CBSE Class 10 Hindi A व्याकरण पद - परिचय

पद-परिचय CBSE Class 10 Hindi A व्याकरण पद - परिचय
NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kshitij, Kritika, Sparsh, Sanchayan are the part of NCERT Solutions for Class 10. Here we have given CBSE Class 10 Hindi NCERT Solutions of क्षितिज, कृतिका, स्पर्श, संचयन.
Please find Free NCERT Solutions for Class 10 Hindi Sanchayan, Sparsh, Kshitiz, Kritika in this page. We have compiled detailed Chapter wise Class 10 Hindi NCERT Solutions for your reference.
CBSE Class 10 Hindi A व्याकरण पद - परिचय. is part of NCERT Solutions for Class 10 Hindi. Here we have given CBSE Class 10 Hindi A व्याकरण पद - परिचय.
CBSE Class 10 Hindi A व्याकरण पद - परिचय Textbook Questions and Answers
पद-परिचय को समझने से पहले शब्द और पद का भेद समझना आवश्यक है।
शब्द- वर्णों के सार्थक मेल को शब्द कहते हैं।
शब्द भाषा की स्वतंत्र इकाई होते हैं जिनका अर्थ होता है।
पद – जब कोई शब्द व्याकरण के नियमों के अनुसार प्रयुक्त हो जाता है तब उसे पद कहते हैं।
उदाहरण-राम, पत्र, पढ़ना – शब्द हैं।
राम पत्र पढ़ता है।
राम ने पत्र पढ़ा-इन दोनों वाक्यों में अलग-अलग ढंग से प्रयुक्त होकर राम, पत्र और पढ़ता है पद बन गए हैं।
पद-परिचय- वाक्य में प्रयुक्त पदों का विस्तृत व्याकरणिक परिचय देना ही पद-परिचय कहलाता है।
व्याकरणिक परिचय क्या है?
वाक्य में प्रयोग हुआ कोई पद व्याकरण की दृष्टि से विकारी है या अविकारी, यदि बिकारी है तो उसका भेद, उपभेद, लिंग, वचन पुरुष, कारक, काल अन्य शब्दों के साथ उसका संबंध और अविकारी है तो किस तरह का अव्यय है तथा उसका अन्य शब्दों से क या संबंध है आदि बताना व्याकरणिक परिचय कहलाता है।
पदों का परिचय देते समय निम्नलिखित बातें बताना आवश्यक होता है –
- संज्ञा–तीनों भेद, लिंग, वचन, कारक क्रिया के साथ संबंध।
- सर्वनाम-सर्वनाम के भेद, पुरुष, लिंग, वचन, कारक, क्रिया से संबंध।
- विशेषण-विशेषण के भेद, लिंग, वचन और उसका विशेष्य।
- क्रिया-क्रिया के भेद, लिंग, वचन, पुरुष, काल, वाच्य,धातु कर्म और कर्ता का उल्लेख।
- क्रियाविशेषण-क्रियाविशेषण का भेद तथा जिसकी विशेषता बताई जा रही है, का उल्लेख।
- समुच्चयबोधक-भेद, जिन शब्दों या पदों को मिला रहा है, का उल्लेख।
- संबंधबोधक-भेद, जिसके साथ संबंध बताया जा रहा है, का उल्लेख।
- विस्मयादिबोधक-हर्ष, भाव, शोक, घृणा, विस्मय आदि किसी एक भाव का निर्देश।
सभी पदों के परिचय पर एक संक्षिप्त दृष्टि –
सभी पदों को मुख्यतया दो वर्गों में बाँटा जा सकता है –
अ. विकारी
ब. अविकारी शब्द या अव्यय
निम्नलिखित वाक्यों के रेखांकित अंश का व्याकरणिक परिचय दीजिए –
- ओह ! कितना सुंदर चित्र बनाया है तुमने।
- मैं प्रतिदिन स्नान करता हूँ।
- जो सत्य बोलते हैं, वे सर्वत्र आदर पाते हैं।
- खरगोश धीरे-धीरे झाड़ी के निकट आ गया।
