NCERT Solutions | Class 6 Hindi Vasant Chapter 6

NCERT Solutions | Class 6 Hindi Vasant Chapter 6 | पार नज़र के 

NCERT Solutions for Class 6 Hindi Vasant Chapter 6 पार नज़र के

CBSE Solutions | Hindi Class 6

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NCERT | Class 6 Hindi

NCERT Solutions Class 6 Hindi Vasant
Book: National Council of Educational Research and Training (NCERT)
Board: Central Board of Secondary Education (CBSE)
Class: 6th
Subject: Hindi Vasant
Chapter: 6
Chapters Name: पार नज़र के
Medium: Hindi

पार नज़र के | Class 6 Hindi | NCERT Books Solutions

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पाठ्यपुस्तक के प्रश्न-अभ्यास

कहानी से

प्रश्न 1.

छोटू का परिवार कहाँ रहता था?

उत्तर-

छोटू का परिवार मंगल ग्रह पर ज़मीन के नीचे बनी एक कॉलोनी में रहता था।

प्रश्न 2.

छोटू को सुरंग में जाने की इजाज़त क्यों नहीं थी? पाठ के आधार पर लिखो।

उत्तर-

इस सुरंग में सुरक्षा कारणों से आम आदमी को जाने की मनाही थी। यहाँ केवल वह व्यक्ति जा सकता था जिसके पास सिक्योरिटी पास हो। छोटू के पास सिक्योरिटी पास नहीं था। इसके अलावा सुरंग में कई तरह के यंत्र लगे हुए थे। वहाँ केवल उन यंत्रों की देखभाल का काम करने वाले लोग जा पाते थे। यही कारण था कि छोटू को सुरंग में जाने की इजाजत नहीं थी।

प्रश्न 3.

कंट्रोल रूम में जाकर छोटू ने क्या देखा और वहाँ उसने क्या हरकत की?

उत्तर-

कंट्रोल रूम में जाकर छोटू ने अंतरिक्ष यान क्रमांक-एक देखा। उस यान से एक यांत्रिक हाथ बाहर निकल रहा था। हर पल उसकी लंबाई बढ़ती जा रही थी। छोटू का पूरा ध्यान कॉन्सोल-पैनल पर था जिस पर कई बटन लगे हुए थे। यहीं लगे लाल बटन को छोटू दबाना चाहता था। अंत में उसने अपनी इच्छा नहीं रोक पाई। उसने उसका लाल बटन दबा ही दिया। बटन दबते ही खतरे ही घंटी बज उठी। अपनी इस गलती पर उसने अपने पिता से एक थप्पड़ भी खाया क्योंकि उसके बटन दबाने से अंतरिक्ष यान की क्रमांक-एक का यांत्रिक हाथ बेकार हो गया।

प्रश्न 4.

इस कहानी के अनुसार मंगल ग्रह पर कभी आम जन-जीवन था। वह सब नष्ट कैसे हो गया? इसे लिखो-

उत्तर-

एक समय था जब लोग मंगल ग्रह पर जमीन के ऊपर रहते थे, ये पुरखे बगैर किसी तरह के यंत्रों की मदद के, बिना किसी खास किस्म के पोशाक के रहते थे लेकिन धीरे-धीरे वातावरण में परिवर्तन आने लगा। इससे धरती पर रहने वाले कई प्रकार के जीव धीरे-धीरे एक के बाद एक मरने लगे। इस परिवर्तन का कारण सूर्य में आया परिवर्तन था। सूर्य में परिवर्तन होते ही प्राकृतिक संतुलन बिगड़ गया।

प्रश्न 5.

कहानी में अंतरिक्ष यान को किसने भेजा था और क्यों?

उत्तर-

इस कहानी में अंतरिक्ष यान को पृथ्वी की एक अंतरिक्ष वैज्ञानिक संस्था नासा–जिसका पूरा नाम “नेशनल एअरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA)” है ने भेजा था। इस यान का नाम वाइकिंग था। पृथ्वी के वैज्ञानिक मंगल ग्रह की मिट्टी का अध्ययन करने के लिए बड़े उत्सुक थे। उन्हें इस अध्ययन से यह पता लगने की उम्मीद थी कि पृथ्वी की तरह मंगल ग्रह पर भी जीवों का अस्तित्व है या नहीं। इसी उद्देश्य से ‘नासा’ ने अंतरिक्ष यान भेजा था।

प्रश्न 6.

