NCERT Solutions for Class 11 Hindi Aroh Poem Chapter 7 साये में धूप (गज़ल)

साये में धूप (गज़ल) Class 11 Hindi Aroh Poem NCERT Solutions
Check the below NCERT Solutions for Class 11 Hindi Aroh Poem Chapter 7 साये में धूप (गज़ल) Pdf free download. NCERT Solutions Class 11 Hindi Aroh Poem were prepared based on the latest exam pattern. We have Provided साये में धूप (गज़ल) Class 11 Hindi Aroh Poem NCERT Solutions to help students understand the concept very well.
Class 11 Hindi Aroh Poem Chapter 7 CBSE NCERT Solutions
Book: | National Council of Educational Research and Training (NCERT) |
---|---|
Board: | Central Board of Secondary Education (CBSE) |
Class: | 11th Class |
Subject: | Hindi Aroh Poem |
Chapter: | 7 |
Chapters Name: | साये में धूप (गज़ल) |
Medium: | Hindi |
साये में धूप (गज़ल) Class 11 Hindi Aroh Poem NCERT Books Solutions
You can refer to MCQ Questions for Class 11 Hindi Aroh Poem Chapter 7 साये में धूप (गज़ल) to revise the concepts in the syllabus effectively and improve your chances of securing high marks in your board exams.
साये में धूप (गज़ल) (अभ्यास प्रश्न)
प्रश्न 1. आखरी शेर में गुलमोहर की चर्चा हुई है। क्या उसका आशय एक खास तरह के फूलदार वृक्ष से है या उसमें कोई सांकेतिक अर्थ निहित है?
इस ग़ज़ल के शेयर में प्रयुक्त 'गुलमोहर' शब्द का अर्थ सांकेतिक है। गुलमोहर मनमोहक व घना वृक्ष होता है जो सभी को अपनीसुगंध एवं शीतल छाया की ओर आकर्षित करता है। दुष्यंत जी ने इसके माध्यम से ऐसे लोगों की ओर संकेत किया है जो परोपकार की भावना से दूसरों को सुख देने में तत्पर रहते हैं। इन्हीं सुखों के लिए किसी अन्य स्थान पर या किसी अन्य देश में अपना बलिदान देना पड़े तो हमेशा तैयार रहना चाहिए।
प्रश्न 2. पहले शेर में 'चिराग' शब्द एक बार बहुवचन में आया है और दूसरी बार एकवचन में। अर्थ एवं काव्य-सौंदर्य की दृष्टि से इसका क्या महत्त्व है?
गजल के शेर में प्रयुक्त 'चिरांगा' शब्द बहुवचन के रूप में है जो समस्त मानव परिवार को उद्घाटित करता है। जबकि दूसरी बार 'चिराग' शब्द का अर्थ एकवचन अर्थात एक व्यक्ति-विशेष को प्रकट कर रहा है। चिराग का अर्थ 'दीपक' होता है। दीपक प्रतीक है- ज्ञान का प्रकाश फैलाने का। इसका अर्थ केवल प्रकाश देने वाले दीए से ही नहीं अपितु भौतिक सुख सुविधाओं से भी है। चिराग शब्द की आवृत्ति के कारण यहाँ यमक अलंकार है।
प्रश्न 3. गजल के तीसरे शेर को गौर से पढ़ें। यहाँ दुष्यंत का इशारा किस तरह के लोगों की ओर है?
गजल के तीसरे शेर में दुष्यंत जी का इशारा उन लोगों की ओर है जो अभावग्रस्त जीवन जीते हुए अत्यंत कर्मठतापूर्ण तथा कर्मशील बने हुए हैं। वे विपरीत परिस्थितियों में भी नहीं घबराते और आशावादी बने रहते हैं। ऐसे लोग ही जीवन रूपी यात्रा को सफलतापूर्वक तय करते हैं।
प्रश्न 4.