- इस लड़के को आवाज़ लगाना।
- उत्तम परिश्रम से पढ़ता है।
- हनुमान जी ने लंका जला दी।
- कल दशहरा था।
- माधवी सवेरे-सवेरे भजन गाती है।
- अरे! तुमने ‘ए’ ग्रेड प्राप्त किया।
- मैं देश के लिए अपनी जान भी दे दूंगा।
- दादा जी ने उपवन में पौधे लगाए।
- लड़के सवेरे व्यायाम करने चले गए।
- मैं अपनी लिखावट पर ध्यान दूंगा।
- पिछले वर्ष दालें इतनी महँगी न थीं।
- कुछ लोग बहुत परिश्रमी होते हैं।
- दुखियों का भला चाहने वाले संसार में थोड़े से हैं।
- परिश्रम के बिना सफलता नहीं मिलती है।
- भारतीय राजा आपस में लड़ते रहते थे।
- डाकिया आपका पत्र लाया है।
- सुंदर फूल सभी का मन अपनी ओर खींच लेते हैं।
- वर्षा के बाद धीरे-धीरे हरियाली बढ़ने लगी।
- अक्षर एक ही बात को बार-बार कहता है।
- मैं यहाँ साल में एक बार आता हूँ।
- परिश्रमी लोग सफलता प्राप्त करते हैं।
- युधिष्ठिर ने सत्य की राह न छोड़ी।
- लोभी धन को बहुत चाहता है।
- रावण ने शिव को प्रसन्न कर लिया था।
- शाहजहाँ ने मुमजात महल की याद में ताजमहल बनवाया था
- मैं नैनीताल की सुंदरता पर मोहित हो गया।
- हमने अपने कपड़े स्वयं धोए।
- वाल्मीकि ने संस्कृत भाषा में रामायण की रचना की।
- सुभाषचंद्र बोस का व्यक्तित्व महान था।
- ऋषि ने पेड़ लगाए ताकि फल और छाया मिले।
- हमें कभी भी भलाई का साथ नहीं छोड़ना चाहिए।
- शेर से जान बचाने के लिए हिरन तेज़ दौड़ा।
- मधुमक्खियाँ पेड़ की डाल पर अपना छत्ता बनाती हैं।
- उन्नति ने बड़े परिश्रम से आई.ए.एस. की परीक्षा में सफलता प्राप्त की।
- यह पहलवान प्रतिदिन दो लीटर दूध पीता है।
- भूकंप ने भुज में बड़ी तबाही मचाई।
- दंगों में बहुत से निर्दोष भी मारे जाते हैं।
- श्याम नारायण पांडेय ने हल्दी घाटी नामक कविता लिखी।
- तुमने अपने माता-पिता का नाम रोशन किया है।
- दूसरों का भला करने वाला अच्छा आदमी होता है।
- वाह ! भारत मैच जीत गया।
- पिता जी रिमोट से चलने वाले खिलौने लाए।
- जयशंकर प्रसाद ने प्रसिद्ध कहानियाँ लिखीं।
- मेरे विद्यालय का परीक्षा परिणाम शत-प्रतिशत रहा
- आज अधिकांश कार्य मशीन की सहायता से किया जाने लगा है।
- ऐसी घड़ी जापान में ही मिलेगी।
- फूलों पर भौंरे गुंजार कर रहे हैं।
- अच्छे बच्चे झूठ नहीं बोलते हैं।
- परिश्रमी मोहन अपना काम समय से पहले पूरा कर लेता है। बनवाया था।
- मुंबई में फ़िल्मी दुनिया की माया निराली है।
- ऐसी सरदी में बाहर मत खेलना।
- पांडव महाभारत में जीत पाकर भी खुश नहीं थे।
- रावण सीता को चुरा ले गया।
- चोरों ने मंदिर का खजाना चुरा लिया।
- शाम होते ही पक्षी घोंसले में आ गए।
- अंबुज होनहार बालक है।
उत्तरः
- ओह-अव्यय विस्मयादिबोधक हर्ष सूचक।
- मैं-पुरुषवाचक सर्वनाम, उत्तमपुरुष, पुल्लिंग, एकवचन, कर्ता कारक, करता हूँ, क्रिया का कर्ता।
- जो-संबंधवाचक सर्वनाम, पुल्लिंग, एकवचन, कर्ता कारक ‘है’ सहायक क्रिया का कर्ता।
- धीरे-धीरे-अव्यय, रीतिवाचक क्रियाविशेषण (‘आ गया’ क्रिया की रीति बताने वाला)।