नंबर एक, नंबर दो और नंबर तीन, अजनबी से निबटने के कौन तरीके सुझाते हैं और क्यों ?

उत्तर-

नंबर एक का कहना था कि इस अजनबी यान में केवल यंत्र हैं। हम इसको स्पेस में खत्म करने की क्षमता रखते हैं, मगर इससे फिर कोई जानकारी हासिल नहीं होगी। ज़मीन पर उतरने को मजबूर करने के लिए यंत्र हमारे पास नहीं हैं। यदि वह खुद व खुद ज़मीन पर उतर जाए तो हम इसे बेकार करने की क्षमता रखते हैं। नंबर दो वैज्ञानिक थे। उन्होंने उन यानों को बेकार न करने का सुझाव दिया। उनका विचार था कि उन्हें बेकार कर देने से दूसरे ग्रह के लोग हमारे बारे में जान जाएँगे। जिन लोगों ने ये अंतरिक्ष यान भेजे हैं, वे भविष्य में इनसे भी बढ़िया अंतरिक्ष यान यहाँ भेजेंगे।

इसलिए हमें इनका अवलोकन करते रहना चाहिए और हमें जहाँ तक हो सकें, अपने अस्तित्व को छिपाए रखना चाहिए। नंबर दो ने अध्यक्ष महोदय से प्रार्थना की कि हमारे यहाँ ऐसा प्रबंध किया जाए जिससे अन्य ग्रहवालों को यह लगे कि यहाँ पर कोई ऐसी चीज नहीं है। जिससे उन्हें लाभ हो। नंबर तीन अध्यक्ष थे और उनका दायित्व सामाजिक व्यवस्था की देखभाल करना था।

नंबर तीन की राय थी-”जहाँ तक हो सके, हमें अस्तित्व को छुपाए ही रखना चाहिए, क्योंकि हो सकता है जिन लोगों ने ये अंतरिक्ष यान भेजे हैं, वे कल को इनसे भी बड़े सक्षम अंतरिक्ष यान भेजें। हमें यहाँ प्रबंध कुछ इस तरह रखना चाहिए जिससे इन यंत्रों को यह गलतफहमी हो कि इस जमीन पर कोई भी चीज़ इतनी महत्त्वपूर्ण नहीं है कि जिससे वे लाभ उठा सकें। अध्यक्ष महोदय से मैं यह दरख्वास्त करता हूँ कि इस तरह का प्रबंध हमारे यहाँ किया जाए।”

कहानी से आगे

प्रश्न 1.

(क) दिलीप एम. साल्वी
(ख) जयंत विष्णु नार्लीकर
(ग) आइज़क ऐसीमोव
(घ) आर्थर क्लार्क
ऊपर दिए गए लेखकों की अंतरिक्ष संबंधी कहानियाँ इकट्ठी करके पढ़ो और एक-दूसरे को सुनाओ। इन कहानियों में कल्पना क्या है और सच क्या है, इसे समझने की कोशिश करो। कुछ ऐसी कहानियाँ छाँटकर निकालो, जो आगे चलकर सच साबित हुई हैं।

उत्तर-

छात्र ऊपर लिखे लेखकों की अंतरिक्ष संबंधी कहानियाँ विद्यालय के पुस्तकालय से लेकर पढ़ने का प्रयास करें और यह जानने की कोशिश करें कि उसमें कितनी सच्चाई है। इन लेखकों की कहानियाँ आप इंटरनेट से प्राप्त कर सकते हैं।

प्रश्न 2.

इस पाठ में अंतरिक्ष यान अजनबी बनकर आता है।’अजनबी’ शब्द सोचो? इंसान भी कई बार अजनबी माना जाता है और कोई जगह या शहर भी। क्या तुम्हारी मुलाकात ऐसे किसी अजनबी से हुई है? नए स्कूल का पहला अनुभव कैसा था? क्या उसे भी अजनबी कहोगे? अगर हाँ तो ‘अजनबीपन’ दूर कैसे हुआ? इस पर सोचकर कुछ लिखो।

