NCERT Solutions for Class 11 Hindi Aroh Chapter 10 आत्मा का ताप

आत्मा का ताप Class 11 Hindi Aroh NCERT Solutions
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Class 11 Hindi Aroh Chapter 10 CBSE NCERT Solutions
Book: | National Council of Educational Research and Training (NCERT) |
---|---|
Board: | Central Board of Secondary Education (CBSE) |
Class: | 11th Class |
Subject: | Hindi Aroh |
Chapter: | 10 |
Chapters Name: | आत्मा का ताप |
Medium: | Hindi |
आत्मा का ताप Class 11 Hindi Aroh NCERT Books Solutions
You can refer to MCQ Questions for Class 11 Hindi Aroh Chapter 10 आत्मा का ताप to revise the concepts in the syllabus effectively and improve your chances of securing high marks in your board exams.
आत्मा का ताप (अभ्यास प्रश्न)
प्रश्न 1. रज़ा ने अकोला में ड्राइंग अध्यापक की नौकरी की पेशकश क्यों नहीं स्वीकार की?
रज़ा के द्वारा अकोला में मिली ड्राइंग अध्यापक की नौकरी को अस्वीकार करने का कारण यह था कि उन्हें बंबई शहर और वहाँ का वातावरण पसंद आया था। अतः वह वहाँ अध्ययन जारी रखना चाहते थे। वहाँ के शहरों में उन्हें अपने पुराने मित्र भी मिल गए थे और बाद में उन्हें एक्सप्रेस ब्लॉक स्टूडियो में डिज़ाइनर की नौकरी मिल गई थी।
प्रश्न 2. बंबई में रहकर कला के अध्ययन के लिए रज़ा ने क्या क्या संघर्ष किए?
बंबई में रहते हुए रज़ा को एक्सप्रेस ब्लॉक स्टूडियो में डिज़ाइनर की नौकरी मिल गई। यहाँ कड़ी मेहनत करने के पर उन्हें मुख्य डिजाइनर बना दिया गया। वे सुबह दस बजे से शाम छः बजे तक दफ्तर में काम करते। उसके बाद पढ़ाई के लिए मोहन आर्ट क्लब जाते। तत्पश्चात वे अपने भाई के परिचित टैक्सी ड्राइवर के यहाँ जाते थे क्योंकि वहीं पर उन्होंने अपने रहने का प्रबंध कर रखा था। इस तरह से अनेक संघर्ष करते हुए रज़ा ने कला का अध्य्यन किया।
प्रश्न 3. भले ही 1947-48 महत्त्वपूर्ण घटनाएँ घटी हों, मेरे लिए वे कठिन बरस थे- रज़ा ने ऐसा क्यों कहा?
भले ही 1947-48 में महत्त्वपूर्ण घटनाएँ घटी हों परंतु मेरे लिए वे कठिन वर्ष थे। रज़ा ने ऐसा इसलिए कहा कि पहले तो उनकी माँ का स्वर्गवास हो गया। मई 1948 में उनके पिता इस दुनिया में नहीं रहे। भारत स्वतंत्र हुआ परंतु उसका विभाजन भी हुआ। छोटी आयु में ही जीवन की जिम्मेदारियाँ आ पड़ी। महात्मा गांधी की हत्या की घटना से भी उनको गहरा दुख हुआ।
प्रश्न 4. रज़ा के पसंदीदा फ्रैंच कलाकार कौन थे?
रजा के पसंदीदा फ्रेंच कलाकार सेजाँ, वान गॉग, गोगा पिकासो, मतीस, शगाल और ब्रॉक है। इन सब में गोगा पिकासो सबसे ज्यादा पसंदीदा थे क्योंकि उन्हें पिकासो का हर दौर महत्त्वपूर्ण लगता था। उन्हें अन्य कलाकारों से जीनियस लगते थे।
प्रश्न 5. तुम्हारे चित्रों में रंग है, भावना है, लेकिन रचना नहीं है। तुम्हें मालूम होना चाहिए कि चित्र इमारत की तरह बनाया जाता है- आधार, नींव, दीवारें, बीम, छत; और तब जाकर वह टिकता है-यह बात
क) किसने, किस संदर्भ में कही?