- इस-सार्वनामिक विशेषण, एकवचन, पुल्लिंग, विशेष्य ‘लड़के’।
- परिश्रम-भाववाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, करण कारक।
- लंका-व्यक्तिवाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्म कारक (‘को’ कारक-चिह्न का लोप)।
- कल-कालवाचक क्रियाविशेषण, ‘था’ सहायक क्रिया का कालसूचक।
- माधवी-व्यक्तिवाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्ता कारक, ‘गाती है’ क्रिया का कर्ता।
- अरे–विस्मयादिबोधक अव्यय, आश्चर्य सूचक।
- देश के लिए-जातिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, संप्रदान कारक ‘के लिए’ कारक चिह्न।
- उपवन में-जातिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, अधिकरण कारक, ‘में’ कारक चिह्न ।
- सवेरे-क्रियाविशेषण कालवाचक ‘चले गए’ क्रिया का काल।
- अपनी-सार्वनामिक विशेषण, स्त्रीलिंग, एकवचन, विशेष्य-‘लिखावट’।
- पिछले-विशेषण, क्रमसूचक, विशेष्य ‘वर्ष’, पुल्लिंग, एकवचन।
- कुछ-अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण, पुल्लिंग, बहुवचन, विशेष्य ‘लोग’।
- संसार में-जातिवाचक संज्ञा, एकवचन, पुल्लिंग, अधिकरण कारक, ‘में’ कारक चिह्न।
- के बिना–संबंधबोधक अव्यय।।
- राजा-जातिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन।
- पत्र-जातिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, कर्म कारक, ‘लाया है’ क्रिया का कर्म।
- सुंदर-गुणवाचक विशेषण, बहुवचन, पुल्लिंग, विशेष्य ‘फूल’।
- धीरे-धीरे-रीतिवाचक क्रियाविशेषण, ‘बढ़ने लगी’ क्रिया का रीतिसूचक।
- बात को-भाववाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्म कारक, ‘कहता है’ क्रिया का कर्म।
- साल-जातिवाचक संज्ञा, एकवचन, पुल्लिंग, अधिकरण कारक।
- लोग-जातिवाचक संज्ञा, बहुवचन, पुल्लिंग, कर्ता कारक, करते हैं क्रिया का कर्ता।
- सत्य की-भाववाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, संबंध कारक, ‘की’ कारक चिह्न।
- धन-जातिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, कर्म कारक।
- रावण ने व्यक्तिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, कर्ता कारक, ‘प्रसन्न कर लिया, क्रिया का कर्ता।
- ताजमहल-व्यक्तिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, कर्म कारक, ‘बनवाया था’ क्रिया का कर्म।
- सुंदरता-भाववाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, अधिकरण कारक, कारक चिह्न ‘पर’।
- स्वयं-सर्वनाम, निजवाचक, पुल्लिंग, बहुवचन।
- वाल्मीकि-व्यक्तिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, कर्ता कारक, ‘रचना की’ क्रिया का कर्ता।
- महान–गुणवाचक विशेषण, पुल्लिंग, एकवचन, विशेष्य ‘व्यक्तित्व’ ।
- ताकि-अव्यय, समुच्चयबोधक, दो वाक्यों के योजन का कार्य।
- भलाई-भाववाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, संबंध कारक।