उत्तर-

हाँ, नए विद्यालय में हमारी मुलाकात ऐसे व्यक्ति से हुई है जिसे मैं नहीं जानता। फिर बातचीत करके हमने एक दूसरे के विषय में जाना समझा और हमारा अजनबीपन खत्म हो गया। नए विद्यालय का पहला अनुभव बहुत अच्छा था। मैं किसी भी छात्र या अध्यापक से परिचित नहीं था, मैंने अपने ही आयु के एक लड़के से बातचीत करके इस अजनबीपन को दूर किया। फिर बाद में पता चला कि वह लड़का भी मेरी कक्षा का छात्र था। तब हम मित्र बन गए। तब उस मित्र ने कक्षा के छात्रों से भी मेरा परिचय करा दिया और मेरा अजनबीपन दूर हो गया। इस प्रकार जब धीरे-धीरे हम रोज उनसे मिलने लगते हैं उनके करीब जाते हैं तो उनसे हमारी पहचान होने लगती है। हमारा परिचय बढ़ता है और फिर कुछ अनजाना नहीं लगता है?

अनुमान और कल्पना

प्रश्न 1.

यह कहानी जमीन के अंदर की जिंदगी का पता देती है। जमीन के ऊपर मंगल ग्रह पर सब कुछ कैसा होगा, इसकी कल्पना करो और लिखो ?

उत्तर-

ज़मीन के ऊपर मंगल ग्रह पर भी जन-जीवन सामान्य नहीं होगा, न तो पेड़-पौधा होगा न कोई नाला। मंगल ग्रह पर जिधर भी देखें उधर ही पठारी भूमि, रेगिस्तान और मिट्टी के पहाड़ होंगे, वहाँ किसी प्रकार का जीवन नहीं होगा। प्राणवायु की कमी होगी, सरदी बहुत अधिक होगी। पानी की भी किल्लत होने की संभावना है। इस कारण यंत्रों की सहायता से ही जीना संभव हो पाता होगा। जिस प्रकार जमीन के अंदर मनुष्य विभिन्न यंत्रों के सहारे रहता है उसी प्रकार उसे वहाँ रहने के लिए विभिन्न यंत्रों की सहायता लेनी पड़ेगी क्योंकि मंगल ग्रह पर सूर्य की ऊर्जाशक्ति न होने के कारण प्राकृतिक संतुलन नहीं होगा। वहाँ सामान्य आदमी नहीं रह सकता है।

प्रश्न 2.

मान लो कि तुम छोटू हो और यह कहानी किसी को सुना रहे हो तो कैसे सुनाओगे? सोचो और ‘मैं’ शैली में कहानी सुनाओ।

उत्तर-

मेरा घर जमीन के नीचे बनी कॉलोनी में है। मैं ज़मीन के ऊपर देखना चाहता था। एक बार अपने पापा का सिक्योरिटी पास लेकर चुपके रास्ते से जाना चाहता था। पापा उसी रास्ते से प्रतिदिन काम करने जाया करते थे। सुरंग से बने खाँचे में मैंने कार्ड डाला और दरवाजा बंद हो गया। यंत्र में कुछ संदेहास्पद हरकत हुई और एक दूसरे यंत्र ने मेरी तसवीर खींच ली। तभी सिक्योरिटी गार्ड आ गए और मुझे पकड़कर वापस मेरे घर छोड़ दिया। फिर पापा ने बताया कि मंगल ग्रह पर कभी जमीन जैसा ही जीवन था, लेकिन सूर्य में आए परिवर्तन के कारण प्राकृतिक संतुलन बिगड़ गया।

जीव मरने लगे। ठंड इतनी बढ़ गई कि आम लोगों का वहाँ रहना मुश्किल हो गया। तब यंत्रों की सहायता से जमीन के नीचे घर बनाए गए। अब तो स्पेस-सूट और खास किस्म के जूते पहनकर धरती पर रहा जा सकता है। अब वहाँ का जीवन कठिन हो गया है। मनुष्यों को छोड़कर बाकी सभी जीव नष्ट हो गए। अपनी तकनीक से मनुष्य ने पृथ्वी के नीचे घर बना लिया जिसका नियंत्रण हम लोग अपने तरीके से करते हैं।

