NCERT Solutions | Class 8 English It So Happened Chapter 4 | The Treasure Within

CBSE Solutions | English Class 8
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NCERT | Class 8 English It So Happened
Book: | National Council of Educational Research and Training (NCERT) |
---|---|
Board: | Central Board of Secondary Education (CBSE) |
Class: | 8th |
Subject: | English It So Happened |
Chapter: | 4 |
Chapters Name: | The Treasure Within |
Medium: | English |
The Treasure Within | Class 8 English | NCERT Books Solutions
The Treasure Within NCERT Text Book Questions and Answers
The Treasure Within Comprehension check (Page 28)
(ii) Would you have liked to participate in the “distraction” had you been with him?
(ii) I would have certainly liked to participate in the ‘distraction’, that is, the game of chor-police had I been with Hafeez Contractor.
The Treasure Within Comprehension check (Page-32)
(ii) What made her advise him so?
(ii) Being his teacher, Mrs. Gupta knew that Hafeez Contractor was useless in everything else. But his sketches were mule good. That is why she advised him so, that is, to become an architect when he will grow up.
- He would copy in tests.
- He would try to get hold of the examination papers before exams and study
- He would bring cinema tickets for fellow students and dine at their cost.
- He took pleasure in funny pranks and distractions like playing ‘Chor Sipahi’
- He planned strategies as a gang leader.
(i) Hafeez contractor defines mathematics as putting designs, constructions, psychology and sociology together and making a sketch from all that.
(ii) How would you want to define mathematics ? Do you like the subject ?
The Treasure Within Exercise Questions and Answers
Answer the following questions:
As a result of it, exceptionally brilliant students who have interests in specialised kind of knowledge, aave suffer. They have original ideas, but they hardly get any chance to use these. Such students are sometimes considered failures. But those who are dullards at school sometimes turn toppers during their later life. And sometimes the toppers don’t do very well after they finish their education.
The Treasure Within Introduction
Through this interview of Hafeez Contractor we came to know about his drawbacks as well as achievements. He was an unhappy school boy, who did not like mechanical learning and mathematics. He got into architecture by chance because he knew a little French and German. He did his graduate diploma in architecture from Mumbai in 1975 and his graduation from Columbia University, New York, on a Tata Scholarship. He is considered to be one of the topmost architects of India.
The Treasure Within Word Notes
The Treasure Within Complete Hindi Translation
Every child …………. architects. (Page 25)
Part-I
Hafeez Contractor…….. ……. deeply. (Page 25)
- हफीज़ कांट्रेक्टर स्कूल में पढ़ने वाला एक परेशान लड़का था।
- वह चीजों को करने में रुचि रखता था परन्तु यांत्रिकी शिक्षा से घृणा करता था। गणित से तो उसे कंपकंपी सी आ जाती थी।
- जो बात एक बार उसके प्रधानाचार्य ने कही, उसने उसके ऊपर गहन प्रभाव डाला।
1. HC : I used to … ………………. nightmares.(Page 25)
HC : मुझे प्रायः यह भयंकर दुःस्वप्न आया करता था। केवल अब चार-पाँच वर्षों से, यह विलुप्त हो गया प्रतीत होता है।
BR : आप कौन से दुःस्वप्न की बात कर रहे हैं और आप ऐसा क्यों सोचते हैं कि वह अब विलुप्त (गायब) हो गया है।