- तेज़-अव्यय, रीतिवाचक क्रियाविशेषण, ‘दौड़ा’ क्रिया की विशेषता का सूचक।
- मधुमक्खियाँ-जातिवाचक संज्ञा, बहुवचन, स्त्रीलिंग, कर्ता कारक, ‘बनाती हैं’ क्रिया का कर्ता।
- सफलता-भाववाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, कर्ता कारक, कर्म कारक, एकवचन, कारक चिह्न ‘को’ का लोप।
- दूध-जातिवाचक (द्रव्यवाचक), संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, कर्मकारक, ‘को’ परसर्ग का लोप।
- भूकंप-जातिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, कर्ता कारक, ‘मचाई’ क्रिया का कर्ता।
- दंगों में-जातिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, बहुवचन, अधिकरण कारक।
- श्याम नारायण पांडेय-व्यक्तिवाचक संज्ञा, एकवचन, पुल्लिंग, कर्ता कारक।
- तुमने-मध्यम पुरुषवाचक सर्वनाम, पुल्लिंग, एकवचन, कर्ता कारक ‘किया है’ क्रिया का कर्ता।
- अच्छा-गुणवाचक विशेषण, एकवचन, पुल्लिंग, विशेष्य–’आदमी’।
- वाह!-विस्मयादिबोधक अव्यय, प्रसन्नतासूचक भाव की अभिव्यक्ति।
- पिता जी-जातिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, कर्ताकारक, ‘लाए’ क्रिया का कर्ता।
- प्रसिद्ध-गुणवाचक विशेषण, पुल्लिंग, एकवचन, विशेष्य-‘कहानियाँ’।
- मेरे-सर्वनाम, उत्तम पुरुषवाचक, पुल्लिंग, संबंधवाचक, एकवचन।
- मशीन-जातिवाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, संबंध कारक, कारक चिह्न ‘की’।
- जापान-व्यक्तिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, अधिकरण कारक, ‘में’ कारक चिह्न।
- फूलों-जातिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, बहुवचन, अधिकरण कारक।
- नहीं-रीतिवाचक क्रियाविशेषण (निषेधात्मक)।
- परिश्रमी-गुणवाचक विशेषण, एकवचन, कर्ता कारक, पुल्लिंग, विशेष्य–’मोहन’।
- मुंबई में-व्यक्तिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, अधिकरण कारक, ‘में’ कारक चिह्न।
- मत-रीतिवाचक क्रियाविशेषण, नकारात्मक भाव की अभिव्यक्ति, ‘जाना’ क्रिया से संबंधित।
- जीत-भाववाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन।
- सीता को-व्यक्तिवाचक संज्ञा, एकवचन, स्त्रीलिंग, कर्मकारक, ‘चुराया’ क्रिया का कर्म।
- चोरों ने—’जातिवाचक संज्ञा, बहुवचन, पुल्लिंग’ कर्ता कारक, ‘चुरा लिया’ क्रिया का कर्ता।
- आ गए-संयुक्त क्रिया, भूतकालिक, अकर्मक, पुल्लिंग, बहुवचन।
- है-पुल्लिंग, एकवचन, वर्तमान काल, कर्तृवाच्य, सहायक क्रिया, ‘अंबुज’ कर्ता की सहायक क्रिया।
अभ्यास प्रश्न
1. निम्नलिखित वाक्यों के रेखांकित अंशों का पद-परिचय दीजिए
(क) आज भ्रष्टाचार का बोलबाला हो गया है।
(ख) यह घर आजकल खाली पड़ा हुआ है।
(ग) शुक्ल पक्ष में चाँद निरंतर बढ़ता है।
(घ) आपने गरीबों की मदद करके अनुकरणीय कार्य किया है।
(ङ) सायं पाँच बजे ही गाड़ी छूट चुकी थी।
(च) धीर पुरुष मुसीबत में विचलित नहीं होते हैं।
(छ) गंगा का पानी प्रदूषित हो चुका है।
(ज) ग्रीष्म ऋतु में रेगिस्तान में जीवन कठिन हो जाता है।