यह बात फ्रैंच फोटोग्राफर हेनरी कार्तिए ब्रेसां ने लेखक के चित्र देखने के बाद कही। वे चाहते थे कि लेखक जितना प्रभावशाली है उतनी प्रतिभा उसकी कला में भी झलके।
ख) रज़ा पर इसका क्या प्रभाव पड़ा?
उसकी टिप्पणी का रज़ा पर गहरा प्रभाव पड़ा। वह बंबई में आलियांस फ्रांसे में फ्रैंच सीखने लगा। फिर उसे फ्रांस जाने के लिए दो वर्ष की छात्रवृत्ति मिली। जिसकी वजह से उसे फ्रांस जाने का मौका मिला।
आत्मा का ताप (अति महत्त्वपूर्ण प्रश्न)
प्रश्न 1:
कश्मीर के प्रधानमंत्री ने लेखक को कैसा पत्र दिया था? उसका उसे क्या फायदा हुआ?
उत्तर-
कश्मीर के तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख अब्दुल्ला ने उन्हें एक पत्र दिया जिसमें लिखा था कि यह एक भारतीय कलाकार है, इन्हें जहाँ चाहे वहाँ जाने दिया जाए और इनकी हर संभव सहायता की जाए। एक बार लेखक बस से बारामूला से लौट रहा था। वहाँ पुलिसवाले ने शहरी आदमी को देखकर उन्हें बस से उतार लिया। पुलिस वाले ने पूछताछ की तो लेखक ने उसे शेख साहब की चिट्ठी उसे दिखाई। पुलिसवाले ने सलाम ठोंका और परेशानी के लिए माफी माँगी।
प्रश्न : 2
लेखक को ऑटर्स सोसाइटी ऑफ इंडिया की प्रदर्शनी में आमंत्रित क्यों नहीं किया गया?
उत्तर-
1943 में ऑट्रस सोसाइटी ऑफ इंडिया की तरफ से मुंबई में एक चित्र प्रदर्शन आयोजित की गई। इसमें सभी बड़े-बड़े नामी चित्रकारों को आमंत्रित किया गया। लेखक उन दिनों सामान्य कलाकार था। वह प्रसिद्ध नहीं था। इसलिए उसे आमंत्रित नहीं किया गया। हालाँकि उनके दो चित्र उस प्रदर्शनी में रखे गए थे।
प्रश्न 3:
प्रोफेसर लैंगहेमर कौन थे? उन्होंने रज़ा की कैसे सहायता की?
उत्तर-
प्रोफेसर लैंगहैमर वेनिस अकादमी में प्रोफेसर थे। रज़ा के चित्र देखकर उन्होंने प्रशंसा की तथा काम करने के लिए उसे अपना स्टूडियो दे दिया। वे द टाइम्स ऑफ इंडिया में आर्ट डायरेक्टर थे। लेखक दिन में उनके स्टूडियो में चित्र बनाता तथा शाम को उन्हें चित्र दिखाता।। प्रोफेसर उन चित्रों का बीरीकी से विश्लेषण करते। धीरे-धीरे वे उसके चित्र खरीदने भी लगे। इस प्रकार उन्होंने रज़ा को आगे बढ़ने में सहयोग दिया।
प्रश्न 4
कला के विषय में रज़ा के विचारों पर प्रकाश डालिए।
उत्तर-
रजा का मत है कि चित्रकला व्यवसाय नहीं, बल्कि अंतरात्मा की पुकार है। इसे अपना सर्वस्व देकर ही कुछ ठोस परिणाम मिल पाते हैं। वे कठिन परिश्रम को महत्वपूर्ण मानते हैं। उन्हें हैरानी है कि अच्छे संपन्न परिवारों के बच्चे काम नहीं कर रहे, जबकि उनमें तमाम संभावनाएँ हैं। युवाओं को कुछ घटने का इंतजार नहीं करना चाहिए तथा खुद नया करना चाहिए।
प्रश्न 5
धन के बारे में हैदर रज़ा की क्या राय है?