अगले दिन पापा ने कंप्यूटर पर एक बिंदु देखा जो कि एक यान था। कुछ समय बाद यान जमीन पर उतरा और उसमें से एक यांत्रिक हाथ बाहर निकला। यह मेरे लिए खास था। मैं पापा के साथ था। सभी इस दृश्य को कंप्यूटर पर देख रहे थे। मेरा ध्यान कॉन्सोल पर लगे बटन पर था। मैंने एक बटन दबा दिया। अचानक यान के यांत्रिक हाथ ने काम करना बंद कर दिया। पापा ने मुझे थप्पड़ मारा और उस बटन को पहले जैसा ही कर दिया। वैज्ञानिकों ने पृथ्वी से भेजे इस यान का रिमोट से हाथ ठीक कर दिया। अब वह जमीन की मिट्टी खोद रहा था। इस मिट्टी से पृथ्वी के लोग अध्ययन करके यह जानना चाहते थे कि मंगल ग्रह पर जीवन सृष्टि है या नहीं।

भाषा की बात

प्रश्न 1.

‘वार्तालाप’ शब्द वार्ता + आलाप के योग्य से बना है। यहाँ वार्ता के अंत का ‘आ’ और ‘आलाप’ के आरंभ का ‘आ’ मिलने से जो परिवर्तन हुआ है, उसे संधि कहते हैं। नीचे लिखे कुछ शब्दों में किन शब्दों की संधि है

  1. शिष्टाचार
  2. श्रद्धांजलि
  3. दिनांक
  4. उत्तरांचल
  5. सूर्यास्त
  6. अल्पाहार

उत्तर-

  1. शिष्टाचार = शिष्ट + आचार
  2. श्रद्धांजलि = श्रद्धा + अंजलि
  3. दिनांक = दिन + अंक
  4. उत्तरांचल = उत्तर् + अंचल
  5. सूर्यास्त = सूर्य + अस्त
  6. अल्पाहार = अल्प + आहार

प्रश्न 2.

कार्ड उठाते ही दरवाजा बंद हुआ।
यह बात हम इस तरीके से भी कह सकते हैं जैसे ही कार्ड उठाया, दरवाज़ा बंद हो गया।
ध्यान दो कि दोनों वाक्यों में क्या अंतर है। ऐसे वाक्यों के तीन जोड़े आप स्वयं सोचकर लिखो।

उत्तर-

(i) शिक्षक के आते ही, शोर बंद हो गया।
⇒ जैसे ही शिक्षक आए, शोर बंद हो गया।
(ii) चोर के जाते ही, पुलिस आई।
⇒ जैसे ही चोर गया, पुलिस आ गई।
(iii) घर पहुँचते ही, बिजली चली गई।
⇒ जैसे ही घर पहुँचा, बिजली चली गई।

प्रश्न 3.

छोटू ने चारों तरफ़ नज़र दौड़ाई।
छोटू ने चारों तरफ़ देखा।

उपर्युक्त वाक्यों में समानता होते हुए भी अंतर है। मुहावरे वाक्यों को विशिष्ट अर्थ देते हैं। ऐसा ही मुहावरा पहली पंक्ति में दिखाई देता है। नीचे दिए गए वाक्यांशों में नज़र’ के साथ अलग-अलग क्रियाओं का प्रयोग हुआ है, जिनसे मुहावरे बने हैं। इनके प्रयोग से वाक्य बनाओ।

  1. नजर पड़ना
  2. नज़र रखना
  3. नज़र आना
  4. नज़रें नीची होना

उत्तर-

  1. नज़र पड़ना ⇒ मेले में अचानक मेरी नज़र सोहन पर पड़ी।
  2. नज़र आना ⇒ मेरी आँखों से आजकल कम नजर आता है।
  3. नज़र रखना ⇒ परीक्षा हॉल में हर विद्यार्थी पर नजर रखनी पड़ती है।
  4. नज़रें नीची होना ⇒ बेटे की करतूत से माता-पिता की नजरें नीची हो गईं।

प्रश्न 4.