आशय स्पष्ट करें:
तेरा निजाम है सिल दे जुबान शायर की,
ये एहतियात जरूरी है इस बहर के लिए।
इसमें कवि शायरों और शासक के संबंधों के बारे में बताता है। शायर सत्ता के खिलाफ लोगों को जागरूक करता है। इससे सत्ता को क्रांति का खतरा लगता है। वे स्वयं को बचाने के लिए शायरों की जबान अर्थात् कविताओं पर प्रतिबंध लगा सकते हैं। जैसे गजल के छद के लिए बंधन की सावधानी जरूरी है, उसी तरह शासकों को भी अपनी सत्ता कायम रखने के लिए विरोध को दबाना जरूरी है।
साये में धूप (गजल) (अति महत्त्वपूर्ण प्रश्न)
प्रश्न 1:
‘गजल का प्रतिपाद्य लिखिए।
उत्तर -
'गजल' नामक इस विधा में कवि राजनीतिज्ञों के झूठे वायदों पर व्यंग्य करता है कि वे हर घर में चिराग उपलब्ध कराने का वायदा करते हैं, परंतु यहाँ तो शहर में ही चिराग नहीं है। कवि को पेड़ों के साये में धूप लगती है अर्थात् आश्रयदाताओं के यहाँ भी कष्ट मिलते हैं। अतः वह हमेशा के लिए इन्हें छोड़कर जाना ठीक समझता है। वह उन लोगों के जिंदगी के सफर को आसान बताता है जो परिस्थिति के अनुसार स्वयं को बदल लेते हैं। मनुष्य को खुदा न मिले तो कोई बात नहीं, उसे अपना सपना नहीं छोड़ना चाहिए। थोड़े समय के लिए ही सही, हसीन सपना तो देखने को मिलता है। कुछ लोगों का विश्वास है कि पत्थर पिघल नहीं सकते। कवि आवाज़ के असर को देखने के लिए बेचैन है। शासक शायर की आवाज को दबाने की कोशिश करता है, क्योंकि वह उसकी सत्ता को चुनौती देता है। कवि किसी दूसरे के आश्रय में रहने के स्थान पर अपने घर में जीना चाहता है।
प्रश्न : 2
कवि के असंतोष के कारण बताइए।
उत्तर -
कवि के असंतोष के निम्नलिखित कारण हैं।
(क) जनसुविधाओं की भारी कमी।
(ख) लोगों में प्रतिरोधक क्षमता समाप्त होना।
(ग) ईश्वर के बारे में आकर्षक कल्पना करना तथा उसी के सहारे जीवन बिता देना।
प्रश्न 3:
'दरख्तों का साया और धूप का क्या प्रतीकार्थ है?
उत्तर -
दरख्तों का साया का अर्थ है-जनकल्याण की संस्थाएँ। धूप का अर्थ है-कष्ट। कवि कहना चाहता है कि भारत में संस्थाएँ लोगों को सुख देने की बजाय कष्ट देने लगी हैं। वे भ्रष्टाचार का अड्डा बन गई हैं।
प्रश्न 4:
'सिल दे जुबान शायर की पंक्ति का आशय स्पष्ट करें।
उत्तर -
कवि का आशय यह है कि कुशासन के विरोध में जब शायर विरोध करता है तो उसे कुचल दिया जाता है। उसकी रचनाओं पर प्रतिबंध लगा दिया जाता है। सत्ता अपने खिलाफ विद्रोह का स्वर नहीं सुनना चाहती।।
साये में धूप (पठित पद्यांश)
1. निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
कहाँ तो तय था चिरागाँ हरेक घर के लिए
कहाँ चिराग मयस्सर नहीं शहर के लिए।
यहाँ दरखतों के साय में धूप लगती है।
चलो यहाँ से चल और उम्र भर के लिए।
प्रश्न
1. आजादी के बाद क्या तय हुआ था?
2. आज की स्थिति के विषय में कवि क्या बताना चाहता है?