उत्तर-
लेखक धन को जीवन जीने के लिए महत्वपूर्ण मानते हैं। उनका मानना है कि उत्तरदायित्व होते हैं, किराया देना होता है, फीस देनी होती है, अध्ययन करना होता है, काम करना होता है। वे धन को प्रमुख मानते हैं। उनका मानना है कि पैसा कमाना महत्वपूर्ण होता है।
प्रश्न 6:
'आत्मा का ताप' पाठ का प्रतिपाय बताइए।
उत्तर-
यह पाठ रजा की आत्मकथात्मक पुस्तक आत्मा का ताप का एक अध्याय है। इसका अंग्रेजी से हिंदी अनुवाद मधु बी. जोशी ने किया है। इसमें रज़ा ने चित्रकला के क्षेत्र में अपने आरंभिक संघर्षों और सफलताओं के बारे में बताया है। एक कलाकार का जीवन-संघर्ष और कला- संघर्ष, उसकी सर्जनात्मक बेचैनी, अपनी रचना में सर्वस्व झोंक देने का उसका जुनून ये सारी चीजें रोचक शैली में बताई गई हैं।
आत्मा का ताप (पठित गद्यांश)
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
1. मैंने अमरावती के गवर्नमेंट नॉर्मल स्कूल से त्यागपत्र दे दिया। जब तक मैं बंबई पहुँचा तब तक जे.जे. स्कूल में दाखिला बंद हो चुका था। दाखिला हो भी जाता तो उपस्थिति का प्रतिशत पूरा न हो पाता। छात्रवृत्ति वापस ले ली गई। सरकार ने मुझे अकोला में ड्राइंग अध्यापक को नौकरी देने की पेशकश की। मैंने तय किया कि मैं लौटुंगा नहीं, अंबई में ही अध्ययन करूगा।
प्रश्न
1. लेखक ने नौकरी से त्यागपत्र क्यों दिया?
2. लेखक की छात्रवृत्ति वापिस लेने का कारण बताइए।
3. सरकार ने उन्हें क्या पेशकश की?
उत्तर-
1. लेखक को मुंबई के जे. जे. स्कूल ऑफ आर्टस में अध्ययन के लिए मध्य प्रांत की सरकार की तरफ से छात्रवृत्ति मिली। इस कारण उन्होंने अमरावती के गवर्नमेंट नॉर्मल स्कूल से त्यागपत्र दे दिया।
2. लेखक को जे.जे. स्कूल में पढ़ने के लिए छात्रवृत्ति मिली, परंतु त्यागपत्र देने व अन्य कारणों से वह मुंबई देर से पहुँचा। तब तक इस स्कूल में दाखिले बंद हो गए थे। यदि दाखिला हो भी जाता तो उपस्थिति का प्रतिशत पूरा नहीं हो पाता। अतः दाखिला न लेने के कारण छात्रवृत्ति वापस ले ली गई।
3. लेखक ने नौकरी से त्यागपत्र दे दिया और उसे जे.जे. स्कूल ऑफ आर्ट में दाखिला भी नहीं मिला। अब वह बेरोजगार था। अतः सरकार ने उसे अकोला में ड्राइंग अध्यापक की नौकरी देने की पेशकश की।
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
2. इस सम्मान को पाने वाला में सबसे कम आयु का कलाकार था। दो बरस बाद मुझे फ्रांस सरकार को छात्रवृत्ति मिल गई। मैंने खुद को याद दिलायाः भगवान के घर देर है, अंधेर नहीं। मेरे पहले दो चित्र नवंबर 1943 में आट्रस सोसाइटी ऑफ़ इंडिया की प्रदर्शनी में प्रदर्शित हुए। उद्घाटन में मुझे आमंत्रित नहीं किया गया, क्योंकि मैं जाना-माना नाम नहीं था। अगले दिन मैंने 'द टाइम्स ऑफ़ इंडिया में प्रदर्शनी की समीक्षा पढ़ी।
प्रश्न
1. लेखक को कौन-सा सम्मान मिला तथा क्यों?