नीचे एक ही शब्द के दो रूप दिए गए हैं। एक संज्ञा है और दूसरा विशेषण है। वाक्य बनाकर समझो और बताओ कि इनमें से कौन से शब्द संज्ञा हैं और कौन से विशेषण।
आकर्षक – आकर्षण
प्रेरणा – प्रेरक
प्रभाव – प्रभावशाली
प्रतिभाशाली – प्रतिभा

उत्तर-

आकर्षक (विशेषण)—यह तसवीर बहुत आकर्षक है।
आकर्षण (संज्ञा)– इस तसवीर में बहुत आकर्षण है।
प्रभाव (संज्ञा)—उनका अपने क्षेत्र में प्रभाव है।
प्रभावशाली (विशेषण)-वह इस क्षेत्र के प्रभावशाली व्यक्ति हैं।
प्रेरणा (संज्ञा)-महान लोगों की कथाएँ हमें प्रेरणा देती हैं।
प्रेरक (विशेषण)-महान लोगों की कथाएँ प्रेरक होती हैं।
प्रतिभाशाली (विशेषण)-नेहा प्रतिभाशाली है।
प्रतिभा (संज्ञा)-नेहा में प्रतिभा है।

कुछ करने को

प्रश्न 1.

इस पाठ में मंगल ग्रह के जीवन के बारे में बताया गया है। क्या आपको वास्तविक प्रतीत होता है? अपना मत लिखिए।

उत्तर-

इस कहानी के अनुसार छोटू के माध्यम से मंगल ग्रह के जीवन के बारे में बताया गया है। यह तथ्य कल्पना पर आधारित अवश्य लगता है लेकिन इसमें पाठकों की जिज्ञासा उत्पन्न की गई है। हाँ, ऐसा कुछ-कुछ होना संभव अवश्य है, पर इसे पूर्णतः सत्य नहीं कहा जा सकता। यह एक वैज्ञानिक पृष्ठभूमि पर रची गई काल्पनिक कहानी है। इसे पढ़कर हमारे ज्ञान में अवश्य वृद्धि होती है।

प्रश्न 2.

इस पाठ को पढ़कर आपको किसके बारे में जानने की जिज्ञासा उत्पन्न होती है?

उत्तर-

इस पाठ को पढ़कर हमें चंद्रमा के बारे में जानने की जिज्ञासा होती है कि वहाँ का जीवन कैसा है।

प्रश्न 3.

अंतरिक्ष के विभिन्न ग्रहों के बारे में जानकारी एकत्रित कीजिए।

उत्तर-

छात्र स्वयं करें।

प्रश्न 4.

ग्रहों को एक चार्ट में चित्र बनाकर डिसप्ले कीजिए।

उत्तर-

छात्र स्वयं करें।

प्रश्न 5.

आप भी अपनी किसी यात्रा का वर्णन करते हुए यात्रा वृत्तांत लिखिए।
उत्तर- छात्र स्वयं करें।

अन्य पाठ्येत्तर हल प्रश्न

बहुविकल्पीय प्रश्नोत्तर

(क) इस पाठ के लेखक कौन हैं?
(i) गुणाकर मुले
(ii) कृष्णा सोबती
(iii) जयंत विष्णु नार्लीकर
(iv) केदार नाथ अग्रवाल

(ख) छोटू का परिवार कहाँ रहता था ?
(i) पर्वत पर
(ii) समुद्र में
(iii) आकाश में
(iv) जमीन के नीचे कॉलोनी में

(ग) कंट्रोल रूम में जाकर छोटू ने क्या हरकत की?
(i) वह डांस करने लगा
(ii) वह चॉकलेट माँगने लगा
(iii) वह लाल बटन दबाने के लिए मचलने लगा
(iv) उसने मोटर स्टार्ट कर दी।

(घ) किस कमी के कारण मंगल ग्रहवासी अंतरिक्ष यान छोड़ने में असमर्थ थे?
(i) ऊर्जा की
(ii) यंत्रों की
(iii) तकनीकी की
(iv) ईंधन की

(ङ) मंगल ग्रह के निवासी जमीन के नीचे किसके सहारे रहते थे?
(i) रोशनी के सहारे
(ii) पानी के सहारे
(iii) यंत्रों के सहारे
(iv) ईंधन के सहारे

उत्तर-

(क) (iii)
(ख) (iv)
(ग) (iii)
(घ) (i)
(ङ) (iii)

अतिलघु उत्तरीय प्रशनोत्तर

प्रश्न 1.

छोटू और उसकी माँ के बीच क्या बात होती थी?

उत्तर-

छोटू और उसकी माँ के बीच सुरंगनुमा रास्ते की बात होती थी।

प्रश्न 2.

