NCERT Solutions | Class 6 Hindi Grammar अव्यय या अविकारी शब्द

NCERT Solutions | Class 6 Hindi Grammar | अव्यय या अविकारी शब्द 

NCERT Solutions for Class 6 Hindi Grammar अव्यय या अविकारी शब्द

CBSE Solutions | Hindi Class 6

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NCERT | Class 6 Hindi

NCERT Solutions Class 6 Hindi Grammar
Book: National Council of Educational Research and Training (NCERT)
Board: Central Board of Secondary Education (CBSE)
Class: 6th
Subject: Hindi Grammar
Chapter:
Chapters Name: अव्यय या अविकारी शब्द
Medium: Hindi

अव्यय या अविकारी शब्द | Class 6 Hindi | NCERT Books Solutions

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अ + विकारी जिससे विकार (परिवर्तन) न हो।
अविकारी शब्द वे होते हैं जिनमें लिंग, वचन, कारक आदि के कारण परिवर्तन नहीं होता। इसी कारण इन शब्दों को ‘अव्यय’ भी कहा जाता है। अव्यय का शाब्दिक अर्थ है-जिसका कुछ भी व्यय न हो। यानी ऐसे शब्द जिनका वाक्य में प्रयोग होने पर रूप न बदले। अव्यय वे शब्द हैं जिसके वाक्य में प्रयोग होने पर लिंग, वचन, पुरुष, काले, वाच्य आदि के कारण इनमें कोई परिवर्तन नहीं होता है।
अव्यय के भेद – अव्यय चार प्रकार के होते हैं।
(क) क्रियाविशेषण
(ख) संबंधबोधक
(ग) समुच्चयबोधक
(घ) विस्मयादिबोधक

(क) क्रियाविशेषण – जो शब्द क्रिया की विशेषता प्रकट करते हैं, उन्हें क्रियाविशेषण कहते हैं; जैसे

  • अक्षत धीरे-धीरे चल रहा है।
  • उसने कम खाया।

यहाँ दिए गए वाक्यों में धीरे-धीरे शब्द अक्षत के चलने का ढंग (रीति) बता रहा है, तो कम शब्द कार्य की मात्रा (परिमाण) बता रहा है। अतः ये शब्द क्रिया की विशेषता बता रहे हैं। अतः ये क्रियाविशेषण के उदाहरण हैं।
क्रियाविशेषण के निम्नलिखित चार भेद होते हैं।

  1. कालवाचक क्रियाविशेषण
  2. स्थानवाचक क्रियाविशेषण
  3. परिमाण वाचक क्रियाविशेषण
  4. रीतिवाचक क्रियाविशेषण

1. कालवाचक क्रियाविशेषण – जो शब्द क्रिया के होने के काल (समय) का बोध कराते हैं, वे कालवाचक क्रियाविशेषण कहलाते हैं। जैसे-कल, परसों, आज, सदा, जब तक, हमेशा।।
2. स्थानवाचक क्रियाविशेषण – जो शब्द क्रिया के होने के स्थान संबंधी विशेषता का बोध कराते हैं, वे स्थानवाचक क्रियाविशेषण कहलाते हैं। जैसे-दाएँ, बाएँ, इधर, उधर, नीचे, ऊपर, पास, दूर आदि।
स्थानवाचक क्रियाविशेषण जानने के लिए क्रिया के साथ कहाँ लगाकर प्रश्न किया जाता है।
3. परिमाणवाचक क्रियाविशेषण – जिन शब्दों से क्रिया के परिमाण (मात्रा) का बोध हो, उन्हें परिमाणवाचक क्रियाविशेषण कहते हैं।

  • जैसे उतना खाओ जितना पचा सको।
  • आज काफ़ी वर्षा हुई।

4. रीतिवाचक क्रियाविशेषण – जो पद क्रिया के होने की रीति या विधि का बोध कराता है, या विशेषता बताता है उसे रीतिवाचक क्रिया विशेषण कहते हैं; जैसे

  • कार तेज दौड़ती है।
  • बैलगाड़ी धीरे-धीरे चलती है।

(ख) संबंधबोधक – जिन अव्यय शब्दों से संज्ञा या सर्वनाम का संबंध वाक्य के दूसरे शब्दों से जाना जाता है, वे संबंधबोधक कहलाते हैं; जैसे

  • मेरे घर के सामने एक उद्यान है।
  • घर के बाहर बच्चे खेल रहे हैं।
  • पेड़ के ऊपर चिड़िया का घोंसला है।

कुछ अन्य संबंधबोधक शब्द – के बाहर, के मारे, के भीतर, की ओर, के सामने, के पीछे, की तरह, के आगे, के विपरीत, की तरफ आदि।

(ग) समुच्चयबोधक – दो शब्दों, वाक्यांशों या वाक्यों को जोड़ने वाले शब्द समुच्चयबोधक अथवा योजक कहलाते हैं। जैसे

  • पिता जी और आयुष बातें कर रहे हैं।
  • तुम अखबार पढ़ोगे या पत्रिका?