2. 'भगवान के घर दर हैं अधर नहीं-यह कथन किसस, किस सदर्भ में कहा?
3. लेखक ने प्रदर्शनी की समीक्षा में क्या पढ़ा?
उत्तर-
1. लेखक को 1948 ई. में बॉम्बे ऑट्रस सोसाइटी का स्वर्ण पदक मिला। वह पुरस्कार पाने वाला सबसे कम आयु का कलाकार था।
2. यह कथन लेखक ने उस समय कहा जब बॉम्हे ऑटुस सोसाइटी द्वारा स्वर्ण पदक मिला।
3. लेखक ने प्रदर्शनी की समीक्षा 'द टाइम्स ऑफ इंडिया' में पढ़ी जिसमें कला समीक्षक रुडॉल्फ वॉन लेडेन ने लिखा था कि एस.एच, रज़ा के नाम के छात्र के एक-दो जलरंग लुभावने हैं। उनमें संयोजन और रंगों के दक्ष प्रयोग की जबरदस्त समझदारी दिखती है।
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
3. भले ही 1947 और 1948 में महत्वपूर्ण घटनाएँ घटी हों, मेरे लिए वे कठिन बरस थे। पहले तो कल्याण वाले घर में मेरे पास रहतें मेरी माँ का देहांत हो गया। पिता जी मेरे पास ही थे। वे मंडला लौट गए। मई 1948 में वे भी नहीं रहे। विभाजन की त्रासदी के बावजूद भारत स्वतंत्र था। उत्साह था, उदासी भी थी। जीवन पर अचानक जिम्मेदारियों का बोझ आ पड़ा। हम युवा थे। मैं पच्चीस बरस का था, लेखकों कवियों, चित्रकारों की संगत थी। हमें लगता था कि हम पहाड़ हिला सकते हैं। और सभी अपने अपने क्षेत्रों में, अपने माध्यम में सामय भर बढ़िया काम करने में जुट गए। देश का विभाजन, महात्मा गांधी की हत्या क्रूर घटनाएँ थीं। व्यक्तिगत स्तर पर, मेरे माता पिता की मृत्यु भी ऐसी ही क्रूर घटना थी। हमें इन क्रूर अनुभवों को आत्मसात करना था। हम उससे उबर काम में जुट गए।
प्रश्न
1.1947 व 1948 में कौन-कौन-सी महत्वपूर्ण घटनाएँ हुई?
2. लेखक के साथ व्यक्तिगत रूप से कौन सी दुखद घटनाएँ घर्टी?
3. घटनाओं को आत्मसात करने से लखक का क्या अभिप्राय हैं?