HC : गणित की परीक्षा में बैठने के बारे में मुझे निरंतर दुःस्वप्न आया करते थे, जिसके विषय में मुझे कुछ भी नहीं आता था। अब मेरी मानसिकता ने सम्भवतः उसके ऊपर काबू पा लिया होगा। मुझे शिक्षा के बारे में सोचना नहीं पड़ता है और दुःस्वप्नों के लिए लेशमात्र भी समय नहीं मिलता है।
2. BR : Tell us ….. …………… in class. (Page 26)
BR : अपनी प्रारम्भिक स्कूल की यादों के विषय में हमें कुछ बताएँ।
HC : पहले और दूसरे वर्षों में, मैं एक अच्छा विद्यार्थी था। तीसरी श्रेणी में पहुँचने के पश्चात, सामान्यतः मेरी रुचि समाप्त हो गई और मैंने कभी पढ़ाई नहीं की। मैं खेलों, इधर-उधर दौड़ने, मजाक करने और दूसरों के साथ अठखेलियाँ करने में रुचि रखता रहा था। परीक्षा के समय मैं कक्षा में नकल करता रहा। मैं उस प्रश्नपत्र को हथियाने की कोशिश करता था जो परीक्षा के लिए तैयार किया गया था और उसे पढ़ लेता था क्योंकि मैं उन चीजों को याद नहीं रख पाता
था जो मुझे कक्षा में पढ़ाई जाती थीं।
3. HC : However, …. ……………… yourself”. (Page 26)
फिर भी, बाद में, मेरे प्रधानाचार्य द्वारा मुझे कहे गए एक वाक्य ने मेरे जीवन को बदल दिया। जब मैं ग्यारहवीं कक्षा में पहुंचा तो प्रधानाचार्य ने मुझे बुलाया और कहा, “देखो, बेटे, मैं पहले दिन से तुम्हें देख रहा हूँ। तुम एक अच्छे विद्यार्थी हो, परन्तु तुम कभी पढ़े नहीं। आज तक मैंने तुम्हारा ध्यान रखा है। अब मैं और अधि क ध्यान नहीं रख सकता हूँ, इसलिए तुम्हें अपना ध्यान स्वयं रखना है।”
4. He talked to …. ………. and study. (Page 26)
उन्होंने पाँच मिनट तक मुझसे बात की। “तुम्हारे पिता नहीं हैं, तुम्हें पालने में तुम्हारी माता जी ने जो इतना कठोर परिश्रम किया है और इतने वर्षों तक तुम्हारा पूर्ण शुल्क (फीस) दिया है परन्तु तुम खेलते रहे हो। अब तुम्हें अवसर का लाभ उठाना चाहिए और अध्ययन करना चाहिए।”
5. I used to be………… ………………. not do that. (Page 26)
मैं बहुत बढ़िया खिलाड़ी हुआ करता था। मैं अनेक वर्षों तक वरिष्ठ विजेता (सीनियर चैम्पियन) रहा था और मैं क्रिकेट का कप्तान भी था। मैं प्रत्येक खेल खेला करता था, परन्तु उस वर्ष मैं मैदान में गया ही नहीं। मैं पूजा के लिए जाया करता था और सब जो मैं करता था वह खाना और पढ़ाई करना। मैंने पाँचवी कक्षा से पुस्तकें पढ़नी प्रारंभ की। मैं आमतौर पर नकल करके परीक्षाएँ पास कर लिया करता था। परन्तु मैंने महसूस किया कि एस.एस.सी. में पहुँचने के पश्चात् मैं वैसा नहीं कर पाऊँगा।
6. When I got….. …………… it works. (Pages 26-27)
जब मैं एस. एस. सी. में 50 प्रतिशत अंक प्राप्त करके दूसरे दर्जे में पास हुआ तो मेरे प्रधानाचार्य ने कहा, “बेटे, सोचो कि तुमने विशिष्टता प्राप्त की है।” यह मेरे स्कूली दिनों की याद (स्मृति) है। ___मैंने और भी बहुत सी बातें कीं। देखो, जहाँ तक मेरी बातों का संबंध है, मैं याद नहीं कर पाता हूँ। मैं बड़ी आसानी से बातों को भूल जाता हूँ। याद करने के लिए, मुझे चीजों को फोटोग्राफ की तरह देखना पड़ता है। मैं एक पुस्तक पढ़ता हूँ और मैं फोटोग्राफ की भाँति उसकी विषयवस्तु को याद रख सकता हूँ, अपने दिमाग के द्वारा नहीं। यह ऐसे ही काम करता है।
7. BR : When ………. ‘chor police’ (Page 27)
BR : जब आप स्कूल में थे और पढ़ाई में पीछे होते थे तो क्या अध्यापक आपकी खिंचाई करते थे (डांटते थे) और आप कैसा अनुभव करते थे?
HC : खिंचाई किए जाने पर मैं कभी भी महसूस नहीं करता था। खेलों में मैं काफी अधिक रुचि लेता था। मुझे हर सप्ताह बेतें लगा करती थीं।
BR : जब आपको पता चल जाता था कि आपने अपना गृहकार्य नहीं करके या बुरा आचरण करके अपने अध यापक को नाराज़ कर दिया है, या जब आपको यह पता चलता था कि आपको बेंतें लगेंगी तो आपके मन की क्या हालत होती थी?
HC : मन की हालत? केवल हाथ उठाने पड़ते, और वे आप को बेंतें लगा देते थे। इससे काफी पीड़ा होती और फिर उसे भुलाना पड़ता था, क्योंकि मेरी जाकर खेलने की इच्छा होती थी।
BR : क्या आप कभी असुरक्षित या भयभीत अनुभव नहीं करते थे?