3 कवि के पलायनवादी बनने का कारण बताइए।
4. कवि ने किरा व्यवस्था पर कटाक्ष किया है? इसका जनसामान्य पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर =
1. आजादी के बाद नेताओं ने जनता को यह आश्वासन दिया था कि हर घर में सुख-सुविधाएँ उपलब्ध होंगी।
2. आज स्थिति बेहद निराशाजनक है। प्रत्येक घर की बात छोड़िए, पूरे शहर में कहीं भी जनसुविधाएँ नहीं हैं, लोगों का निर्वाह मुश्किल से होता है।
3 कवि कहता है कि प्रशासन की अनेक संस्थाएँ लोगों का कल्याण करने की बजाय उनका शोषण कर रही हैं। चारों तरफ भ्रष्टाचार फैला हुआ है। इस कारण वह इस भ्रष्ट तंत्र से दूर जाना चाहता है।
4. कवि ने नेताओं की झूठी घोषणाओं तथा भ्रष्ट शासन पर करारा व्यंग्य किया है। झूठी घोषणाओं तथा भ्रष्टाचार के कारण आम व्यक्ति में घोर निराशा फैली हुई है।
2. निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
न हो कमीज़ तो पाँवों से पेट ढक लगे,
ये लोग कितने मुनासिब हैं इस सफ़र के लिए।
खुदा नहीं न सही, आदमी का ख्वाब सही
कोई हसीन नजारा तो हैं नजर के लिए।
प्रश्न
1, पाँवों से पेट ढंकने का अर्थ स्पष्ट करें।
2. पहले शेर के अनुसार सरकार जिनसे खुश रहती है और क्यों?
3. खुदा के बारे में कवि क्या व्यंग्य करता है। इसका आम आदमी के जीवन पर क्या असर होता है?
4. भारतीयों का भगवान के साथ कैसा संबंध होता है।
उत्तर =
1. इसका अर्थ यह है कि गरीबी व शोषण के कारण लोगों में विरोध करने की क्षमता समाप्त हो चुकी है। वे न्यूनतम वस्तुएँ उपलब्ध न होने पर भी अपना गुजारा कर लेते हैं।
2. सरकार ऐसे लोगों से खुश रहती है जो उसके कार्यों का विरोध न करें। ऐसे लोगों के कारण ही सरकार निरंकुश हो मनमाने फैसले लेती है जिसमें उसकी भलाई तथा जनता का शोषण निहित रहता है।
3, वादा के बारे में कवि व्यंग्य करता है कि खुदा का अस्तित्व नहीं है। यह मात्र कल्पना है, आम आदमी ईश्वर के बारे में लुभावनी कल्पना करता है. इसी कल्पना के सहारे उसका जीवन कट जाता है।
4. भारतीय लोग ईश्वर के अस्तित्व में पूरा विश्वास नहीं रखते परंतु इसके बहाने उन्हें सुंदर दृश्य देखने को मिलते हैं। इनकी कल्पना करके वे अपना जीवन जीते हैं।
3. निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
वे मुतमइन है कि पत्थर पिघल नहीं सकता
मैं बक़रार हूँ आवाज में असर के लिए।
तेरा निजाम है सिल दे जुबान शयर की
ये एहतियात जरूरी हैं इस बहर के लिए।
तिएँ तो अपने बगीचे में गुलमोहर के तले
मरें तो गैर की गलियों में गुलमोहर के लिए।
प्रश्न
1. वे कौन हैं तथा उनकी सोच क्या है?
2. कवि किसके लिए बेकरार है।
3. शासक किस कोशिश में रहता है?