उत्तर-
1. 1947 में वर्षों की गुलामी के बाद भारत अंग्रेजों से आजाद हुआ। भारत का विभाजन कर दिया गया था। 1948 ई. में महात्मा गांधी की हत्या कर दी गई थी। ये दोनों घटनाएँ राष्ट्र पर गहरा प्रभाव डालने वाली थीं।
2. लेखक की माता की मृत्यु 1947 में हुई। उसके पिता साध रहते थे, परंतु माता की मृत्यु के बाद वे मंडला चले गए। 1948 ई. में उनकì#2368; भी मृत्यु हो गई। अतः सारी जिम्मेदारियाँ लेखक के कंर्धा पर अचानक आ पड़ी।
3, 1947 में देश को आजादी मिली, परंतु विभाजन की पीड़ा के साथ। 1948 में महात्मा गांधी की हत्या कर दी गई। लेखक के ऊपर भी जिम्मेदारियों आ गई, क्योंकि माता-पिता दोनों का अचानक निधन हो गया। घर व देश दोनों जगह अव्यवस्था थी। अतः इन सभी घटनाओं को आत्मसात यानी चुपचाप सहन करके ही आगे बढ़ा जा सकता था।
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
4. 1948 मैं मैं श्रीनगर गया, वहाँ चित्र बनाए। ख्वाज़ा अहमद अब्बास भी वहीं थे। कश्मीर पर कबायली आक्रमण हुआ, तब तक मैंने तय कर लिया था कि भारत में ही रहूँगा। में श्रीनगर से आगे बारामूला तक गया। घुसपैठियों ने बारामूला को ध्वस्त कर दिया था। मेरे पास कश्मीर के तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख अब्दुल्ला का पत्र था, जिसमें कहा गया था कि यह एक भारतीय कलाकार हैंइन्हें जहाँ चाहे वहां जाने दिया जाए और इनकी हर संभव सहायता की जाए। एक बार मैं बस से बारामूला से लौट रहा था या वहाँ जा रहा था तो स्थानीय कश्मीरियों के बीच मुझ पैटधारी शहराती को देखकर एक पुलिसवाले ने मुझे बस से उतार लिया। मैं उसके साथ चल दिया। उसने पूछा, 'कहाँ से आए हो? नाम क्या है?" मैंने बता दिया कि मैं रज़ा हैं, बंबई से आया हूँ। शेख साहब की चिट्ठी उसे दिखाई। उसने सलाम ठोंका और परेशानी के लिए माफी माँगता हुआ चला गया।
प्रश्न
1. 1949 ई में कश्मीर में क्या घटना घटीं?
2. लेखक ने क्या तया किय?
3. रजा को मिले पत्र में क्या लिखा था।
उत्तर-
1. 1948 ई. में कश्मीर पर कबायली हमला हुआ। उन्होंने बारामूला को तहस-नहस कर दिया था। उस समय रज़ा श्रीनगर में था।
2. कबायली हमले को देखकर रज़ा ने निर्णय किया कि वह पाकिस्तान के बजाय भारत में रहेगा। यह देश विभाजन के पक्ष में नहीं था।
3. रज़ा को तत्कालीन कश्मीर के प्रधानमंत्री शेख अब्दुल्ला का पत्र मिला था। इसमें लिखा था कि यह एक भारतीय कलाकार हैं, इन्हें जहाँ चाहे वहीं जाने दिया जाए और इनकी हर संभव सहायता की जाए।
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
5. श्रीनगर की इस यात्रा में मेरी भेंट प्रख्यात फ्रेंच फोटोग्राफर हेनरी कार्तिए-बेस से हुई। मेरे चित्र देखने के बाद उन्होंने जो टिप्पणी की यह मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण रही है। उन्होंने कहा, तुम प्रतिभाशाली हो, लेकिन प्रतिभाशाली युवा चित्रकारों को लेकर में संदेहशील हैं। तुम्हारे चित्रों में रंग है, भावना है, लेकिन रचना नहीं है। तुम्हें मालूम होना चाहिए कि चित्र इमारत की ही तरह बनाया जाता है-आधार, नव दीवारें, बीम, छत और तब जाकर वह टिकता है। मैं कहूंगा कि तुम सेज़ का काम ध्यान से देखो। इन टिप्पणियों का मुझ पर गहरा प्रभाव रहा। बंबई लौटकर मैंने फ्रेंच सीखने के लिए अलयांस फ्रांसे में दाखिला ले लिया। फ्रेंच पेंटिंग में मेरी खासी रुचि थी, लेकिन मैं समझना चाहता था कि चित्र में रचना या बनावट वास्तव में क्या होगी।
प्रश्न
1. श्रीनगर में लेखक की मुलाकात किससे हुई? वह लेखक के लिए महत्वपूर्ण कैसे थी ।
2. लखक की चित्रकला में क्या कमी भी?