HC : मैं केवल खेलों में रुचि लेता था और किसी में नहीं। मैं मजाकिया खिंचाई करने में सर्वाधिक रुचि लेता था। एक दिन, मैं पढ़ना नहीं चाहता था, इसलिए मैंने एक गलती की। पूरा एक घंटा हम ‘चोर-पुलिस’ खेलते रहे।
8. Every Saturday .. … academics. (Page 27)
हर शनिवार को, फिल्म देखने के लिए हमें शहर में जाने की अनुमति मिलती थी। इसलिए मैं दोपहर का भोजन नहीं करता था और 40-50 विद्यार्थियों से पैसे बटोर लेता था और दौड़ कर टिकटें खरीद लेता था। वापिस आते समय मैं भरपेट भोजन कर लिया करता था।
मैं एक दल का नेता हुआ करता था। हम दलों की लड़ाइयाँ लड़ते थे और लड़ाई की कूटनीति बनाते थे। ये चीजें, मुझे पढ़ाई से अधिक मजा दिया करती थीं।
9. Students used ………. …………… before exams. (Page 28)
विद्यार्थी अगले वर्ष के लिए मेरी पाठ्यपुस्तकों का अग्रिम आरक्षण (बुक कर लेते थे) करा लेते थे क्योंकि वे लगभग नई जैसी ही होती थीं। मैं सम्भवतः उन्हें परीक्षा के एक दिन पहले ही खोला करता था।
Part-II
He stumbled …………………….. looking back. (Page 28)
- वह संयोगवश वास्तुकला में प्रविष्ट हो गया क्योंकि वह थोड़ी फ्रेंच और उससे भी कम जर्मन जानता था।
- वह उन चालों में भी विलक्षण हो गया जो वह दूसरों पर खेला करता था।
- जब उसे अपनी पसन्द का पेशा मिल गया, तो पीछे मुड़ कर नहीं देखा।
10. BR : How did ……… ………. in Bombay . (Page 28)
BR : आप वास्तुकला के क्षेत्र में कैसे प्रविष्ट हुए?
HC : वास्तुकला के महाविद्यालय (कॉलेज) में 80 – 85 से कम प्रतिशत (अंकों) वाले किसी को भी प्रवेश पाने की अनुमति नहीं थी। मेरे केवल 50 प्रतिशत (अंक) थे। मैं सेना में भर्ती होना चाहता था। मुझे मेरा प्रवेश-पत्र मिला परन्तु मेरी आन्टी ने उसे फाड़ दिया। तब मैंने पुलिस बल में भर्ती होने का निर्णय लिया। मेरी मम्मी बोली, “पुलिस बल में भर्ती मत होना केवल अपनी स्नातक की परीक्षा पास करना!” इसलिए मैं बम्बई में जयहिन्द कॉलेज में चला गया।
11. There …… ……… learn French. (Pages 28-29)
वहाँ मुझे या तो फ्रेंच लेनी थी या जर्मन । यद्यपि मैंने सात वर्षों तक फ्रेंच पढ़ी थी तो भी मुझे फ्रेंच के सात अक्षर भी नहीं आते थे। इसलिए मैंने जर्मन ले ली। तब मुझे जर्मन पढ़ाने वाले अध्यापक की मृत्यु हो गई। मुझे कॉलेज से आदेश मिला कि या तो मैं अपना कॉलेज बदल लूँ या फ्रेंच ले लूँ। अब दूसरे कॉलेज में कौन प्रवेश देता। मैंने जयहिन्द में किसी सिफारिश से दाखिला लिया था। इसलिए मैंने सोचा, “ठीक है, मैं फ्रेंच ले लूँगा।” और मैंने दोबारा फ्रेंच सीखनी प्रारंभ कर दी। इसको मैंने अपनी चचेरी बहन से सीखा। वह एक वास्तुशिल्पी की पत्नी थी।
मैं फ्रेंच सीखने के लिए एक वास्तुशिल्पी के दफ्तर जाया करता था।
12. BR : Was it then.. …………… not open. (Page 29)
BR : क्या तब आपने निर्णय लिया कि आप वास्तुशिल्प (की पढ़ाई) करना चाहते हैं?