(झ) प्राणियों का पेट उन्हें परिश्रम करने के लिए बाध्य कर देता है।
(ञ) छोटे बच्चे की सफलता से माता-पिता उत्साहित थे।
उत्तरः
(क) आज-अव्यय, कालवाचक क्रियाविशेषण, होना ‘क्रिया’।
(ख) यह–सार्वनामिक क्रियाविशेषण, पुल्लिंग, एकवचन, ‘घर’ विशेष्य।
(ग) बढ़ता है-अकर्मक क्रिया, कर्तृवाच्य, वर्तमानकाल, एकवचन, अन्य पुरुष, कर्ता ‘चाँद’।
(घ) आपने-सर्वनाम, एकवचन, आदरार्थ, पुल्लिंग, मध्यम पुरुष, कर्ता कारक, किया है क्रिया का कर्ता।
(ङ) गाड़ी-जातिवाचक संज्ञा, एकवचन, स्त्रीलिंग, कर्ताकारक, ‘छूट चुकी थी’ क्रिया की कर्ता।
(च) विचलित-अकर्मक क्रिया, कर्तृवाच्य, पुल्लिंग, एकवचन, वर्तमानकाल।
(छ) गंगा का-व्यक्तिवाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, संबंधकारक, संबंधी शब्द ‘पानी’।
(ज) ग्रीष्म-गुणवाचक विशेषण, एकवचन, विशेष्य-ऋतु।
(झ) प्राणियों का-जातिवाचक संज्ञा, प्राणी का बहुवचन, संबंध कारक, संबंधी शब्द ‘पेट’।
(ञ) छोटे-गुणवाचक विशेषण, पुल्लिंग, एकवचन, ‘बच्चे’ विशेष्य।
2. निम्नलिखित वाक्यों में रेखांकित अंश का पद-परिचय लिखिए।
(क) रमेश तीसरी कक्षा में पढ़ता है।
(ख) शीला ज़ोर-ज़ोर से हँस रही थी।
(ग) यह थैला मेरे छोटे भाई का है।
(घ) जल्दी जाओ, भाई को बुला लाओ।
(ङ) जब वे यहाँ आए तभी मैं चला गया था।
उत्तरः
(क) व्यक्तिवाचक संज्ञा, एकवचन, पुल्लिंग, कर्ताकारक, ‘पढ़ता है’ क्रिया का कर्ता।
(ख) अकर्मक क्रिया, एकवचन, स्त्रीलिंग, सातत्यबोधक भूतकालिक, कर्तृवाच्य, अन्यपुरुष ।
(ग) गुणवाचक विशेषण, एकवचन, पुल्लिंग, विशेष्य ‘भाई’
(घ) रीतिवाचक क्रियाविशेषण, ‘जाना’ क्रिया की रीति बता रहा है।
(ङ) अन्य पुरुषवाचक सर्वनाम, पुल्लिंग, बहुवचन, कर्ता कारक, ‘आए’ क्रिया का कर्ता।
3. निम्नलिखित वाक्यों में रेखांकित पदों का पद-परिचय दीजिए।
(क) लखनऊ स्टेशन से गाड़ी छूट रही थी।
(ख) खीरे की पनियाती फाँकें बहुत स्वादिष्ट थीं।
(ग) तुम्हें भागवत ध्यान से पढ़नी चाहिए।
(घ) बिस्मिल्ला खाँ इस मंगलध्वनि के नायक थे।
(ङ) अरे, तुम भी आ गए?
उत्तरः
(क) जातिवाचक स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्ता कारक ‘छूट रही थी’ क्रिया का कर्ता।
(ख) गुणवाचक विशेषण, बहुवचन, स्त्रीलिंग विशेष्य ‘फाँके’
(ग) मध्यम पुरुषवाचक सर्वनाम एकवचन पुल्लिंग/स्त्रीलिंग कर्ता कारक, ‘पढ़नी चाहिए’ क्रिया का कर्ता।
(घ) व्यक्तिवाचक संज्ञा, एकवचन, पुल्लिंग कर्ताकारक।
(ङ) विस्मयादिवाचक अव्यय, आश्चर्य का भाव प्रकट करने वाला।
4. निम्नलिखित वाक्यों में रेखांकित पदों का परिचय दीजिए।
(क) मैं कभी-कभी मंदिर जाता हूँ।
(ख) अनेक भिखारी वहाँ बैठे थे।
(ग) शाबाश! तुमने अच्छा किया।
(घ) दुष्ट व्यक्ति को दूर ही रखो।
उत्तरः
(क) कालवाचक क्रियाविशेषण, जाने की विशेषता का द्योतक।
(ख) अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण विशेष्य ‘भिखारी’।
(ग) विस्मयादिबोधक अव्यय हर्ष का भाव प्रकट करने वाला