सुरंगनुमा रास्ते का प्रयोग कौन करते थे?

उत्तर-

सुरंगनुमा रास्ता सभी के लिए खुला नहीं था। इसका प्रयोग कुछ लोग ही कर सकते थे। यह रास्ता केवल उन लोगों के लिए खुला था जो इस रास्ते से होते हुए काम पर जाया करते थे।

प्रश्न 3.

ज़मीन पर चलना कैसे संभव हो पाया?

उत्तर-

जमीन पर चलने के लिए विशेष प्रकार के जूतों का प्रयोग किया जाता था। इसके लिए ट्रेनिंग भी दी जाती थी।

प्रश्न 4.

मंगल ग्रह के लोगों के लिए अब अंतरिक्ष यान छोड़ना असंभव क्यों है?

उत्तर-

मंगल ग्रह के लोगों के लिए यान छोड़ना असंभव है, क्योंकि उसके लिए आवश्यक मात्रा में ऊर्जा उपलब्ध नहीं है।

प्रश्न 5.

जमीन के नीचे रहना कैसे संभव हुआ?

उत्तर-

तकनीकी ज्ञान के आधार पर ज़मीन के नीचे घर बना लिए गए हैं। ज़मीन के ऊपर अनेक प्रकार के यंत्र लगे हुए हैं। जिसके सहारे सूर्यशक्ति, रोशनी और गरमी को प्राप्त किया जाता है। इसी के आधार पर ज़मीन के नीचे जीवन संभव हो पाया?

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.

इस पाठ के अनुसार मंगल ग्रह पर जन-जीवन था। वह सब नष्ट कैसे हो गया? इसे लिखिए?

उत्तर-

एक समय था जब मानव मंगल ग्रह पर जमीन के ऊपर रहते थे। धीरे-धीरे वातावरण में परिवर्तन आने लगा। कई तरह के जीव धरती पर रहते थे। सूरज में बहुत भारी परिवर्तन आया। सूरज में परिवर्तन होने की वजह से वहाँ का प्राकृतिक, संतुलन बिगड़ गया। प्रकृति के बदले हुए रूप का सामना करने में यहाँ के पशु-पक्षी, पेड़-पौधे व अन्य जीव असमर्थ साबित हुए। इसलिए मंगल ग्रह का जीवन नष्ट हो गया।

प्रश्न 2.

छोटू के सुरंग में प्रवेश करते ही क्या हुआ?

उत्तर-

उसके प्रवेश करते ही पहले निरीक्षक यंत्र में संदेहास्पद स्थिति दर्शाने वाली हरकत हुई, दूसरे यंत्र ने उसकी तस्वीर खींच ली और सूचना दे दी गई।

प्रश्न 3.

छोटू की माँ छोटू से क्यों नाराज़ थी?

उत्तर-

छोटू की माँ ने पहले भी कई बार छोटू को सुरंगनुमा रास्ते की तरफ़ जाने से मना किया था। फिर भी छोटू ने उनकी बात नहीं मानी। उसने पापा का सिक्यूरिटी पास चुराया और सुरंग का दरवाजा खोलकर उसके भीतर चला गया। इसी कारण छोटू की माँ उससे नाराज़ थी।

प्रश्न 4.

अंतरिक्ष यान को किसने भेजा था और क्यों भेजा था?

उत्तर-

अंतरिक्ष यान को ‘नेशनल एअरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन’ यानी नासा ने भेजा था। नासा के वैज्ञानिक मंगल ग्रह की मिट्टी का अध्ययन करना चाहते थे। वे इस अध्ययन द्वारा यह पता लगाना चाहते थे कि क्या मंगल ग्रह पर पृथ्वी की तरह के जीव रहते हैं या नहीं। इसी उद्देश्य से ‘नासा’ ने अंतरिक्ष यान भेजा था।

प्रश्न 5.

पाठ से फ़ और ज वाले (नुक्तेवाले) चार-चार शब्द छाँटकर लिखिए। इस सूची में तीन-तीन शब्द अपनी ओर से भी जोड़िए-

उत्तर-

‘फ़’ नुक्ते वाले शब्द-तरफ़, फ़रमा, सफ़र शिफ्ट।
ज़ नुक्ते वाले शब्द-नज़र, रोज, जमीन, दरवाजे।

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