HC : दरअसल, यह सभी कुछ एकदम अचानक हो गया। वास्तुशिल्पी के कार्यालय में, मैंने किसी को एक खिड़की का विस्तृत खाका बनाते देखा। खिड़की का विवरण बड़ी अग्रिम चित्रकला है। मैंने उसे बताया कि उसकी ड्राइंग गलत है-और उसके द्वारा बनाई गई खिड़की खुलेगी ही नहीं।
13. He then had …… ………. the college. (Page 29)
तब उसने मुझसे शर्त लगाई और बाद में उसे पता चला कि वास्तव में उसकी ड्राइंग गलत थी। मेरी चचेरी बहन के पति हैरान हो गए। उन्होंने कुछ विशिष्ट चीजों की ड्राइंग बनाने के लिए मुझे कहा, जिन्हें मैंने तत्काल बना दिया। उन्होंने मुझे एक घर का डिज़ाइन (खाका) बनाने के लिए कहा और मैंने एक घर का डिज़ाइन बना दिया। उसके बाद, उन्होंने मुझसे कहा कि सब कुछ छोड़ कर वास्तुशिल्प में भर्ती हो जाओ। हम कॉलेज के प्रधानाचार्य से मिलने गए।
14. The Principal ……. ……… alike. (Page 29)
प्रधानाचार्य ने मुझे चेतावनी दी, “मैं तुम्हें प्रवेश परीक्षाओं में बैठने की अनुमति दे दूँगा परन्तु यदि तुम उसमें सही नहीं उतरे तो मैं तुम्हें प्रवेश की अनुमति नहीं दूंगा।” मैंने प्रवेश परीक्षा में ‘A +’ प्राप्त किया और उस दिन के बाद मेरा रास्ता खुल गया। मैंने कभी प्रारूप (प्लॉन) नहीं बनाया था परन्तु मैं जानता था कि कोई वस्तु ऊपर से कैसे दिखाई पड़ती है। .मैंने कभी नहीं जाना था कि ढाँचे का खंड क्या होता है परन्तु मैं जानता था कि यदि आप किसी प्लॉन (plan) को काटेंगे तो वह कैसा लगेगा।
15. I stood ……. ….. to be different. (Page 29)
उसके बाद मैं सदैव प्रत्येक श्रेणी में प्रथम आता रहा। मेरा विश्वास है कि जो कुछ मैं खेला करता था और स्कूल में किया करता था, उसी से यह समूची समझ आई। मेरा एक मित्र था जिसका नाम बेहराम दिवेचा था। हम आपस में किले, बंदूकें और गोला-बारूद डिज़ाइन करने की प्रतियोगिता किया करते थे। हम दोनों कुछ भिन्न प्रकार से प्रारूप बनाने का प्रयत्न करते थे।
16. In school, when ……. ………….. tell her. (Page 30)
स्कूल में जब मैं दूसरी या तीसरी श्रेणी में था तो मेरी एक अध्यापिका श्रीमती गुप्ता ने मेरे रेखाचित्रों को देखा और मुझे बताया, “देखो, तुम बाकी सभी विपयों में वेकार हो परन्तु तुम्हारे रेखाचित्र अच्छे हैं। जब तुम बड़े होंगे तो तुम वास्तुशिल्पी बनोगे।” उस समय मुझे पता नही था परंतु वह ठीक (कह रही) थी। बाद में, जब मैं वास्तुशिल्पी बन गया तो मैं उनसे मिलने गंया और उन्हें बताया।
17. BR : Why do you…. ……… begin with. (Page 30)
BR : आपके विचार में आपको पढ़ाई क्यों पसन्द नहीं थी? क्या यह इसलिए था कि आप महसूस करते थे कि आप सामना नहीं कर सकते थे और निर्धारित पाठ्यक्रम के साथ नहीं चल सकते थे?
