NCERT Solutions for Class 11 Hindi Aroh Poem Chapter 6 चंपा काले काले अच्छर नही चीन्हती

NCERT Solutions for Class 11 Hindi Aroh Poem Chapter 6 चंपा काले काले अच्छर नही चीन्हती 

NCERT Solutions for Class11 Hindi Aroh Poem Chapter 6 चंपा काले काले अच्छर नही चीन्हती

चंपा काले काले अच्छर नही चीन्हती Class 11 Hindi Aroh Poem NCERT Solutions

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Class 11 Hindi Aroh Poem Chapter 6 CBSE NCERT Solutions

NCERT Solutions Class11 Hindi Aroh Poem
Book: National Council of Educational Research and Training (NCERT)
Board: Central Board of Secondary Education (CBSE)
Class: 11th Class
Subject: Hindi Aroh Poem
Chapter: 6
Chapters Name: चंपा काले काले अच्छर नही चीन्हती
Medium: Hindi

चंपा काले काले अच्छर नही चीन्हती Class 11 Hindi Aroh Poem NCERT Books Solutions

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चंपा काले काले अच्छर नहीं चीन्हती (अभ्यास प्रश्न)


प्रश्न 1. चंपा ने ऐसा क्यों कहा कि कलकत्ता पर बजर गिरे?
चंपा का परिवार गाँव में गौपालन के व्यवसाय में स्थापित है। वह गाँव के प्राकृतिक वातावरण में सहज जीवन जी रही है। कवि उसे समझाता हुआ कहता है कि पढ़ लेना अच्छा है क्योंकि शादी के बाद जब उसका पति कलकत्ता चला जाएगा तो वह पत्र और संदेश शिक्षित होकर ही पढ़ सकती है। इस पर चंपा कहती है कि वह अपने पति को हमेशा साथ रखेगी और उसे उससे अलग करवाने वाले पर कोई विपत्ति आ जाए ताकि वह कभी कलकत्ता न जा सके।
प्रश्न 2. चंपा को इस पर क्यों विश्वास नहीं होता कि गांधी बाबा ने पढ़ने लिखने की बात कही होगी?
कवि ने जब चंपा को बताया कि गांधी बाबा ने सब लोगों को पढ़ने लिखने के लिए कहा है तो चंपा को कवि की बात पर विश्वास नहीं होता। चंपा को विश्वास है कि पढ़ना लिखना अच्छी बात नहीं होती और वह गांधी बाबा को एक अच्छा आदमी मानती है। इसलिए उसे इस बात पर यकीन नहीं होता तो वह कहती है कि जब गांधी जी अच्छे व्यक्ति थे तो वह पढ़ने लिखने की बात कैसे कर सकते हैं।
प्रश्न 3. कवि ने चंपा की किन विशेषताओं का उल्लेख किया है?
कवि ने चंपा के अनेक विशेषताओं का उल्लेख करते हुए कहा है कि वह जिज्ञासु प्रवृत्ति एवं शांत स्वभाव की है। वह अपने पिता के व्यवसाय में सहयोग करती हुई पशु चराने के लिए जाती है। वह सरल हृदय की है। छल-कपट, संघर्ष एवं कष्टपूर्ण जीवन जीने से दूर रहना चाहती है।
प्रश्न 4. आपके विचार से चंपा ने ऐसा क्यों कहा होगा कि मैं तो नहीं पढूँगी?
व्यक्ति पढ़ लिखकर अहंकारी बन जाता है। वह शहरी चकाचौंध में संघर्षपूर्ण जीवन जीने को तत्पर हो जाता है। शहर की ओर पलायन करने से परिवार टूटता-बिखरता है। इसीलिए चंपा नहीं चाहती कि वह यह सब दुख और संघर्ष झेले। यदि वह पढ़ी-लिखी होगी तो संभवत: उसका पति भी पढ़ा लिखा आएगा। वह अपने पति को खोना नहीं चाहती। यह सब सोचकर चंपा ने पढ़ने-लिखने से मना किया है।

चंपा काले काले अच्छर नही चीन्हती (अति महत्त्वपूर्ण प्रश्न)