4. शायर की हसरत क्या है।
उत्तर =
1. वे जाम व्यक्ति हैं। उनकी सोच हैं कि भ्रष्ट शासकों के कारण समस्याएँ कभी नहीं समाप्त होगी।
2, कवि का मानना है कि आवाज में प्रभाव हो तो पत्थर भी पिघल जाते हैं। यह क्रांति का समर्थक है।
3. शासक इस कोशिश में रहते हैं कि उनके खिलाफ विद्रोह की आवाज को दबा दिया जाए।
4, शायर की हरारत है कि वह बगीचे में सदैव गुलमोहर के नीचे रहे तथा मरते समय गुलमोहर के लिए दूसरों की गलियों में गरे अर्थात् वह मानवीय मूल्यों को अपनाए रखें तथा उनकी रक्षा के लिए अपना बलिदान दे दे।
गज़ल
काव्य सौंदर्य बोध संबंधी प्रश्न
पूरी कविता से काव्य-सौंदर्य/शिल्प-सौंदर्य के कुछ कॉमन पॉइंट्स:
● यहाँ कवि ने वर्तमान स्थिति पर करारा व्यंग्य किया है।
● कवि ने उर्दू मिश्रित खड़ी बोली का सफल प्रयोग किया है।
● शांत रस का परिपाक हुआ है।
● संगीतात्मकथा का गुण विद्यमान है।
● सहज, सरल, स्वाभाविक कथन के माध्यम से प्रभावपूर्ण अभिव्यक्ति हुई है।
● प्रतीकात्मक तथा लाक्षणिक पदावली का सफल प्रयोग है।
1
कहाँ तो तय था चिरागाँ हरेक घर के लिए
कहाँ चिराग मयस्सर नहीं शहर के लिए।
यहाँ दरखतों के साये में धूप लगती है।
चलो यहाँ से चल और उम्र भर के लिए।
प्रश्न
क) भाव-सौंदर्य स्पष्ट करें।
ख) शिल्प-सौंदर्य पर प्रकाश डालें।
उत्तर -
क) कवि ने राजनेताओं की झूठी घोषणाओं व सरकारी संस्थाओं के भ्रष्ट तंत्र पर व्यंग्य किया है। वह आजादी के बाद के भारत में आम व्यक्ति की निराशा को व्यक्त करता है।
ख) प्रतीकों का सुंदर प्रयोग है। चिराग' व 'दरख्त' क्रमशः आशा व सुव्यवस्था के प्रतीक हैं।
० चिराग', मयस्सर, दरख्त, साये, उम्र, आदि उर्दू शब्दावली युक्त खड़ी बोली है।
० भाषा में प्रवाह है।
० साये में धूप' विरोधाभास अलंकार है।
० शांत रस है।
० संगीतात्मकता विद्यमान हैं।
2
न हो कमीज़ तो पाँवों से पेट ढक लगे,
ये लोग कितने मुनासिब हैं इस सफ़र के लिए।
प्रश्न
क) गजल क्या है?
ख) शिल्प सौदर्य पर प्रकाश डालिए।
उत्तर -
क) गजल वह विधा है जिसमें सभी शेर अपना स्वतंत्र अस्तित्व रखते हैं। इसका शीर्षक नहीं होता। हर शेर अपने आप में पूर्ण होता है।
ख) शोषित वर्ग की पीड़ा को व्यक्त किया है। पाँवों से पेट ढंकना' की कल्पना अनूठी व नयी है।
० मुनासिब', 'सफ़र आदि उर्दू शब्दों का प्रयोग है।
० खड़ी बोली में सजीव अभिव्यक्ति है।
० 'सफ़र जीवन यात्रा का प्रतीक है।
० संगीतात्मकता है।
Hindi Vyakaran
Hindi Grammar Syllabus Class 11 CBSE
Here is the list of chapters for Class 11 Hindi Core NCERT Textbook.