HC : भाषाओं में मैं बहुत कमजार था। मैं विज्ञान और भूगोल को ठीक चला लेता था। गणित मेरा बहुत बुरा था। मेरी बिल्कुल रुचि नहीं थी। केवल पढ़ने के लिए मैं पढ़ा करता था। मुझे जो वे आज पढ़ाते थे, मैं दो दिन के बाद भूल जाता था। मैं परेशान नहीं होता था क्योंकि उसे प्रारंभ करने में दिमाग का प्रयोग नहीं करना पड़ता था।
18. BR : Did you … … our work. (Page 30)
BR : क्या तुम सोचते थे कि जो कुछ वे स्कूल में पढ़ाते हैं वह उवाऊ है या क्या तुम यह महसूस करते हो कि जो कुछ पढ़ाया जा रहा है उसकी धारणा को समझने के बाद, शेष पाठ में तुम्हारी रुचि समाप्त हो जाएगी।
HC : छात्रावासीय स्कूल में रहना कठिन होता है। हम दिन-प्रतिदिन केवल जीवित रह रहे थे। आजकल, बहुत अधिक टैस्ट होते हैं। उस समय, जब कभी हमें टैस्ट देना होता था तो हमें केवल नकल – करनी पड़ती थी। अध्यापक सोचता था कि हमने अपना काम पूरा कर लिया।
19. BR : I have ……… …………… taught me. (Pages 30-31)
BR : काफी भिन्न-भिन्न स्थानों पर यह स्थिति मेरे सामने आई है जहाँ लोग मुझे बताते हैं कि उनकी कक्षा में सर्वोच्च स्थान पाने वालों की आज बहुत ही साधारण (सामान्य) उपलब्धि है।
HC : में सोचता हूँ कि स्कूल में बताए गए जीवन ने हमें स्वतन्त्रता से निर्णय लेने वाले बना दिया है। शैक्षिक प्रणाली ने जो कुछ मुझे सिखाया होता उससे अधिक मैंने वह काम करके सीखा है जो मैं करता था।
20. BR : That is …. …… for the day. (Page 31)
BR : ऐसा इसलिए है क्योंकि व्यक्तित्व और योग्यता वहाँ हैं। आपने इस प्रकार की अभिव्यक्ति पाई जो आपके लिए सुगम थी और आपने प्रत्येक नियम को चुनौती दी ताकि कोई भी वह काम करने से आपको नहीं रोक सके जो आप करना चाहते थे।
HC : मैं दूसरी चीजों में अधिक रुचि लेता था। उदाहरण के तौर पर, कक्षा में मेरे होते हुए, बाहर वर्षा होने लग जाती तो मैं बहते पानी के बारे में और उस पर बाँध कैसे बनाया जाए, सोचता। बाँध के भीतर पानी के बहने तथा बाँध कितने पानी को संभाल सकेगा, इसके विषय में सोचने लग जाता। उस दिन के लिए मेरी दिलचस्पी वही होती।
21. When students …… ………. not matter. (Page 31)
जब खेलते या लड़ते समय, विद्यार्थियों का कोई बटन खो जाता तो वे दौड़ते हुए मेरे पास आते थे और मैं ब्लेड का प्रयोग करके उनके लिए चॉक से बटन काट देता था। स्कूल में अनुशासन बहुत महत्त्वपूर्ण था और कोई भी विद्यार्थी बटन नहीं खो सकता था। रात्रि भोजन तक
विद्यार्थियों को समूची स्वच्छ वेशभूषा में रहना पड़ता था तथा इसके बाद कोई फर्क नहीं पड़ता था।
22. BR : Coming to ……… ……… instinctively. (Page 31)
BR : वर्तमान काल में आते हुए, आप किस प्रकार फैसला करते हैं कि आप ग्राहक को किस प्रकार का ढाँचा देना चाहते हैं?
HC : मैं ग्राहक के चेहरे, उसके कपड़ों, बात करने का उसका ढंग और उच्चारण तथा उसके खाने के ढंग को देखता हूँ और जान जाता हूँ कि उसकी रुचि किस प्रकार की होगी। मैं सुगम तरीके से लोगों के सामने विवरण रख सकता हूँ। मैं कागज के ऊपर तत्काल सहजता से रेखाचित्र बना सकता हूँ। उस कागज को मैं कार्यालय में अपने लोगों को दे देता हूँ।
BR : आप यह स्वाभाविक रूप से कर लेते हैं?
23. HC : Call it ………. …….. dealing. with. (Page 32)
HC : इसे आप स्वाभाविक कहें या अंकगणित कहें, जो चाहे, कहें। अब यह मेरे सामने गणित की तरह आता है। रूपरेखा (डिज़ाइन) निर्माण, मनोविज्ञान और समाजशास्त्र, सभी को एक साथ रखकर और उन सभी की सहायता से रेखाचित्र (स्केच) बनाने को गणित कहते हैं। यहाँ हम एक समूचे घेरे पर पहुँच जाते हैं जहाँ मि. कान्ट्रेक्टर ने गणित की अपनी निजी व्याख्या की है-जो उस विषय तक ले गया है जिससे वह घृणा करते थे और जिसके साथ अब उनके सम्बन्ध प्यार भरे हैं।
The Treasure Within MCQs Multiple Choice Questions
(a) Architecture
(b) English
(c) Mathematics
(d) Drawing
(a) Doing graduation
(b) Joining police force
(c) Playing various games
(d) Cracking jokes
(a) Behram Divecha
(b) Behram Khan
(c) Behram Lodhi
(d) None of the above
(a) Played violin
(b) Played ‘chor police’
(c) Played Badminton
(d) Played jokes
(a) Cousin’s husband
(b) Maternal uncle
(c) Father’s brother
(d) Brother’s daughter
(a) Bela Bose
(b) Bela Raja
(c) Bela Rani
(d) Bela Ram
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