प्रश्न 1:
इस कविता का प्रतिपादय बताइए।
उत्तर -
'चपा काले-काले अच्छर नहीं चीन्हती' कविता धरती संग्रह में संकलित है। यह पलायन के लोक अनुभवों को मार्मिकता से अभिव्यक्त करती है। इसमें 'अक्षरों के लिए 'काले काले विशेषण का प्रयोग किया गया है जो एक ओर शिक्षा-व्यवस्था के अंतर्विरोधों को उजागर करता है तो दूसरी ओर उस दारुण यथार्थ से भी हमारा परिचय कराता है जहाँ आर्थिक मजबूरियों के चलते घर टूटते हैं। काव्य नायिका चंपा अनजाने ही उस शोषक व्यवस्था के प्रतिपक्ष में खड़ी हो जाती है जहाँ भविष्य को लेकर उसके मन में अनजान खतरा है। वह कहती है 'कलकत्ते पर बजर गिरे।' कलकत्ते पर वज़ गिरने की कामना, जीवन के खुरदरे यथार्थ के प्रति चंपा के संघर्ष और जीवन को प्रकट करती है।
प्रश्न 2:
चपा को क्या अचरज होता है तथा क्यों?
उत्तर -
चंपा निरक्षर है। जब कवि अक्षरों को पढ़ना शुरू करता है तो चंपा को हैरानी होती है कि इन अक्षरों से स्वर कैसे निकलते हैं, वह अक्षर व ध्वनि के संबंध को समझ नहीं पाती। उसे नहीं पता कि लिखे हुए अक्षर ध्वनि को व्यक्त करने का ही एक रूप है। निरक्षर होने के कारण वह यह बात समझ नहीं पाती।
प्रश्न : 3
कविता की नायिका चंपा किसका प्रतिनिधित्व करती है।
उत्तर -
कविता की नायिका चंपा देश की निरक्षर व ग्रामीण स्त्रियों का प्रतिनिधित्व करती है। ये अबोध बालिकाएँ प्रायः उपेक्षा का शिकार होती हैं। दे पढ़ाई-लिखाई को निरर्थक समझकर पढ़ने के अवसर को त्याग देती हैं।
प्रश्न 4:
विवाह और पति के बारे में चपा की क्या धारणा है?
उत्तर -
विवाह की बात सुनते ही चंपा लजाकर शादी करने से मना करती है, परंतु जब पति की बात आती है तो वह सदैव उसे अपने साथ रखने की बात कहती है। वह पति को अलग करने वाले कलकत्ता के विनाश की कामना तक करती है।
प्रश्न 5: लेखक चंपा को पढ़ने के लिए किस प्रकार प्रेरित करता है?
उत्तर =
लेखक चंपा से कहता है कि पढ़ाई कठिन समय में काम आती है। गाँधी बाबा की भी इच्छा थी कि सभी लोग पढ़े लिखें। साथ ही कवि चंपा को समझाता है कि एक न एक दिन तुम्हारी शादी होगी और तुम्हारा पति रोजगार की तलाश में कलकत्ता (कोलकाता) जाएगा। उस समय अपना संदेश पत्र के माध्यम से उस तक पहुँचा सकोगी और पति के पत्र पढ़ सकेगी।
प्रश्न 6:
चंपा ने कवि को झूठा क्यों कहा?
उत्तर =
जब कवि ने उसके विवाह तथा पति के कलकत्ता जाने की बात कही तो वह भड़क उठी। उसने कहा कि तुम पढ़-लिखकर भी बहुत झूठे हो। पहले तो वह विवाह नहीं करेगी। दूसरे, यदि शादी हो भी गई तो वह अपने पति को साथ रखेगी। केवल पढ़ने के लिए इतनी बड़ी कहानी की जरूरत नहीं है। अतः उसने कवि को झूठा कहा।
प्रश्न 7:
गाँधी जी का प्रसंग किस संदर्भ में आया तथा क्यों?
उत्तर -
गाँधी जी का प्रसंग साक्षरता के सिलसिले में आया है। गाँधी जी की इच्छा थी कि सभी लोग पढ़ना-लिखना सीखें। गाँवों में गाँधी जी का अच्छा प्रभाव है। कवि इसी प्रभाव के जरिए चंपा को पढ़ने के लिए तैयार करना चहाता था। इस कारण गाँधी जी का प्रसंग आया।

चंपा काले काले अच्छर नही चीन्हती (पठित पद्यांश)


1. निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
चंपा काले-काले अच्छर नहीं चीन्हती
में जज पढ़ने लगता हैं वह आ जाती है।
खड़ी खड़ी चुपचाप सुना करती है।
उसे बड़ा अचरज होता हैं।
इन काले चीन्ही से कैसे ये सब स्वर
निकला करते हैं।
प्रश्न
1. चंपा कौन है? उसे किस चीज़ का ज्ञान नहीं है।
2. चंपा चुपचाप क्या करती है?
३. चंपा को हैरानी का कारण बताइए।
4 आप चांपा को किसका,किनका प्रतीक मान सकते हैं। यहाँ कवि ने किस सामाजिक समस्या की ओर हमारा ध्यान आकर्षित किया है?
उत्तर =
1. चंपा गाँव की अनपट्ट बालिका है। उसे अक्षर ज्ञान नहीं है।
2. जब कवि पढ़ने लगता है तब वह वहाँ आ कर चुपचाप खडी खडी सुनती रहती है।
3. चंपा कवि द्वारा बोले गए अक्षरों को सुनती है। उसे आश्चर्य होता है इन काले अक्षरों से कवि ध्वनियों कैसे बोल लेता है। वह ध्वनियों व अक्षरों के संबंध को नहीं समझ पाती।
4, चंपा गाँव की इन निरक्षर लड़कियों की प्रतीक है जिन्हें पढ़ने-लिखने का अवसर नहीं मिल पाता है। चंपा के माध्यम से कवि ने समाज में फैली निरक्षरता की ओर ध्यान आकृष्ट किया है।
2. निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
चंपा सुदर की लड़की है।
सुंदर ग्वाला है गाएँ भैंसे रखता है।
चंपा चौपायों को लेकर
घरवाही करने जाती है।
चंपा अच्छी हैं।
चंचल हैं।
नटखट है।
कभी कभी धम करती हैं।
कभी-कभी वह कलम चुरा देती है।
जैसे तैसे उसे ढूंढ कर जब लाता हैं
पाता है-अब कागज गायब
परेशान फिर हो जाता हैं।
प्रश्न
1. चंपा के पिता के विषय में बताइए।
2. चंपा क्या करने जाती है।
3. चंपा का व्यवहार कैसा है?
4. कवि की परेशानी का क्या कारण है।
उत्तर =
1, चंपा के पिता का नाम सुंदर है। वह ग्वाला है तथा गाएँ-भैंसे रखता है।
2. चंपा प्रतिदिन पशुओं को चराने के लिए लेकर जाती है।
3. चंपा का व्यवहार अच्छा है। वह चंचल है तथा नटखट भी है। कभी कभी वह बहुत शरारते करती है।
4, चंपा कवि की कलम चुरा लेती है। किसी तरीके से कवि उसे ढूंढकर लाता है तो उसके कागज गायब मिलते हैं। चंपा की इन हरकतों से कवि परेशान होता है।
3. निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
चंपा कती है।
तुम कागद ही गोदा करते ही दिन भर
क्या यह काम बहुत अच्छा है।
यह सुनकर मैं हँस देता हूँ।
फिर थंपा चुप हो जाती है।
चंपा ने यह कहा कि
मैं तो नहीं पहुँगी
तुम तो कहते थे गाँधी बाबा अच्छे हैं।
उस दिन चंपा आई मैने कहा कि
चंपा तुम भी पढ़ लो
हारे गाद्ध काम सरेगा
गाँध बाबा की इच्छा है।
सब जन पढ़ना-लिखना सीखें
पड़ने लिखने की कैसे बात करेंगे
मैं तो नहीं पड़ेंगी।
प्रश्न
1. चंपा कवि से क्या प्रश्न करती है?
2. कवि ने चंपा को क्या सीख दी तथा क्यों?
३. कवि ने गधों का नाम क्यों लिया?
4. चंपा कवि से गाँधी जी के बारे में क्या तर्क देती है?
उत्तर
1, चंपा कवि से प्रश्न करती है कि वह दिनभर कागज को काला करते हैं। क्या उन्हें यह कार्य बहुत अछा लगता है।