(घ) गुणवाचक विशेषण एकवचन पुल्लिंग विशेष्य ‘व्यक्ति’।
5. निम्नांकित वाक्यों में रेखांकित पदों का परिचय दीजिए।
(क) हम स्वतंत्रता का स्वागत करते हैं।
(ख) मैं चाहता हूँ तुम विद्वान बनो।
(ग) वहाँ चार छात्र बैठे हैं।
(घ) तुम सदा सत्य बोलो।
उत्तरः
(क) भाववाचक संज्ञा, एकवचन, स्त्रीलिंग, संबंध कारक।
(ख) उत्तम पुरुषवाचक सर्वनाम, एकवचन, पुल्लिंग कर्ताकारक ‘चाहता हूँ’ क्रिया का कर्ता।
(ग) निश्चित संख्यावाचक विशेषण विशेष्य-छात्र।
(घ) कालवाचक क्रियाविशेषण ‘बोलो’ क्रिया के काल का द्योतक।
6. रेखांकित पदों का पद-परिचय दीजिए –
आजकल हमारा देश प्रगति के मार्ग पर बढ़ रहा है।
उत्तरः
आजकल-कालवाचक क्रियाविशेषण ‘बढ़ रहा है’ क्रिया के काल का द्योतक।
हमारा-उत्तमपुरुषवाचक सर्वनाम, बहुवचन, पुल्लिंग ‘देश’ के संबंध का सूचक, संबंध कारक।
देश-जातिवाचक संज्ञा, एकवचन, पुल्लिंग, कर्ताकारक, ‘बढ़ रहा है’ क्रिया का ‘कर्ता’।
बढ़ रहा है-अकर्मक क्रिया, एकवचन, पुल्लिंग, वर्तमानकाल सातत्यबोधक कर्तृवाच्य, कर्ता-देश।
7. निम्नलिखित रेखांकित पदों का पद-परिचय दीजिए।
सुंदर गृहिणी की तो मुझे याद नहीं लेकिन उनके बेटे और पतोहू को तो मैंने देखा था।
उत्तरः
सुंदर-गुणवाचक विशेषण, एकवचन, स्त्रीलिंग, विशेष्य ‘गृहिणी’।
मुझे-उत्तमपुरुषवाचक सर्वनाम, एकवचन, पुल्लिंग कर्मकारक।
लेकिन–समानाधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय, दो वाक्यों को जोड़कर विरोधभाव प्रकट करने वाला।
देखा था-सकर्मक क्रिया, एकवचन, पुल्लिंग, कर्तृवाच्य, भूतकालिक क्रिया।
8. रेखांकित पदों का पद-परिचय दीजिए।
बालगोबिन भगत की संगीत-साधना का चरम उत्कर्ष उस दिन देखा गया जब उनका बेटा मरा।
उत्तरः
बालगोबिन भगत-व्यक्तिवाचक संज्ञा, एकवचन, पुल्लिंग, संबंध कारक, ‘संगीत साधना’ से संबंध।
उस-सार्वनामिक विशेषण, विशेष्य दिन।
जब-कालवाचक क्रियाविशेषण, ‘मरने’ के समय का द्योतक।
मरा-अकर्मक क्रिया, एकवचन, पुल्लिंग, भूतकालिक, कर्तृवाच्य, अन्यपुरुष।
9. रेखांकित पदों का पद-परिचय दीजिए।
रेखा नवीं कक्षा में पढ़ती है।
उत्तरः
रेखा-व्यक्तिवाचक संज्ञा, एकवचन, पुल्लिंग कर्ताकारक, ‘पढ़ती है’ क्रिया का कर्ता।
नवीं-निश्चित, क्रमसूचक, संख्यावाचक, विशेषण, स्त्रीलिंग, विशेष्य कक्षा।
कक्षा-जातिवाचक संज्ञा, एकवचन, पुल्लिंग विशेष्य, विशेषण ‘नौंवी’।
पढ़ती है-अकर्मक क्रिया, एकवचन, स्त्रीलिंग, वर्तमानकाल, कर्तृवाच्य अन्यपुरुष कर्ता ‘रेखा’।
10. रेखांकित पदों का पद-परिचय लिखिए –
अहा! उपवन में सुन्दर फूल खिले हैं।
उत्तरः
अहा! – विस्मयवाचक अव्यय (विस्मय, अश्चर्य/प्रसन्नता)
अब स्वयं करें
निम्नलिखित वाक्यों के रेखांकित अंशों का पद-परिचय दीजिए –
- हम शीत ऋतु में शिमला घूमने गए।
- जो निरंतर परिश्रम के मार्ग पर चलते हैं, सफलता उनके कदम चूमती है।
- हम अपने देश का सम्मान कभी कम न होने देंगे।
- वसंत में पेड़-पौधे फूलों से लद जाते हैं।
- हमें सदैव दुष्टों की संगति से बचना चाहिए।