NCERT Solutions for Class 11 Hindi Aroh (आरोह)
पाठ्यपुस्तक एवं पूरक पाठ्यपुस्तक
आरोह, भाग-1
(पाठ्यपुस्तक)
(अ) गद्य भाग
-
NCERT Solutions for Class 11 Hindi Aroh Chapter 1 नमक का दारोगा
NCERT Solutions for Class 11 Hindi Aroh Chapter 2 मियाँ नसीरुद्दीन
NCERT Solutions for Class 11 Hindi Aroh Chapter 3 अपू के साथ ढाई साल
NCERT Solutions for Class 11 Hindi Aroh Chapter 4 विदाई संभाषण
NCERT Solutions for Class 11 Hindi Aroh Chapter 5 गलता लोहा
NCERT Solutions for Class 11 Hindi Aroh Chapter 6 स्पीति में बारिश
NCERT Solutions for Class 11 Hindi Aroh Chapter 7 रजनी
NCERT Solutions for Class 11 Hindi Aroh Chapter 8 जामुन का पेड़
NCERT Solutions for Class 11 Hindi Aroh Chapter 9 भारत माता
NCERT Solutions for Class 11 Hindi Aroh Chapter 10 आत्मा का ताप
(ब) काव्य भाग
-
NCERT Solutions for Class 11 Hindi Aroh Poem Chapter 1 कबीर के पद
NCERT Solutions for Class 11 Hindi Aroh Poem Chapter 2 मीरा के पद
NCERT Solutions for Class 11 Hindi Aroh Poem Chapter 3 पथिक
NCERT Solutions for Class 11 Hindi Aroh Poem Chapter 4 वे आँखें
NCERT Solutions for Class 11 Hindi Aroh Poem Chapter 5 घर की याद
NCERT Solutions for Class 11 Hindi Aroh Poem Chapter 6 चंपा काले काले अच्छर नही चीन्हती
NCERT Solutions for Class 11 Hindi Aroh Poem Chapter 7 साये में धूप (गज़ल)
NCERT Solutions for Class 11 Hindi Aroh Poem Chapter 8 हे भूख मत मचल, हे मेरे जूही के फूल जैसे ईश्वर
NCERT Solutions for Class 11 Hindi Aroh Poem Chapter 9 सबसे खतरनाक
NCERT Solutions for Class 11 Hindi Aroh Poem Chapter 10 आओ मिलकर बचाएँ
NCERT Solutions for Class 11 Hindi Vitan (वितान)
वितान, भाग-1
(पूरक पाठ्यपुस्तक)
-
NCERT Solutions for Class 11 Hindi Vitan Chapter 1 भारतीय गायिकाओं में बेजोड़ : लता मंगेशकर
NCERT Solutions for Class 11 Hindi Vitan Chapter 2 राजस्थान की रजत बूँदें
NCERT Solutions for Class 11 Hindi Vitan Chapter 3 आलो आँधारि
CBSE Class 11 Hindi कार्यालयी हिंदी और रचनात्मक लेखन
-
NCERT Solutions for Class 11 Hindi Grammar Chapter 1 जनसंचार माध्यम
NCERT Solutions for Class 11 Hindi Grammar Chapter 2 पत्रकारिता के विविध आयाम
NCERT Solutions for Class 11 Hindi Grammar Chapter 3 डायरी लिखने की कला
NCERT Solutions for Class 11 Hindi Grammar Chapter 4 कथा-पटकथा
NCERT Solutions for Class 11 Hindi Grammar Chapter 5 फीचर-लेखन और आलेख-लेखन
CBSE Class 11 Hindi Unseen Passages अपठित बोध
-
NCERT Solutions for Class 11 Hindi Grammar Chapter 6 अपठित गद्यांश
NCERT Solutions for Class 11 Hindi Grammar Chapter 7 अपठित काव्यांश
CBSE Class 11 Hindi Grammar हिंदी व्याकरण
NCERT Solutions for Class 12 All Subjects | NCERT Solutions for Class 10 All Subjects |
NCERT Solutions for Class 11 All Subjects | NCERT Solutions for Class 9 All Subjects |
Post a Comment
इस पेज / वेबसाइट की त्रुटियों / गलतियों को यहाँ दर्ज कीजिये
(Errors/mistakes on this page/website enter here)