2, कवि चंपा को पढ़ने-लिखने की सीख देता है ताकि कष्ट के समय उसे कोई परेशानी न हो।
3. कवि का मानना है कि ग्रामीण भी गाँधी जी का बहुत सम्मान करते हैं तथा उनकी बात मानते हैं। उन्हें लगा कि शिक्षा के बारे में गांधी जी की इच्छा जानने के बाद चंपा पढ़ना सीखेगी।
4. चंपा कवि से कहती है कि अगर गाँधी जी अच्छे हैं तो वे कभी पड़ने-लिखने के लिए नहीं कहेंगे।
4. निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
मैंने कहा कि चंपा, पढ़ लेना अच्छा है।
ब्याह तुम्हारा होगा तुम गौने जाओगी.
कुछ दिन बालम सग साथ रह चंपा जाएगा जब कलकत्ता
बड़ी दूर है। वह कलकत्ता
केस उसे संदेसा दोगी
कैसे उसके पत्र पड़ोगी।
चंपा पढ़ लेना अच्छा है।
प्रश्न
1, कवि ने चंपा को पढ़ने के लिए प्रेरित करते हुए क्या तर्क दिया?
2. कलकत्ता जाने की बात से कथा पता चलता है?
३, बड़ी दूर है वह कलकत्ता, फिर भी लोग कलकत्ता क्यों जाते हैं।
4. कवि ने नारी मनोविज्ञान का सहारा लिया है-स्पष्ट करें।
उत्तर =
1. कवि ने चंपा को पढ़ने के लिए प्रेरित करते हुए तर्क दिया है कि शादी के बाद जब तुम्हारा पति कलकत्ता काम के लिए जाएगा तो तुम उसके पास कैसे अपना संदेश भेजोगी तथा कैसे उसके पत्र पढ़ोगी? इसलिए तुम्हें पढ़ना चाहिए।
2. कलकत्ता जाने की बात से पता चलता है कि महानगरों की तरफ ग्रामीणों की पलावनवादी प्रवृत्ति है। इससे परिवार बिखर जाते हैं।
3, कलकत्ता बहुत दूर तो है, किंतु महानगर है जहाँ रोजगार के अनेक साधन उपलब्ध हैं। वहाँ रोजी-रोटी के साधन सुलभ हैं। रोजगार पाने की आशा में ही लोग कलकत्ता जाते होंगे।
4. कवि ने जारी गनोविज्ञान का सहारा लिया है, धयोंकि नारी को धिक खुशी अपने पति के नाम व उसके संदेश से मिलती है।
5. निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
चंपा बोली तुम कितने झूठे हो देखा
हाय राम तुम पढ़-लिख कर इतने झूठे हो
में तो ब्याह कभी न करूं
और कहीं जो ब्याह हो गया
तो मैं अपने बालम को सँग साथ दूंगी
लकत्ता मैं कभी न जाने देंगी।
कलकत्ते पर बजर गिरे।
प्रश्न
1. चंपा कवि पर क्या आरोप लगाती है तथा क्यों?
2. चंपा की अपने पति के बारे में क्या कल्पना है?
3. चंपा कलकत्ते के बारे में क्या कहती है?
4. शिक्षा के प्रति चंपा की क्या सोच है? उसकी यह सोच कितनी उपयुक्त है?
उत्तर -
1. चंपा कवि पर झूठ बोलने का आरोप लगाती है कि कवि पढ़ाई के चक्कर में उसकी शादी व फिर पति के कलकत्ता जाने की झूठी बात कहता है।
2. चंपा अपने पति के बारे में कल्पना करती है कि वह उसे अपने साथ रखेगी तथा कलकत्ता नहीं जाने देगी अर्थात् उसका शोषण नहीं होने देगी।
3. चंपा कलकत्ते के बारे में कहती है कि उस पर वज्रपात हो जाए ताकि वह नष्ट हो जाए। इससे आसपास के लोग वहाँ जा नहीं सकेंगे।
4. शिक्षा के प्रति चंपा की सोच यह है कि इससे परिवार में बिखराव होता है, लोगों का शोषण होता है। उसकी यह सोच बिल्कुल गलत है, क्योंकि शिक्षा ज्ञान एवं विकास के नए द्वार खोलती है।