कुछ अन्य संबंधबोधक शब्द – के बाहर, के मारे, के भीतर, की ओर, के सामने, के पीछे, के समान, की तरह, के अंदर, के आगे, की ओर, के विपरीत आदि।
समुच्चयबोधक के भेद – इसके निम्नलिखित दो उपभेद होते हैं।

  • समानाधिकरण समुच्चयबोधक
  • व्यधिकरण समुच्चयबोधक

(i) समानाधिकरण समुच्चयबोधक – दो या दो से अधिक समान पदों, उपवाक्यों या वाक्यों को आपस में जोड़ने वाले शब्दों को समानाधिकरण समुच्यबोधक कहते हैं; जैसे—या, न, बल्कि, इसलिए और तथा आदि। जैसे- ओजस्व व अंशु भाई बहन हैं।
(ii) व्यधिकरण समुच्चयबोधक – एक से अधिक उपवाक्यों को मुख्य उपवाक्यों से जोड़ने वाले अव्यय को व्यधिकरण समुच्चयबोधक कहते हैं। जैसे

  • वह अनुत्तीर्ण हो गया, क्योंकि उसने परिश्रम नहीं किया था।
  • पैसे खत्म हो गए इसलिए मैं घर चला आया।
    उपर्युक्त वाक्यों में एक ‘प्रधान उपवाक्य’ है तथा दूसरा आश्रित उपवाक्य जिन्हें ‘क्योंकि’ ‘इसलिए’ से जोड़ा गया है।

(घ) विस्मयादिबोधक – जो शब्द विस्मय, हर्ष, शोक, प्रशंसा, भय, क्रोध, दुख आदि मन के भावों को प्रकट करते हैं, वे विस्मयादिबोधक कहलाते हैं; जैसे

  • छिह कितनी गंदगी है।
  • अरे! तुम भी आ गए।
  • वाह! क्या छक्का मारा है।

कुछ अन्य विस्मयादिबोधक शब्द – बाप रे, हाय, अजी, उफ, हे राम, आह, शाबाश, काश, हे भगवान, सावधान, खबरदार आदि।

बहुविकल्पीय प्रश्नोत्तर

1. जो शब्द क्रिया की विशेषता प्रकट करते हैं, उन्हें कहते हैं
(i) विशेषण
(ii) क्रियाविशेषण
(iii) संबंधबोधक
(iv) विस्मयादिबोधक

2. क्रिया के होने का समय प्रकट करते हैं
(i) कालवाचक क्रियाविशेषण
(ii) रीतिवाचक क्रियाविशेषण
(iii) परिमाणवाचक क्रियाविशेषण
(iv) इनमें कोई नहीं

3. संबंधबोधक शब्द किसके बाद जुड़ते हैं?
(i) संज्ञा या सर्वनाम के बाद
(ii) केवल सर्वनाम के बाद
(iii) संज्ञा या सर्वनाम के बाद भी और पहले भी
(iv) केवल संज्ञा के बाद

4. दो शब्दों, वाक्यांशों या वाक्यों को मिलाने वाले शब्दों को कहते हैं
(i) संबंधबोधक
(ii) समुच्चयबोधक
(iii) विस्मयादिबोधक
(iv) ये सभी

5. अव्यय शब्द के मुख्यतया कितने भेद माने जाते हैं?
(i) तीन
(ii) चार
(iii) पाँच
(iv) छह

6. अव्यये शब्दों का दूसरा नाम है?
(i) तत्सम
(ii) अविकारी
(iii) उपकारी
(iv) तद्भव

7. इनमें विस्मयादिबोधक शब्दों में कौन-सी भाव प्रकट होता है?
(i) आश्चर्य
(ii) घृणा
(iii) शोक
(iv) उपर्युक्त सभी

8. हिंदी में समुच्चयबोधक के कितने भेद हैं ?
(i) दो
(ii) तीन
(iii) चार
(iv) पाँच

उत्तर-

1. (ii)
2. (i)
3. (i)
4. (ii)
5. (ii)
6. (ii)
7. (iv)
8. (i)

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