। ऊष्मीय कायांतरण के कारण शैलों के पदार्थों में रासायनिक परिवर्तन एवं पुनः क्रिस्टलीकरण होता है। ऊष्मीय कायांतरण के दो प्रकार होते हैं-संपर्क कायांतरण एवं प्रादेशिक कायांतरण। संपर्क रूपांतरण में शैलें गर्म, ऊपर आते हुए मैग्मा एवं लावा के संपर्क में आती हैं तथा उच्च तापमान में शैल के पदार्थों का पुन: क्रिस्टलीकरण होता है। अक्सर शैलों में मैग्मा अथवा लावा के योग से नए पदार्थ उत्पन्न होते हैं। प्रादेशिक कायांतरण में उच्च तापमान, दबाव अथवा इन दोनों के कारण शैलों में विवर्तनिक दबाव के कारण विकृतियाँ होती हैं, जिससे शैलों में पुनः क्रिस्टलीकरण होता है। कायांतरित शैलें ताप अथवा दाब या फिर दोनों के कारण बनते हैं। ताप तथा दाब मूल शैल की विशेषताओं को नए खनिजों के निर्माण में बदल देते हैं। कायांतरित शैल के प्रमुख उदाहरण स्लेट, संगमरमर, हीरा, शिस्ट आदि हैं।

परियोजना कार्य|

प्र०1. विभिन्न प्रकार की शैलों के नमूने एकत्र करें एवं उनके भौतिक गुण-धर्म के आधार पर उनकों पहचाने एवं उनके प्रकार सुनिश्चित करें।

उत्तर :

छात्र स्वयं करें।

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