3. लेखक को श्रीनगर की यात्रा से क्या प्रेरणा मिली ?
1. श्रीनगर में लेखक की मुलाकात फ्रेंच फोटोग्राफर हेनरी कार्तिए ब्रेस से हुई। उसने लेखक के चित्रों को देखा तथा उन पर टिप्पणी की। उसने कहा कि तुम प्रतिभाशाली हो, परंतु उसमें निखार नहीं आया है। तुम्हारे चित्रों में रंग, 'भावना है, परंतु रचना नहीं है। तुम्हें सेज़ों का काम देखना चाहिए।
2. लेखक की चित्रकला में रचना पक्ष की कमी थी। जिस प्रकार इमारत की रचना में आधार नींव दीवार, बीम, छत आदि की भूमिका होती है, उसी प्रकार लेखक के चित्रों में आधार की कमी थी।
3. लेखक को श्रीनगर की यात्रा से यह प्रेरणा मिली कि उसने बंबई लौटते ही अलमस फ्रांस में दाखिला लिया ताकि फ्रेंच भाषा सीख राके। उसे फ्रेंच पेंटिंग में खासी रुचि थी, परंतु वह बनावट या रचना को समझना चाहता था।
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
6. मैंने धृष्टता से उन्हें बताया कि 'बिन माँगे मोती मिले, माँगे मिले न भीखा मेरे मन में शायद युवा मित्रों को यह संदेश देने की कामना है कि कुछ घटने के इंतजार में हाथ पर हाथ धरे न बैठे रहो खुद कुछ करो। जरा देखिए, अच्छे खासे संपन्न परिवारों के बचे काम नहीं कर रहे, जबकि उनमें तमाम संभावनाएँ हैं। और यहाँ हम बेचैनी से भरे, काम किए जाते हैं। मैं बुखार से छटपटाता-सा, अपनी आत्मा, अपने चित्त को संतप्त किए रहता हूँ। मैं कुछ ऐसी बात कर रहा हैं जिसमें खार्मी लगती है। यह बहुत गजब की बात नहीं है, लेकिन मुझमें काम करने का संकल्प है। भगवद् गीता कहती है, जीवन में जो कुछ भी है, तनाव के कारण है।' बचपन, जीवन का पहला चरण, एक जागृति है। लेकिन मेरे जीवन का बंबईवाला दौर भी जागृति का चरण ही था।
प्रश्न
1. लेखक युवा मित्रों को क्या सर्देश देता है?
2. लेखक अपने चित्त को क्यों सतपत किए रहता हैं?
३. भगवद् गीता का सर्देश क्या है?
उत्तर-
1. लेखक युवा मित्रों के संदेश देता है कि उन्हें काम करना चाहिए। उन्हें कुछ घटने का इंतजार नहीं करना चाहिए। हाथ पर हाथ धरे रखना मूर्खता है।
2. लेखक सच्चा कलाकार है। उसकी आत्मा निरंतर नया करने के लिए व्याकुल रहती है। उसका कलाकार मन बुखार से पीड़ित व्यक्ति की तरह छटपटाता है।
3. भगवद्गीता का संदेश है-जीवन में जो कुछ भी है, तनाव के कारण है। अर्थात् संघर्ष के बिना उन्नति नहीं हो सकती। अगर जीवन में उन्नति और सफलता का स्वाद चखना है तो उसे संघर्ष के पथ पर चलना ही होगा।
Hindi Vyakaran
Hindi Grammar Syllabus Class 11 CBSE
Here is the list of chapters for Class 11 Hindi Core NCERT Textbook.