चंपा काले काले अच्छर नहीं चीन्हती


काव्य सौंदर्य बोध संबंधी प्रश्न
पूरी कविता से काव्य-सौंदर्य/शिल्प-सौंदर्य के कुछ कॉमन पॉइंट्स:
● मुक्तक छंद का सफल प्रयोग देखा जा सकता है।
● यहाँ कवि ने सामान्य बोलचाल भाषा का प्रयोग किया है।
गाँव की छवि अंकित की गई है।
● कवि ने नाटकीय शब्दावली का प्रयोग करते हुए भावपूर्ण अभिव्यक्ति को मुखरित किया है।
● ग्रामीण परिवेश में पली चंपा की यथार्थ छवि को उतारने में कवि सक्षम हुआ है।
● प्रसाद गुण तथा शांत रस का प्रयोग हुआ है।
1
चंपा काल-काल अच्छर नहीं चन्हती
में जब पढ़ने लगता हूँ वह आ जाती है।
खड़ी खड़ी चुपचाप सुना करती है।
उसे बड़ा अचरज होता हैं।
इन काले चीन्हीं से कैसे ये सब स्वर
निकला करते हैं।
प्रश्न
क) इस काव्यांश का भाव सौंदर्य स्पष्ट करें।
ख) इस काव्यांश का शिल्प-सौंदर्य स्पष्ट करें।
उत्तर =
क) कवि ने निरक्षर चंपा की हैरानी को स्वाभाविक तरीके से बताया है। वह कहता है कि अक्षरों व उनसे निकलने वाली ध्वनियों से चंपा आश्चर्यचकित होती है।
ख) ग्राम्य शब्द अच्छर, चीन्हती, चीन्हों, अचरज से ग्रामीण वातावरण का बिंब साकार हो उठता है।
० काले काले', खड़ी खड़ी' में पुनरुक्तिप्रकाश अंलकार है।
० सब स्वर में अनुप्रास अलंकार है।
० प्रसाद गुण है।
० मुक्त छद है।
० उर्दू देशज शब्दावली युक्त खड़ी बोली है।
० भाषा में सहजता व सरलता है।
2
उस दिन चंपा आई मैंने कहा कि
चंपा, तुम भी पढ़ लो
हारे गाढ़ काम सरेगा
गाँधी बाबा की इच्छा है
सब जन पढ़ना-लिखना सीखें
चंपा ने यह कहा कि
मैं तो नहीं पढूंगी
तुम तो कहते थे गाँधी बाबा अच्छे हैं।
ये पढ़ने लिखने की कैसे बात कहेंगे
मैं तो नहीं पड़ेंगी
प्रश्न
क) इस काव्यांश का भाव सौंदर्य स्पष्ट करें।
ख) इस काव्यांश का शिल्प-सौंदर्य स्पष्ट करें।
उत्तर =
क) इस काव्यांश में कवि चंपा को पढ़ने की सलाह देता है। वह गाँधी जी की भी यही इच्छा बताता है, परंतु चंपा स्पष्ट रूप से पढ़ने से इनकार कर देती है। उसे शिक्षित युवकों का परदेश में नौकरी करना तनिक भी पसंद नहीं है।
ख) संवादों के कारण कविता सजीव बन गई है।
० देशज शब्दों के प्रयोग से ग्रामीण जीवन साकार हो उठता है, जैसे हारे गाढे सरेगा आदि।
० गाँधी बाबा की इच्छा का अच्छा चित्रण है।
० खड़ी बोली में सहज अभिव्यक्ति है।
० मुक्त छंद होते हुए भी गतिशीलता है।
० शांत रस हैं।
० प्रसाद गुण है।
3
चंपा बोली तुम कितने झूठे हो, देखा,
हाय राम, तुम पढ़ लिख कर इतने झूठे हो
में तो ब्याह कभी न करूंगी
और कहीं जो ब्याह हो गया
तो मैं अपने बालम को सँग साथ रखेंगी
कलकत्ता मैं कभी न जाने देंगी।
कलकत्ते पर बजर गिरे।
प्रश्न
क) काव्यांश की भाषा पर टिप्पणी कीजिए।
2 काव्यांश का शिल्प-सौंदर्य स्पष्ट करें।
उत्तर -
क) त्रिलोचन ने ग्रामीण ठाठ को सहजता से प्रकट किया है। ब्याह, बालम, संग, बजर आदि शब्दों से अः चिलिकता का पुट मिलता है। खड़ी बोली में सहज अभिव्यक्ति है।
ख) संवाद शैली का प्रयोग है।
० मुक्त छंद होते हुए भी काव्य में प्रवाह है।
० कलकत्ते पर बजर गिरे कटु यथार्थ का परिचायक है।
० हाय राम कहने में नाटकीयता आई है।
० संग साथ' में अनुप्रास अलंकार है।

Hindi Vyakaran


Hindi Grammar Syllabus Class 11 CBSE

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आरोह, भाग-1
(पाठ्यपुस्तक)

(अ) गद्य भाग

(ब) काव्य भाग

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वितान, भाग-1
(पूरक पाठ्यपुस्तक)

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