- अच्छों की संगति में अच्छे हो जाओगे।
- संत सदा दूसरों के हित की बातें सोचते हैं।
- हिमालय की ऊँची चोटियाँ सदा बरफ़ से ढंकी रहती हैं।
- वर्षा ऋतु में यह क्षेत्र हरियाली से ढंक जाता है।
- इस पंक्ति का चौथा छात्र प्रयोगशाला में आ जाए।
- ईमानदारी दुर्लभ गुण है।
- राणाप्रताप आजीवन स्वतंत्रता की राह पर चलते रहे।
- रानी लक्ष्मीबाई ने वीरतापूर्वक युद्ध किया।
- बिच्छू देखकर बच्चा रोने लगा।
- अहा! कितना सुंदर फूल है।
- हम शिमला गए परंतु धर्मशाला न जा सके।
- सुमन काव्या के साथ जाएगी।
- परिश्रम कर लो अन्यथा पछताओगे।
- तुलसीदास विश्व प्रसिद्ध साहित्यकार थे।
- शरद ऋतु में ये घाटियाँ फूलों से भर जाती हैं।
NCERT Solutions for Class 10 Hindi – A
NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kshitij
NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kshitij Bhag 2 क्षितिज भाग 2
काव्य – खंड
- Chapter 1 पद
- Chapter 2 राम-लक्ष्मण-परशुराम संवाद
- Chapter 3 सवैया और कवित्त
- Chapter 4 आत्मकथ्य
- Chapter 5 उत्साह और अट नहीं रही
- Chapter 6 यह दंतुरहित मुस्कान और फसल
- Chapter 7 छाया मत छूना
- Chapter 8 कन्यादान
- Chapter 9 संगतकार
गद्य – खंड
- Chapter 10 नेताजी का चश्मा
- Chapter 11 बालगोबिन भगत
- Chapter 12 लखनवी अंदाज़
- Chapter 13 मानवीय करुणा की दिव्या चमक
- Chapter 14 एक कहानी यह भी
- Chapter 15 स्त्री शिक्षा के विरोधी कुतर्कों का खंडन
- Chapter 16 नौबतखाने में इबादत
- Chapter 17 संस्कृति
NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kritika
NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kritika Bhag 2 कृतिका भाग 2
- Chapter 1 माता का आँचल
- Chapter 2 जॉर्ज पंचम की नाक
- Chapter 3 साना-साना हाथ जोड़ि
- Chapter 4 एही ठैयाँ झुलनी हेरानी हो रामा!
- Chapter 5 मैं क्यों लिखता हूँ?
NCERT Solutions for Class 10 Hindi – B
NCERT Solutions for Class 10 Hindi Sparsh
NCERT Solutions for Class 10 Hindi Sparsh Bhag 2 स्पर्श भाग 2
काव्य – खंड
- Chapter 1 साखी
- Chapter 2 पद
- Chapter 3 दोहे
- Chapter 4 मनुष्यता
- Chapter 5 पर्वत प्रदेश में पावस
- Chapter 6 मधुर-मधुर मेरे दीपक जल
- Chapter 7 तोप
- Chapter 8 कर चले हम फ़िदा
गद्य – खंड
- Chapter 9 आत्मत्राण
- Chapter 10 बड़े भाई साहब
- Chapter 11 डायरी का एक पन्ना
- Chapter 12 तताँरा-वामीरो कथा
- Chapter 13 तीसरी कसम के शिल्पकार शैलेंद्र
- Chapter 14 गिरगिट
- Chapter 15 अब कहाँ दूसरे के दुख से दुखी होने वाले
- Chapter 16 पतझर में टूटी पत्तियाँ
- Chapter 17 कारतूस
NCERT Solutions for Class 10 Hindi Sanchayan
NCERT Solutions for Class 10 Hindi Sanchayan Bhag संचयन भाग 2
Post a Comment
इस पेज / वेबसाइट की त्रुटियों / गलतियों को यहाँ दर्ज कीजिये
(Errors/mistakes on this page/website enter here)