NCERT Solutions for Class 11 Hindi Aroh (आरोह)
पाठ्यपुस्तक एवं पूरक पाठ्यपुस्तक
आरोह, भाग-1
(पाठ्यपुस्तक)
(अ) गद्य भाग
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NCERT Solutions for Class 11 Hindi Aroh Chapter 1 नमक का दारोगा
NCERT Solutions for Class 11 Hindi Aroh Chapter 2 मियाँ नसीरुद्दीन
NCERT Solutions for Class 11 Hindi Aroh Chapter 3 अपू के साथ ढाई साल
NCERT Solutions for Class 11 Hindi Aroh Chapter 4 विदाई संभाषण
NCERT Solutions for Class 11 Hindi Aroh Chapter 5 गलता लोहा
NCERT Solutions for Class 11 Hindi Aroh Chapter 6 स्पीति में बारिश
NCERT Solutions for Class 11 Hindi Aroh Chapter 7 रजनी
NCERT Solutions for Class 11 Hindi Aroh Chapter 8 जामुन का पेड़
NCERT Solutions for Class 11 Hindi Aroh Chapter 9 भारत माता
NCERT Solutions for Class 11 Hindi Aroh Chapter 10 आत्मा का ताप
(ब) काव्य भाग
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NCERT Solutions for Class 11 Hindi Aroh Poem Chapter 1 कबीर के पद
NCERT Solutions for Class 11 Hindi Aroh Poem Chapter 2 मीरा के पद
NCERT Solutions for Class 11 Hindi Aroh Poem Chapter 3 पथिक
NCERT Solutions for Class 11 Hindi Aroh Poem Chapter 4 वे आँखें
NCERT Solutions for Class 11 Hindi Aroh Poem Chapter 5 घर की याद
NCERT Solutions for Class 11 Hindi Aroh Poem Chapter 6 चंपा काले काले अच्छर नही चीन्हती
NCERT Solutions for Class 11 Hindi Aroh Poem Chapter 7 साये में धूप (गज़ल)
NCERT Solutions for Class 11 Hindi Aroh Poem Chapter 8 हे भूख मत मचल, हे मेरे जूही के फूल जैसे ईश्वर
NCERT Solutions for Class 11 Hindi Aroh Poem Chapter 9 सबसे खतरनाक
NCERT Solutions for Class 11 Hindi Aroh Poem Chapter 10 आओ मिलकर बचाएँ
NCERT Solutions for Class 11 Hindi Vitan (वितान)
वितान, भाग-1
(पूरक पाठ्यपुस्तक)
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NCERT Solutions for Class 11 Hindi Vitan Chapter 1 भारतीय गायिकाओं में बेजोड़ : लता मंगेशकर
NCERT Solutions for Class 11 Hindi Vitan Chapter 2 राजस्थान की रजत बूँदें
NCERT Solutions for Class 11 Hindi Vitan Chapter 3 आलो आँधारि
CBSE Class 11 Hindi कार्यालयी हिंदी और रचनात्मक लेखन
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NCERT Solutions for Class 11 Hindi Grammar Chapter 1 जनसंचार माध्यम
NCERT Solutions for Class 11 Hindi Grammar Chapter 2 पत्रकारिता के विविध आयाम
NCERT Solutions for Class 11 Hindi Grammar Chapter 3 डायरी लिखने की कला
NCERT Solutions for Class 11 Hindi Grammar Chapter 4 कथा-पटकथा
NCERT Solutions for Class 11 Hindi Grammar Chapter 5 फीचर-लेखन और आलेख-लेखन
CBSE Class 11 Hindi Unseen Passages अपठित बोध
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NCERT Solutions for Class 11 Hindi Grammar Chapter 6 अपठित गद्यांश
NCERT Solutions for Class 11 Hindi Grammar Chapter 7 अपठित काव्यांश
CBSE Class 11 Hindi Grammar हिंदी व्याकरण
NCERT Solutions for Class 12 All Subjects | NCERT Solutions for Class 10 All Subjects |
NCERT Solutions for Class 11 All Subjects | NCERT Solutions for Class 9 All Subjects |
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